UP News : उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। यूपी में तीन नए एक्सप्रेस.वे बनने जा रहे हैं। यूपीडा द्वारा लखनऊ-बाराबंकी.नानपारा लिंक एक्सप्रेस वे को निजी भागीदारी के सहयोग से विकसित करने की रिपोर्ट तैयार हो रही है।
एक्सप्रेस.वे की रिपोर्ट व प्रस्तावित तैयारी
लखनऊ-बाराबंकी-नानपारा लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए यूपीईडा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। इसके साथ ही इस परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव ;ईआईए, का भी अध्ययन किया जा रहा है। यूपी में तीन नए एक्सप्रेस-वे बनने जा रहे हैं। यूपीडा द्वारा लखनऊ-बाराबंकी-नानपारा लिंक एक्सप्रेस वे को निजी भागीदारी के सहयोग से विकसित करने की रिपोर्ट तैयार हो रही है। इतने एक्सप्रेस वे के साथ उत्तर प्रदेश में एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में समय की बचत आधी से भी ज्यादा होगी। साथ ही अन्य राज्यों के लिए भी कनेक्टिविटी न केवल सुगम होगी बल्कि समय की भारी बचत होगी। इसका लाभ यात्री वाहनों के साथ-साथ लाजिस्टिक्स को प्रत्यक्ष रूप से मिलेगा।
खास तौर पर ऐसे कृषि उत्पाद, जिनकी लाइफ सर्किल कम होती है, उनकी पहुंच का दायरा तीन गुना अधिक दूरी तक पहुंचेगा, जिससे उन्हें फसल की कीमत अच्छी मिलेगी। 8700 करोड़ रुपये की लागत से आठ लेन के अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस वे की फाइल का भी अध्ययन हो रहा है। ये एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा से पहले बुलंदशहर के सनौता पुल से मुजफ्फरनगर स्थित पुरकाजी तक ऊपरी गंगा नहर के किनारे से निकलेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक विकास विभाग पहले ही इस संबंध में प्रस्ताव जारी कर चुका है। बेतवा और घाघरा नदियों से होकर गुजरने वाली इस एक्सप्रेस-वे परियोजना का जिम्मा भी यूपीईडा को सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त, लंबे समय से लखनऊ से मुरादाबाद वाया बरेली एक्सप्रेस-वे की मांग की जा रही है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने का मार्ग प्रदान करेगा।
यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ने की मांग
एक्सप्रेस वे के मामले में उत्तर प्रदेश की रफ्तार अन्य राज्यों से बहुत आगे है। सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक नए एक्सप्रेस वे के प्रस्ताव तेज हो गए हैं। इसके तहत लखनऊ-नानपारा एक्सप्रेस वे, झांसी से कुशीनगर वाया कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे और कानपुर-आगरा एक्सप्रेस वे की रिपोर्ट पर काम हो रहा है। सभी एक्सप्रेस वे पीपीपी मॉडल (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत बनाने की योजना है। वर्तमान में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस और यमुना एक्सप्रेस वे संचालित हैं। गंगा एक्सप्रेस वे 68 फीसदी बन चुका है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लगभग तैयार है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे और झांसी-जालौन एक्सप्रेस वे को मंजूरी दी जा चुकी है।
इसी तरह झांसी-कानपुर-लखनऊ-गोरखपुर-कुशीनगर एक्सप्रेस वे राज्य की दक्षिणी और पूर्वी सीमाओं को जोड़ेगा। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा इस संबंध में काफी पहले इस संबंध में प्रस्ताव जारी हो चुकी है। बेतवा और घाघरा से गुजरने वाली ये एक्सप्रेसवे परियोजना भी यूपीडा को सौंपी गई है। इस बीच लखनऊ से मुरादाबाद वाया बरेली होते हुए भी एक्सप्रेस वे की भी मांग लंबे समय से की जा रही है। इस एक्सप्रेस वे के जरिये पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ने की मांग है। यूपीडा द्वारा लखनऊ-बाराबंकी-नानपारा लिंक एक्सप्रेस वे को निजी भागीदारी के सहयोग से विकसित करने की रिपोर्ट तैयार हो रही है। एक्सप्रेस-वे की रिपोर्ट व प्रस्तावित तैयारी पर काम शुरू हो गया है। इसके पर्यावरण प्रभाव (ईआईए) पर अध्ययन किया जा रहा है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे की फिजिबिलिटी पर अध्ययन किया जा रहा है। ये एक्सप्रेस वे यमुना नदी के किनारे से गुजरेगा।