UP News: सर्दियों के दस्तक देने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में कोहरा पड़ने के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने लगा है। बड़ी संख्या में ट्रेन अपने गंतव्य पर समय से नहीं पहुंच पा रही हैं। कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से लोको पायलट को सिग्नल नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन भारत के युग में कोहरे में अब ट्रेनों के न पहिए थमेंगे और न ही वह लेेट होगी। इसके 857 ट्रेनों में फॉग डिवाइसें लगाई जाएंगी। ये डिवाइसें जीपीएस की मदद से काम करती हैं। इससे कोहरे में भी ट्रेनों की रफ्तार कम नहीं करनी पड़ती।
अब कोहरे की वजह से ट्रेन नहीं होगी लेट
ठंड की दस्तक के साथ कोहरा अपना असर दिखाता है। कोहरे और धुंध की वजह से ट्रेनों का लेट होना आम बात हो चुकी है। कुछ ट्रेनें घंटे.दो घंटें तो सर्दियों में कुछ घंटे 20 से 22 घंटे तक लेट हो जाती है। कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है। कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम होने की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम हो जाती है। जिसकी वजह से यात्रा में लगने वाला समय बढ़ जाता हैण् हालांकि इस बार कोहरे से निपटने के लिए रेल मंडल ने कमर कस ली है।
फॉग सेफ डिवाइस का इस्तेमाल
कोहरे में ट्रैक के रखरखाव के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। महाप्रबंधक के निर्देश पर पटरियों की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं। इससे रेल फ्रैक्चर जैसी घटनाओं से भी ट्रेनों को बचाया जा सकेगा। पूर्वाेत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से फॉग डिवाइसें लगाने की तैयारी कर रही है। ट्रेनों के इंजन में फॉग डिवाइसें लग जाने से कोहरे के दौरान अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर औसतन 75 किमी प्रति घंटा कर दी जाएगी।
अब दुर्घटना का शिकार सीमा समाप्त
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वाेत्तर रेलवे में 857 फॉग सेफ डिवाइसें की व्यवस्था की गई हैं। इसमें लखनऊ मंडल में 315, इज्जतनगर मंडल में 193 और वाराणसी मंडल में 349 डिवाइसें ट्रेनों में लगाई जाएंगी। कोहरे में ट्रेनों को हादसे से बचाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग के बैरियर पर ल्यूमिनस स्ट्रिप (चमकने वाली पट्टियां) लगाईं जा रहीं हैं। इससे यह पता लग सकेगा कि बैरियर बंद है अथवा नहीं। साथ ही बोर्ड पर लाइन मार्किंग भी कराई जा रही हैं। फॉग डिवाइसों को लेकर लोको व सहायक लोको पायलटों की काउंसिलिंग की गई है। दरअसल, कोहरे के चलते बड़ी संख्या में ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। ऐसे में जो ट्रेनें पटरी पर दौड़ रही हैं, उनके बेहतर संचालन के लिए डिवाइसें लगाई जा रही हैं। इससे यात्री समय पर गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।