Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में लगातार नए नए एक्सप्रेसवेज बनाए जा रहे हैं। गोरखपुर से पानीपत तक की कनेक्टिविटी की जाएगी। उत्तर प्रदेश में पहली बार इतना लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी के 22 जिलों में भी आपस में कनेक्टिवीटी बढ़ेगी।
यूपी में रोजाना ही नए नए एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जा रहे हैं। अब फिर से एक नए एक्सप्रेसवे को सरकार की ओर से बनाने का प्रस्ताव है। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी का पूर्वी हिस्सा हरियाणा से जुड़ जाएगा। यहां से नेपाल तक जाना भी आसान हो सकता है।
पहले शामली तक होना था विस्तार
इस गोरखपुर एक्सप्रेसवे (expressway ka Vistar) का विस्तार पहले शामली तक किया जाना था, परंतु अब इसको बढ़ाकर पानीपत तक कर दिया गया है। यह सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, अमरोहा और पीलीभीत से होकर बरेली और मुरादाबाद तक पहुंचेगा। एक्सप्रेसवे को ग्रीनफिल्ड तकनीक से बनाया जाएगा।
हरियाणा तक विस्तार करने की है प्लानिंग
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Govt) की ओर से सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के क्षेत्र में बहुत बड़ा काम उत्तर प्रदेश में हो रहा है। सीएम योगी की नगरी गोरखपुर से शामली तक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur to Shamli Expressway) बनाने के प्लान में बदलाव आया है।
इसको अब विस्तार करके हरियाणा के पानीपत तक बनाया जाएगा। राज्य के पूर्वी क्षेत्र गोरखपुर को हरियाणा के पानीपत (Panipat Expressway) से जोड़ने वाले लगभग 700 किलोमीटर लंबे एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।
इन लोगों को भी होगा फायदा
हरियाणा के पानीपत (Haryana to Panipat Expressway) में कपड़ा, कृषि-आधारित, लकड़ी-फर्नीचर, कागज उद्योगों की भरमार है। यहां पर छोटे बड़े 4000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मजदूर हरियाणा (Haryana) में काम करने जाते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की ओर से सुनश्चिति बेहतर कनेक्टिविटी दोनों राज्यों के बीच व्यापार के नए रास्ते खोलेगी। डीपीआर पर काम शुरू किया जा रहा है।
8 लेन तक किया जा सकेगा विस्तार
एक्सप्रेसवे को 4-6 लेन बनाया जाना है। इसको विस्तार करके 8 लेन तक किया जा सकता है। एक्सप्रेसवे के 2026 में शुरू होने की संभावना है। यह राज्य के कई जिलों, विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा, जो अपने हस्तशल्पि, कपड़ा और कृषि-आधारित उत्पादों के लिए जाना जाता है और जिनके जिले एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के अंतर्गत विशेषज्ञता रखते हैं।
दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम
NHAI के अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया कि सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल की मांग बहुत अधिक है और इसका निर्यात भी किया जाता है। NHAI के उप महाप्रबंधक (तकनीकी) अंकित वर्मा का कहना है कि वर्तमान में डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर कार्य चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि नियंत्रित सड़क प्रणालियों से दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाती है, जिससे वाहनों के अनियंत्रित प्रवेश से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, अमरोहा और पीलीभीत से होकर बरेली और मुरादाबाद तक जाएगा और इसका ज्यादातर हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा। शुरुआत में इसे गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (New Expressway In UP) के रूप में योजना बनाई गई थी, लेकिन अब इसे पानीपत तक विस्तारित कर दिया गया है।
NHAI के अधिकारियों का कहना है कि DPR में एक्सप्रेसवे का संरेखण और अन्य आवश्यकताएं शामिल होंगी। राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण में सहयोग करेगी और DPR को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है, जिनमें पेड़ों की न्यूनतम कटाई, यात्रियों की संख्या का आकलन और आवश्यकता पड़ने पर प्रमुख सड़कों एवं राजमार्गों को जोड़ना शामिल है।
अधिकारियों का कहना है कि यूपी (UP News) में लोगों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कुछ बिंदुओं पर राज्य में सड़कों को जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है। DPR को अंतिम रूप देने से पहले इन सिफारिशों पर विचार किया जाएगा। निर्माण कार्य को कई पैकेजों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक खंड 50 से 70 किमी तक लंबा हो सकता है। NHAI के के उप महाप्रबंधक वर्मा ने कहा कि योजना यह है कि एक बार DPR अंतिम रूप से स्वीकृत हो जाए, तो पूरा काम ढाई साल में पूरा हो जाए। इसके लिए अलग-अलग खंडों को निविदा के माध्यम से अलग-अलग कार्य एजेंसियों को सौंपा जाएगा।
