उत्तर प्रदेश के 14 गांवों के लिए विकास की नई राह खुलने वाली है। 8 लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण इन गांवों को मुख्य शहरों से जोड़ेगा, जिससे यातायात सुगम होगा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। यह परियोजना किसानों और व्यापारियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगी। एक्सप्रेसवे के जरिए गांवों की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। जानें इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में सड़कों और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क को आधुनिक और तेज बनाने पर लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे एक प्रमुख प्रोजेक्ट के रूप में उभर रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, बल्कि यात्रा में लगने वाले समय को भी काफी हद तक कम करेगा।
63 किमी लंबा एक्सप्रेसवे
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे 63 किमी लंबा होगा, जिसे बनाने की अनुमानित लागत 4,700 करोड़ रुपये है। पहले इसे 6-लेन का बनाया जाना था, लेकिन अब इसे 8-लेन का बनाया जा रहा है। यह निर्णय बढ़ते यातायात और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस प्रोजेक्ट में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ उच्च स्तर के सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा गया है।
निर्माण कार्य की प्रगति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य ने तेजी पकड़ ली है। लगभग 75% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एलिवेटेड रोड और ग्रीन फील्ड रूट का कार्य तय समय सीमा से पहले पूरा होने की संभावना है। निर्माण पूरा होने के बाद यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि क्षेत्र में विकास और रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगा।
रूट और मार्ग
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की शुरुआत लखनऊ के शहीद पथ से होगी और यह बंथरा, बनी, दतौली कांथा, तौरा, न्यौराना, अमरसास और रावल मार्ग होते हुए कानपुर के नवाबगंज से जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट में 18 किमी एलिवेटेड रोड और 45 किमी ग्रीन फील्ड रूट का निर्माण किया जा रहा है। यह रूट 14 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे इन गांवों के विकास को गति मिलेगी।
यात्रा का समय होगा कम
वर्तमान में लखनऊ से कानपुर तक की यात्रा में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। लेकिन एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी केवल 45 मिनट में तय की जा सकेगी। अभी के हालात में यातायात जाम और संकरी सड़कों की वजह से यात्रा में समय अधिक लगता है। एक्सप्रेसवे इन समस्याओं का समाधान करेगा।
निर्माण की शुरुआत और उपलब्धियां
इस प्रोजेक्ट की आधारशिला मार्च 2019 में रखी गई थी। अब तक तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं। इन संरचनाओं के जरिए यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं
- तीन बड़े पुल: यातायात को सुगम और तेज बनाएंगे।
- 28 छोटे पुल: स्थानीय निवासियों की आवाजाही के लिए बनाए गए।
- 38 अंडरपास: पैदल यात्रियों और छोटे वाहनों के लिए सुरक्षित मार्ग।
- छह फ्लाईओवर: यातायात जाम की समस्या को दूर करेंगे।
व्यापार, पर्यटन और ग्रामीण विकास को बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे से लखनऊ और कानपुर के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे। व्यापारियों के लिए तेज परिवहन सुविधा के साथ-साथ पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। साथ ही, इस प्रोजेक्ट से जुड़ने वाले 14 गांवों को विकास के नए अवसर मिलेंगे। इन गांवों में बेहतर कनेक्टिविटी के कारण रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और लोग आसानी से बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे: आधुनिकता की ओर कदम
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा देगा। यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि प्रदेश के विकास और आर्थिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाएगा।