Ghaziabad Kanpur Expressway: उत्तर प्रदेश एक बड़े बदलाव का साक्षी बन रहा है जहाँ एक्सप्रेसवे के विस्तार से राज्य का आर्थिक और सामाजिक चेहरा बदल रहा है. इसकी ताजा कड़ी में गाजियाबाद से कानपुर तक एक नया एक्सप्रेसवे शामिल होने जा रहा है जिसे गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का नाम दिया गया है. यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा की दूरियों को कम करेगा, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी नए अवसर मिलेंगे.
इन लोगों को मिलेगा एक्सप्रेसवे का फायदा
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे 9 जिलों (districts connected by expressway) को आपस में जोड़ेगा, जिसमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर शामिल हैं. यह एक्सप्रेसवे विशेष रूप से ग्रीनफील्ड (greenfield expressway project) परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए विकास को गति देना है.
एक्सप्रेसवे की तकनीकी विशेषताएँ
प्रारंभिक चरण में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 4 लेन (four-lane expressway) के रूप में किया जा रहा है, जिसे भविष्य में 6 लेन तक बढ़ाने की संभावना है. इससे न केवल ट्रैफिक का प्रबंधन बेहतर होगा, बल्कि जाम से मुक्ति भी मिलेगी. यह नया एक्सप्रेसवे नोएडा के जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport connectivity) से भी जुड़ने की योजना में है, जिससे यात्रा के समय में काफी कमी आएगी और उद्योग धंधों को भी बढ़ावा मिलेगा.
एक्सप्रेसवे के जुड़ाव और विस्तार
इस एक्सप्रेसवे का उत्तरी छोर NH-9 से जुड़ा होगा जबकि दक्षिणी छोर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा. इसके अलावा, इसे हापुड़ से मेरठ एक्सप्रेसवे (Meerut Expressway connectivity) से जोड़ने के लिए 60 किमी लंबे कनेक्टर रोड का निर्माण किया जाएगा. यह सभी जुड़ाव एक्सप्रेसवे के प्रभावी उपयोग और यात्रा के समय को कम करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे.
इतने समय में बनकर होगा तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने से दिल्ली-एनसीआर से उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक पहुंचना और भी सुगम हो जाएगा. यह नई सड़क परियोजना (new road project completion) राज्य की यात्रा और वाणिज्यिक विस्तार को नई दिशा प्रदान करेगी और आम जनता के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक और तेजी से पूर्ण करने की सुविधा देगी.