UP Expressway : उत्तर प्रदेश को हर राज्य के साथ जोड़ने के लिए योगी सरकार लगातार नए एक्सप्रेसवे बनाते जा रही है। सरकार के इन प्रयासों के चलते अब प्रदेश में 15 एक्सप्रेसवे हैं। सात एक्सप्रेसवे संचालित हैं और बाकी पर निर्माण कार्य चल रहा है। अब यूपी में सरकार सबसे लंबा 700 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी कर रही है। चलिए जानते हैं किन जिलों से जुड़ेगा यह एक्सप्रेसवे –
यूपी की सड़क कनेक्टिविटी को दुनिया में सबसे मजबूत करने के लिए सरकार सड़कों का जाल बिछा रही है। लगातार नए नए एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। बड़े एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। अब यूपी वालों के लिए एक गुड न्यूज है। दरअसल, प्रदेश में अब गंगा एक्सप्रेसवे जो 570 किलोमीटर लंबा है। अब नया 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे (UP longest expressway) बनने वाला है। इसके लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। बता दें कि यह एक्सप्रेसवे 6 लेन बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में बनाया जाएगा।
बनेगा 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे –
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नया प्रस्तावित एक्सप्रेसवे (New Expressway) गोरखपुर से शामली तक जाएगा, जो पूरब से पश्चिमी यूपी को जोड़ने वाला दूसरा एक्सप्रेसवे होगा। फिलहाल मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है। यूपी में बनने वाले सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का नाम गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) होगा।
यह लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा। इसके निर्माण के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए मसूरी और देहरादून के साथ हरिद्वार और ऋषिकेश तक जाना काफी आसान हो जाएगा। फिलाहल इस सफर को पूरा करने में 12 घंटे का समय लगता है, जबकि नया गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे बनने से यह दूरी सिर्फ 6 घंटे की रह जाएगी।
22 जिलों और 37 तहसीलों को मिलेगा फायदा –
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) के बनने से 22 जिलों और 37 तहसीलों को सीधा फायदा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे इन जिलों और तहसीलों से होकर निकलेगा। अनुमान है कि इसके बनने के बाद इन जिलों में जमीन के रेट सातवें आसमान में जा सकते हैं। यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह ग्रीनफील्ड तकनीक पर बनाया जाएगा, जिसका मतलब है कि एक्सप्रेसवे की सभी ऊर्जा आधारित जरूरतों को सौर ऊर्जा के जरिये पूरा किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से सफर तो आसान होगा ही इसके साथ ही गोरखपुर से शामली तक की दूरी भी करीब 200 किलोमीटर कम हो जाएगी।
राज्य के पिछड़े जिलों को भी होगा फायदा
गोरखपुर से पश्चिमी यूपी के शामली तक जाने वाले नये एक्सप्रेसवे (new expressways) में गोरखपुर, संत कबीर शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, नगर, सिद्धार्थ नगर, मुजफ्फरनगर, आगरा, बरेली, संभल, मेरठ और शामली जिले शामिल हैं. इन सभी जिलों में जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। इसके तैयार होने के बाद गोरखपुर से हरिद्वार तक केवल 8 घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा।
35 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च –
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI के द्वारा किया जाएगा। NHAI ने इस एक्सप्रेसवे के लिए DPR तैयार कर रहा है। कई जिले में सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि जमीन अधिग्रहण के बाद इस पर करीब 35,000 करोड़ रुपये लागत आएगी। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के औद्योगिक और पर्यटन विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके जरिये पूर्वी यूपी के धार्मिक स्थलों से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र और पर्यटक स्थलों तक पहुंच काफी आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी की आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा।