मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज जैसे धार्मिक महत्व वाले जिले पर्यटन की अपार संभावनाएं रखते हैं और सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल हैं। बावजूद इसके इन तीर्थनगरी में विकास कार्यों की गति धीमी नजर आ रही है।
यूपी विकास रैंकिंग में प्रयागराज सबसे फिसड्डी !
हाल ही में जारी प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में मथुरा 69 वें स्थान पर रहा, जबकि अयोध्या और वाराणसी की स्थिति भी बेहतर नहीं है। सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए प्रयागराज 74वें स्थान पर रहा। शासन द्वारा राजस्व और विकास दोनों के कार्यों को मिलाकर संयुक्त रूप से मूल्यांकन कर एक संयुक्त रैंकिंग भी जारी की जाती है। इसमें भी चारों तीर्थनगरी का हाल बेहाल ही नजर आ रहा है। मथुरा जहां 68वें स्थान है तो वहीं वाराणसी 63वें, अयोध्या 68वें और प्रयागराज सबसे फिसड्डी 75वें स्थान पर ही है। जनवरी महीने के विकास कार्यों का मूल्यांकन कर शासन ने सोमवार को प्रदेश स्तरीय रैंकिंग जारी की। महाकुंभ के आयोजन के बावजूद तीर्थराज प्रयागराज विकास कार्यों में सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 74वें स्थान पर पहुंच गया है।
डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि उनकी हाल में तैनाती हुई है और आगामी रैंकिंग में सुधार के प्रयास किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। संगम में स्नान के लिए श्रद्धालु हजारों की संख्या में आ रहे हैं। सुबह तीन बजे से ही स्नान जारी है। जिसके चलते प्रयागराज आने और जाने वाले रास्तों पर जाम देखा जा रहा है। सड़कों पर वाहनों और पैदल चलने वाले यात्रियों को मिनटों की दूरी घंटों में तय करनी पड़ रही है। श्रद्धालु कई किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। माघ पूर्णिमा से पहले महाकुंभ में महाजाम की स्थिति देखी जा रही है। जनवरी में कराए गए विकास कार्यों का मूल्यांकन कर शासन ने सोमवार को जिलों की रैंकिंग जारी कर दी। इसमें श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा की रैंकिंग बेहद पिछड़ गई है। इस बार प्रदेश के 75 जिलों में मथुरा को 69वां स्थान मिला है। वहीं भोलेनाथ की नगरी कही जाने वाली वाराणसी की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है। प्रदेश की सूची में वाराणसी का स्थान 45वां और और श्रीराम की नगरी अयोध्या 53वें स्थान पर है। विकास कार्यों की रैंकिंग में मथुरा जहां 69वें स्थान पर है तो वहीं अयोध्या और वाराणसी की स्थिति भी ठीक नहीं है। वहीं महाकुंभ की नगरी प्रयागराज 74वें स्थान के साथ सबसे फिसड्डी है।
सीएम डैशबोर्ड दर्पण के आधार पर जारी हुई रैंकिंग
वाराणसी और अयोध्या की यातायात व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ट्रैफिक जाम के कारण सड़कों पर वाहन रेंग रहे हैं, रेलवे स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ है, और हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। वाराणसी और अयोध्या की यातायात व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ट्रैफिक जाम के कारण सड़कों पर वाहन रेंग रहे हैं,, रेलवे स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ हैए और हर तरफ अफरा.तफरी का माहौल बना हुआ है। केवल विकास में ही नहीं राजस्व कार्यों के आधार पर जारी रैंकिंग में भी मथुरा, काशी, अयोध्या और प्रयागराज का प्रदर्शन बेहद खराब है। प्रयागराज जहां प्रदेश में 75वें स्थान के साथ सबसे नीचे है तो वहीं मथुरा 61वें स्थान पर है। वाराणसी 66वें और अयोध्या 70वें स्थान पर है।
विकास के साथ-साथ राजस्व कार्यों में भी प्रदेश में टॉप पर है। उत्तर प्रदेश के चार जिले काशी, मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज जो सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं, वहीं पर विकास की रफ्तार खस्ताहाल है। विकास कार्यों की रैंकिंग में ये जिले पिछड़े हुए हैं। सबसे खराब स्थिति तो उस जिले की जहां इन दिनों विश्व का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ चल रहा है। हम बात कर रहे हैं तीर्थराज प्रयागराज की। प्रयागराज की स्थिति विकास कार्यों में सबसे खराब है। प्रदेश की सूची में 74वें स्थान पर प्रयागराज पहुंच गया है। सीएम डैशबोर्ड दर्पण के तहत प्रत्येक माह जिले में कराए जाने वाले विकास कार्यों के आधार पर प्रदेश स्तरीय रैंकिंग जारी होती है। तीर्थस्थल होने के साथ ही पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले इन जिलों में विकास के लिए भी सरकार ने खजाना खोल रखा है लेकिन विकास की रफ्तार में ये जिले हारे हुए नजर आ रहे हैं।