e-Rickshaws: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही ई-रिक्शा की आयु सीमा निर्धारित कर सकती है। यह नियम पेट्रोल और डीजल वाहनों की तर्ज पर लागू होगा, जिससे पुराने और अनफिट ई-रिक्शा को सड़क से हटाया जा सकेगा। परिवहन विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा है।
आयु सीमा क्यों जरूरी है?
ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या के साथ-साथ अनफिट और पुराने वाहनों से दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। अपर परिवहन आयुक्त एके सिंह के अनुसार, इस आयु सीमा को लागू करने से न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
वाहन प्रकार वर्तमान आयु सीमा
पेट्रोल वाहन 15 वर्ष
डीजल वाहन 10 वर्ष
ई-रिक्शा प्रस्तावित 5-7 वर्ष
ई-रिक्शा की फिटनेस और सुरक्षा
ई-रिक्शा का वजन कम होने से उसकी दूरी भी बढ़ जाती है, लेकिन समय के साथ उसकी बैटरी और अन्य उपकरणों की कार्यक्षमता घट जाती है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है। पुराने और जर्जर ई-रिक्शा यातायात के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं, इसलिए इनकी आयु सीमा तय करना बेहद जरूरी है।
केंद्र सरकार का निर्णय आवश्यक
हालांकि, ई-रिक्शा के पंजीकरण और आयु सीमा पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। उत्तर प्रदेश सरकार इस प्रस्ताव को केंद्र के सामने रखेगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-रिक्शा का संचालन सुरक्षित हो। आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है, जिससे ई-रिक्शा संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव संभव हैं। इस कदम से यातायात व्यवस्था को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में मदद मिलेगी।