UP News : उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणसी में नगर निगम ने नव-विस्तारित इलाकों के 21 वार्डों में गृहकर निर्धारण की प्रक्रिया का आगाज कर दिया है। इस प्रक्रिया के पहले चरण में केवल व्यवसायिक भवनों और भूमियों को गृहकर के दायरे में लाया जाएगा। वहीं, आवासीय भवनों और भूमियों पर अगले पांच सालों तक गृहकर नहीं लगाया जाएगा, जिससे निवासियों को कुछ राहत मिलेगी। इस संदर्भ में, कारपेट एरिया के आधार पर मासिक किरायेदारी दरों का प्रकाशन किया गया है, ताकि लोग सही जानकारी के साथ अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकें। नगर निगम ने इन दरों पर आपत्तियां आमंत्रित की हैं, जिससे नागरिक अपनी राय और सुझाव दे सकें। यह कदम नगर निगम द्वारा स्थानीय विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने जानकारी दी है कि नगर निगम ने नव-विस्तारित क्षेत्रों में आवासीय और व्यवसायिक भवनों तथा भूमियों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत, पहले चरण में व्यवसायिक भवनों और भूमियों पर गृहकर का निर्धारण किया जाएगा।
नगर निगम ने भवन के मालिकों को दरों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 15 दिनों का समय दिया है, जो कि 28 दिसंबर 2024 तक रहेगा। यह कदम नागरिकों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करेगा और नगर निगम को उचित निर्णय लेने में मदद करेगा। इस प्रक्रिया से नगर निगम को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
नगर निगम ने नए गृहकर निर्धारण के लिए प्रस्तावित दरों को चार श्रेणियों में विभाजित किया है, जो कि मार्ग की चौड़ाई के आधार पर निर्धारित की गई हैं।
पहली श्रेणी में उन भवनों को रखा गया है, जो 24 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले मार्गों पर स्थित हैं। दूसरी श्रेणी में 12 से 24 मीटर चौड़ाई वाले मार्गों पर बने भवन शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में वे भवन आते हैं, जो 12 मीटर से कम चौड़ाई वाले मार्गों पर स्थित हैं।
अंत में, चौथी श्रेणी में आवासीय भूखंड शामिल हैं, जिन पर अभी तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। यह व्यवस्था नगर निगम को विभिन्न प्रकार के भवनों और भूखंडों के लिए उचित कर निर्धारण में सहायता प्रदान करेगी।
गृहकर दरों का निर्धारण करने वाले वार्ड भेलूपुर, ऋषि माण्डवी, सारनाथ और वरुणापार के कई क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं: सीरगोबर्द्धनपुर, छित्तुपुर खास, भगवानपुर, शिवदासपुर, मण्डुआडीह, कन्दवा, करौंधी, ककरमत्ता, सुसुवाहीं, मढ़ौली, लोहता, सलारपुर, दीनापुर, संदहा, रमदत्तपुर, लेढूपुर, फुलवरिया, गणेशपुर, लोढ़ान, पिसौर और लालपुर मीरापुर बसहीं।
नगर आयुक्त ने इन क्षेत्रों में भवन संपत्तियों के लिए उचित गृहकर दरों का निर्धारण किया है। यह निर्णय स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके वित्तीय बोझ को प्रभावित करेगा। नई दरों के लागू होने से नगर निगम को राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे विकास कार्यों को और गति मिल सकेगी। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस निर्णय से सभी क्षेत्रों में समानता सुनिश्चित की जाएगी और कर निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। स्थानीय निवासियों को इस नई व्यवस्था से लाभ होगा, जिससे वे अपने क्षेत्र के विकास में भागीदार बन सकेंगे।