आने वाले दिवाली और छठ पूजा के मौके पर व्यवस्थित ट्रेनों की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। अधिकांश ट्रेनें पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, स्पेशल ट्रेनें अपेक्षाकृत खाली चल रही हैं, लेकिन लेटलतीफी के कारण इनमें भी यात्रियों की संख्या कम देखी जा रही है। सुबह की ट्रेनें अब शाम को और शाम की ट्रेनें सुबह में अपने गंतव्य तक पहुंचा रही हैं, जिससे यात्रा में काफी असुविधा हो रही है। इस बीच, लखनऊ-छपरा स्पेशल वंदे भारत ट्रेन भी है, जो कैंट स्टेशन होकर गुजरती है। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय सावधानी बरतें और पहले से बुकिंग कर लें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस त्योहार के मौसम में यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी को सही समय पर तैयारी करनी होगी।
त्योहारों के मौसम में स्पेशल ट्रेनों में सीटों की उपलब्धता तेजी से समाप्त हो रही है। हाल ही में, कई स्पेशल ट्रेनें निर्धारित समय से काफी देरी से पहुंच रही हैं। इसके पीछे एक मुख्य कारण यह है कि व्यवस्थित ट्रेनों को प्राथमिकता देने के लिए स्पेशल ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया जा रहा है।
इस स्थिति के चलते यात्रियों को कूलिंग और कोच के वॉशरूम में पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के कारण, यात्री इन ट्रेनों में यात्रा करने से हिचकिचा रहे हैं और केवल मजबूरी में ही टिकट बुक कर रहे हैं। त्योहारों के दौरान यात्रा करने वाले यात्रियों को इस तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा का अनुभव काफी खराब हो रहा है।
मुंबई, दिल्ली, सूरत, गुजरात, पंजाब और अन्य राज्यों से बिहार-झारखंड की ओर जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इन ट्रेनों में, जो कैंट के रास्ते गुजरती हैं, यात्रियों को सीटें मिलना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में, यात्री मजबूरी में जनरल और स्लीपर क्लास में यात्रा करने को मजबूर हैं।
हालांकि, कई यात्रियों ने दो महीने पहले से ही कंफर्म सीट बुक कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें अब भी वेटिंग लिस्ट में रखा जा रहा है। यह स्थिति त्योहारों के मौसम में और भी गंभीर हो गई है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों की इस भीड़भाड़ ने यात्रा को कठिन बना दिया है और यात्रियों की असुविधा बढ़ा दी है।
कैंट स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र के पर्यवेक्षकों के मुताबिक, वाराणसी-छपरा रूट पर चलने वाली ट्रेन नंबर:- 02270 वंदे भारत लखनऊ-छपरा स्पेशल ट्रेन में काफी सीटें खाली पाई गई हैं। इस ट्रेन के कंफर्म क्लास (सीसी) में 170 सीटें और इकोनॉमी क्लास (ईसी) में 34 सीटें उपलब्ध हैं।
हालांकि, यात्रियों की संख्या में कमी का मुख्य कारण टिकट का उच्च किराया बताया जा रहा है। अधिक किराए के चलते कई यात्री इस ट्रेन में यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। इस स्थिति ने यात्रियों के लिए यात्रा को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है, क्योंकि वे सस्ती विकल्पों की तलाश में हैं।
इस तरह की परिस्थिति में, रेलवे को यात्रियों की सुविधा के लिए किराए में कमी करने पर विचार करना चाहिए, ताकि अधिक लोग इस तेज़ और सुविधाजनक ट्रेन सेवा का लाभ उठा सकें।
छठ पूजा के अवसर पर, दिल्ली और वाराणसी के मध्य में चलने वाली ट्रेन नंबर:- 05038 स्पेशल आनंद विहार-बनारस ट्रेन में 1300 से ज्यादा सीटें खाली पाई गई हैं। इस ट्रेन के माध्यम से श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा करने का अवसर मिल रहा है, लेकिन सीटों की इस कमी ने यात्रियों को चिंतित कर दिया है।
इसके अलावा, ट्रेन नंबर:- 22416 वंदे भारत ट्रेन के कंफर्म क्लास (सीसी) में भी 416 सीटें उपलब्ध हैं, जो यात्रियों के लिए एक और विकल्प प्रस्तुत कर रही हैं। इसके साथ ही, ट्रेन नंबर:- 05056 वाराणसी सिटी-लालकुआं एक्सप्रेस में 29 अक्टूबर और 5 नवंबर को भी सीटें खाली हैं, जिससे यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद मिल सकती है।
इस स्थिति ने यात्रियों को सस्ती और सुविधाजनक यात्रा की तलाश में और भी मजबूर कर दिया है। रेलवे को इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने घर पहुँच सकें और छठ पूजा का त्योहार धूमधाम से मना सकें।
आरपीएफ और सीआईबी की कड़ी सुरक्षा के बावजूद, टिकट दलालों का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। पर्सनल आईडी का इस्तेमाल कर टिकट बनाने का यह खेल अब बड़े स्तर पर चल रहा है। महानगरों में सेटिंग के आधार पर तत्काल ई-टिकटों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।
साइबर कैफे और यात्रा एजेंटों के पास कंफर्म सीट पाने के लिए लोग दो दिन पहले से ही पैसे जमा करवा रहे हैं। ये दलाल कंफर्म सीट मुहैया कराने का वादा करते हैं, लेकिन असलियत में यह एक बड़ा ठगी का जाल है। हालांकि, इसके लिए वे प्रति पीएनआर 500 से 1500 रुपये तक का अधिशेष शुल्क प्राप्त कर रहे हैं। यह शुल्क यात्रियों के लिए एक नई चुनौती बन गया है, जो पहले से ही यात्रा की बढ़ती लागत से परेशान हैं।
यात्री इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या वास्तव में उन्हें कंफर्म सीट मिलेगी या यह सिर्फ एक धोखा है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे किसी भी एजेंट से संपर्क करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।
इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को हमेशा अधिकृत और विश्वसनीय स्रोतों से ही बुकिंग करनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके। यह स्थिति यात्रियों के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गई है, और उन्हें सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
इससे न केवल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि रेलवे प्रशासन की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और इन ठगों के जाल में न फंसें। रेलवे सुरक्षा बल को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए और सख्ती बरतने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।