UP News : उत्तर प्रदेश लखनऊ मेट्रो उत्तर प्रदेश की पहली मेट्रो परियोजना है। जिसका निर्माण कार्य समाजवादी पार्टी के कार्यकाल यानी सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ। इसके बाद योगी सरकार में इसका और विस्तार हुआ। अब राजधानी की दो लाइनों में ये मेट्रो ट्रेने दौड़ रही हैं।
भारत का इकलौता राज्य, जहां चलती हैं सबसे ज्यादा मेट्रो
लखनऊ मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपये है। ब्लू लाइन का अधिकतम किराया 60 रुपये है। लखनऊ की पहली मेट्रो सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात्रि 10 बजे तक सेवा देती है। साल 2024 बीत रहा है. नये साल के स्वागत में तैयारियां हो रही हैं. बीता हुआ साल कई मायनों में खास था. यूपी में योगी सरकार ने विकास की नई इबारत लिखी. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक शहरों में मेट्रो संचालित करने वाला पहला राज्य बन गया है। यूपी में नोएडा, लखनऊ, कानपुर और आगरा में लोग मेट्रो सेवा का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन आने वाले समय में गोरखपुर, मेरठ, बरेली के साथ प्रयागराज में मेट्रो ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी। आज हम संगमनगरी में चलने वाली लाइट मेट्रो के बारे में बात करेंगे। प्रयागराज में लाइट मेट्रो में सफर का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है।
अगले वित्तीय वर्षों में परियोजना के लिए ट्रैक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फिलहाल, मेट्रो प्रोजेक्ट में 2 लाइनें शामिल हैं, जो 44 किलोमीटर के कॉरिडोर में बंटे हैं। परियोजना के विकास के लिए 8125 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इसमें जमीन अधिग्रहण के साथ 30 वर्षों का आपरेशन और मेंटेनेंस भी किया जाएगा। प्रयागराज मेट्रो को समाजवादी सरकार यानी तात्कालीन सीएम अखिलेश के कार्यकाल में 2016 में मंजूरी मिली थी। हालांकि साल 2019 में योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के बजट में प्रारंभिक कार्य शुरू करने के लिए 175 करोड़ रुपये मुहैया कराए थे। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकनॉमिक सर्विस ने अपनी रिपोर्ट के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले से पहले संगमनगरी में मेट्रो संचालन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि यह कितना संभव अभी कहना मुश्किल होगा। संगमनगरी प्रयागराज में मेट्रो में घूमने का सपना जल्द पूरा हो सकता है. संगमनगरी में लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अगले वित्तीय वर्ष में ट्रैक बनाने की प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं।
महाकुंभ में रंग जमाएगी Prayagraj Metro
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो अपनी फुल स्पीड से दौड़ रही है. गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और कानपुर में भी मेट्रो का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। बता दें कि अभी तक पांच शहरों में मेट्रो है. इसमें लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं. मेरठ से साहिबाबाद तक रैपिड रेल का भी संचालन हो रहा है। कानपुर में पहले चरण में मेट्रो का काम शुरू पूरा हो गया है. यहां पहले चरण में 23 स्टेशन हैं. वहीं, दूसरे चरण में 8 ही स्टेशन होंगे।इतना ही नहीं आगरा और मेरठ में मेट्रो निर्माण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. साथ ही प्रयागराज में भी मेट्रो चलाने पर विचार किया जा रहा है. इस पर काम भी शुरू हो गया है। लखनऊ मेट्रो की रेड लाइन रूट मुंशी पुलिया से चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे अमौसी तक है। इसे उत्तर.दक्षिण गलियारा कहा जाता है। रेड लाइन पूर्णतया 2029 में कमर्शियल तौर पर संचालित की गई। इस रूट पर 21 स्टेशन हैं।
दूसरा रूट ब्लू लाइन है, जो चारबाग मेट्रो स्टेशन से वसंत कुंज तक है। इसे ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है। ब्लू लाइन में कुल 12 स्टेशन हैं, जिनमें 6 एलिवेटेड हैं और 6 अंडरग्राउंड। आगे 6 नए मेट्रो कॉरिडोर राजधानी लखनऊ में विकसित करने की योजना है। इसके अलावा वाराणसी और गोरखपुर में भी मेट्रो चलाने की तैयारी है. बरेली में भी मेट्रो चलाने के प्लान पर काम चल रहा है. इन शहरों में भी मेट्रो जल्द ही दौड़ती नजर आएगी। आगरा में मेट्रो का अधिकांश काम पूरा हो गया है. जल्द ही यहां मेट्रो चलने लगेगी. आगरा मेट्रो में दो मेट्रो लाइनें होंगी. इसकी कुल लंबाई 29.65 ज्ञड है. पहले चरण में सिकंदरा से ताज ईस्ट तक 14 स्टेशन होंगे। वहीं, दूसरे चरण में आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक ब्लू लाइन में 15 स्टेशन होंगे. योगी सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है