उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और ट्रेनों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एक नई ट्रैफिक योजना तैयार की है
उत्तर प्रदेश की राजधानी के 3 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 18 ट्रेनों के स्टॉपेज को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। मार्च के प्रथम सप्ताह में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। इस निर्णय का विशेष महत्व है, क्योंकि उतरेटिया, आलमनगर और मल्हौर स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव में वृद्धि होने से 24,000 से अधिक यात्रियों को लाभ मिलेगा। इससे यात्रियों को चारबाग और लखनऊ जंक्शन जाने की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, जो कि उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। यह कदम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है, जिससे यात्रा को और अधिक सहज और सुविधाजनक बनाया जा सके।
उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और ट्रेनों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एक नई ट्रैफिक योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत, लखनऊ के चारबाग और जंक्शन पर यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, रेलवे ने छोटे स्टेशनों को भी विकसित करने का निर्णय लिया है, ताकि मुख्य स्टेशनों पर यात्री भार कम हो सके। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, इन छोटे स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, जैसे कि बेहतर प्रतीक्षालय, स्वच्छता, और अन्य आवश्यक सेवाएं।
दैनिक यात्री एसोसिएशन द्वारा ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाने की मांग काफी समय से उठाई जा रही थी। इस मांग को ध्यान में रखते हुए अब एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। चारबाग और जंक्शन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर प्रतिदिन सवा लाख से अधिक यात्री आते-जाते हैं, जिससे इन स्थानों पर भारी भीड़ बन जाती है। यहां से 180 से अधिक ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसके कारण ट्रैफिक की स्थिति बहुत खराब हो जाती है।
रेलवे प्रशासन ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए छोटे स्टेशनों का विकास करने का निर्णय लिया है, ताकि वहां ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाए जा सकें। इससे बड़े स्टेशनों पर यात्री दबाव कम होगा और ट्रैफिक की स्थिति में सुधार आएगा। इस कदम से न केवल यात्रियों को सहूलियत मिलेगी बल्कि रेलवे के संचालन में भी सुगमता आएगी।
उत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले 3 प्रमुख रेलवे स्टेशनों, उतरेटिया, मल्हौर और आलमनगर पर ट्रेनों के ठहराव में वृद्धि की जाएगी। इस नई योजना के तहत, कुल 18 ट्रेनों के लिए इन स्टेशनों पर ठहराव निर्धारित किया जाएगा, जिससे लगभग 24 हजार यात्रियों को यात्रा में सुविधा मिलेगी। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि मार्च महीने में इन ठहरावों पर अंतिम निर्णय लेने की संभावना है।
वृंदावन, पीजीआई, आलमबाग, ट्रांसपोर्टनगर और गोमतीनगर विस्तार में बसने वाले निवासियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है, जिससे उन्हें अब चारबाग और जंक्शन की ओर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नई व्यवस्था के तहत, स्थानीय लोगों को सीधे अपनी यात्रा की सुविधा मिलेगी, जो उनके लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। अनुमान लगाया गया है कि इस पहल का लाभ लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों को होगा, जिससे उनकी यात्रा में न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें राहत मिलेगी।
चारबाग और लखनऊ जंक्शन पर ट्रेनों और यात्रियों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए रेलवे प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 29 नॉन प्रीमियम ट्रेनों को बाईपास पर स्थानांतरित किया जाएगा। इस कदम से ये ट्रेनें उतरेटिया से ट्रांसपोर्टनगर के मध्य बने बाईपास के माध्यम से आगे बढ़ सकेंगी, जिससे यात्रा की गति में सुधार होगा। वर्तमान में, ट्रेनों को चारबाग लाने के लिए दिलकुशा केबिन से गुजरना पड़ता है, जो कि एक बड़ी चुनौती बन गई है। दिलकुशा आउटर पर ट्रेनों का ट्रैफिक काफी बढ़ जाता है, जिससे यात्रियों को पीक ऑवर्स में घंटों तक इंतजार करना पड़ता है।
उतरेटिया, आलमनगर और मल्हौर में ट्रेनों के स्टॉपेज से यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने जा रही है। विशेषकर, दिल्ली, बिहार, हावड़ा, वाराणसी, प्रयागराज, मुंबई, झांसी, चंडीगढ़, जम्मूतवी, देहरादून जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा बेहद उपयोगी साबित होगी। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि ट्रेनों के ठहराव के लिए समय सारणी और अन्य आवश्यक पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श चल रहा है। इस कदम से यात्रियों को सफर के दौरान और अधिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी यात्रा अनुभव और भी बेहतर हो सकेगा।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है। आगामी समय में, चुनिंदा स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव को बढ़ाने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं में भी सुधार किया जाएगा। इसमें ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) और वाटर वेंडिंग मशीनों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे यात्रियों को टिकट खरीदने और पानी की सुविधा में आसानी होगी।
इसके अलावा, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी, ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को चढ़ने-उतरने में कोई कठिनाई न हो। बैठने की बेहतर व्यवस्था और पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे यात्रियों को सफर के दौरान अधिक आराम और सुविधा मिले। वर्तमान में भी कुछ सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन का उद्देश्य इन्हें और बेहतर बनाना है, ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक राहत महसूस हो सके।