उत्तर प्रदेश में स्थित मथुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर कोसी और जैंत क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या से लोगों को राहत मिलने वाली है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा तीन नए ओवर ब्रिज को निर्मित किया जाएगा, जिससे वाहनों की आवाजाही सुगम हो सकेगी. हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते इस परियोजना की टेंडर विधि में देरी हो गई थी. लेकिन मंगलवार को हरियाणा चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि टेंडर विधि जल्द ही प्रारंभ की जाएगी. इसके पश्चात, निर्माण कार्य शुरू होने से क्षेत्र में यातायात की स्थिति में सुधार होगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी.राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे यातायात की स्थिति बिगड़ रही है. कोसीकलां और जैंत क्षेत्र में कुछ जगहों पर हाईवे पर ट्रैफिक लगने की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे वाहन चालकों और यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ओवर ब्रिज को निर्मित करने की योजना बनाई है.
तीन नए ओवर ब्रिज का निर्माण होने के पश्चात, चालकों को अपने वाहनों की गति कम करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगी. इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को भी हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहनों से कोई भी परेशानी नहीं होगी. यह कदम न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा. स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए यह खबर निश्चित रूप से राहत देने वाली है.
राष्ट्रीय राजमार्ग-13 पर स्थित फरह के टोल प्लाजा पर हर दिन लगभग 26 हजार वाहन आते-जाते हैं. विशेष रूप से शनिवार और रविवार के दिन, यह संख्या बढ़कर 28 हजार तक हो जाती है. शादी विवाह के समय में, जब लोग समारोहों में शामिल होने के लिए यात्रा करते हैं, तब वाहनों की संख्या बढ़कर 29 हजार तक जा पहुंचती है. इस प्रकार, टोल प्लाजा पर यातायात की यह वृद्धि स्थानीय अर्थव्यवस्था और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण संकेत है. ऐसे में, टोल प्लाजा पर ट्रैफिक प्रबंधन और सुविधाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
सेव लाइफ फाउंडेशन ने दिसंबर 2022 में किए गए एक सर्वे के आधार पर तीन स्थानों पर नए ओवर ब्रिज को निर्मित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. इस सर्वे में अधिकारियों ने पाया कि ओवर ब्रिज की कमी के कारण स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर दूर यू टर्न लेने पर मजबूर होना पड़ता है. इसके चलते, कुछ वाहन चालक गलत दिशा में हाईवे पर वाहन चलाने लगते हैं, जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है.
दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी
फाउंडेशन की टीम ने इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए ओवर ब्रिज के निर्माण की आवश्यकता को उजागर किया है. इस कदम से न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यातायात की सुगमता भी बढ़ेगी. ओवर ब्रिज के निर्माण से स्थानीय लोगों को यात्रा में आसानी होगी और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी. फाउंडेशन का यह प्रयास क्षेत्र की सड़क परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
जिस स्थान पर ओवर ब्रिज को निर्मित किया जाना है, वहां के तीनों स्थान जनसंख्या से भरे हुए हैं. इस क्षेत्र में न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है, बल्कि लगातार हादसे भी होते हैं. नरेंद्र चौधरी जो की घटना प्रबंधक अधिकारी हैं उन्होंने इस विषय पर बताया है कि “ओवर ब्रिज को निर्मित करने के पश्चात इन घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा. साथ ही, इससे वाहन चालकों को भी यात्रा में सुविधा मिलेगी. एनएचएआई की टीम को यहां प्रतिदिन ट्रैफिक को खुलवाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. इस नए प्रोजेक्ट के माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि यातायात की स्थिति में सुधार होगा और लोगों की सुरक्षा भी बढ़ेगी.”
धीरज सिंह जो की एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर है उन्होंने जानकारी दी है कि “हरियाणा में हाल ही में हुए चुनावों की वजह से ओवर ब्रिज के लिए टेंडर विधि में देरी आई थी. अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसके चलते टेंडर प्रक्रिया को जल्द ही पुनः आरंभ किया जाएगा.”
धीरज सिंह ने बताया कि “टेंडर प्रक्रिया के पूरा होने के पश्चात ओवर ब्रिज को निर्मित करने की लागत, उसकी लंबाई और चौड़ाई जैसे महत्वपूर्ण विवरणों का पता चलेगा. इसके बाद निर्माण कार्य भी शुरू होने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से यातायात की समस्या में कमी आने और लोगों को यात्रा में सुविधा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.”