इटावा-बरेली हाईवे पर भारी वाहनों के दबाव से जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे निजात दिलाने के लिए 18 किलोमीटर का बाईपास निर्माण कराया जाएगा। 626 करोड़ की लागत से बनने वाले इस बाईपास पर पड़ने वाली गंगा नदी पर जिले का सबसे लंबा पुल भी बनाया जाएगा।
626 करोड़ से बनेगा 18 किलोमीटर लंबा बाईपास
उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार बड़ा प्लान बना रही है। इन सभी के निर्माण की प्रक्रिया केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुरू कर दी है, इन सभी परियोजनाओं संबंधित इलाकों में आवागमन बेहतर करने के लिए परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने की मांग पिछले कुछ साल से की जा रही थी। मंत्रालय ने इस सड़क के निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आरओबी बनाने की सहमति दे दी है और इसका डीपीआर बनाने वाली कंसल्टें सी के चयन के लिए टेंडर जारी किया है, इस आरओबी का निर्माण इसी साल शुरू होने की संभावना है। इस आरओबी के बनने से एनएच पर जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही आवागमन आसान होगा। उत्तर प्रदेश में आवागमन आसान बनाने के लिए सड़क तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में एक्सप्रेस वे हाईवे बाईपास का निर्माण बड़े स्तर पर करवाया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश में 18 किलोमीटर का बाईपास 626 करोड रुपए की लागत से बनाया जाएगा। सरकार की इस फैसले के बाद सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों की यातायात कनेक्टिविटी आसान होगी। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को शहरी जाम से छुटकारा पाने के लिए एक बाईपास का प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्रीय मंत्री से भी मुलाकात कर बाईपास का निर्माण करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने प्रस्ताव को जल्द ही स्वीकार कर सर्वे कराने का आश्वासन दिया है। औपचारिकताएं पूरी होने पर निर्माण शुरू होगा।
सड़क तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत
यह रिंग रोड बाईपास की तरह बनाया जाएगा। 3.750 किलोमीटर लंबा जिले का सबसे लंबा पुल और दो आरओबी इस पर बनाए जाएंगे। बाईपास का निर्माण वन क्षेत्र में होगा। इसके चलते अधिक जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी। 626 करोड़ रुपये की लागत से इस बाईपास पर गंगा नदी पर जिले का सबसे लंबा पुल भी बनाया जाएगा। दो आरओबी भी बनाए जाएंगे, दिल्ली मार्ग औरकासगंज रेलवे ट्रैक पर। यह प्रस्ताव सदर विधायक ने बनाया है और सड़क परिवहन मंत्री को भेजा गया है। इटावा-बरेली राजमार्ग पर भारी वाहनों के दबाव से जाम लगातार रहता है। इसे दूर करने के लिए 18 किलोमीटर का एक बाईपास बनाया जाएगा। सरकार की इस फैसले के बाद सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों की यातायात कनेक्टिविटी आसान होगी। इसका निर्माण पूरा होने पर शहरवासी जाम से छुटकारा पाएंगे। शहर भी पश्चिमी और उत्तरी सीमा से जुड़ जाएगा। बाईपास बनने के बाद बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर से आने वाले भारी वाहनों को शहर से बाहर निकाला जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इसकी मंजूरी की मांग की है। 18 किलोमीटर का बाईपास शहर का रिंग रोड बनेगा। इटावा-बरेली हाईवे को गंगापार के चाचूपुर क्षेत्र में 730सी के 535 किलोमीटर से हथियापुर होकर बघार के आगे हाईवे के 547 किलोमीटर दहेलिया में मिलाने का प्रस्ताव बनाया गया है। सड़क चौड़ीकरण होने के बाद भी पांचालघाट और रामगंगा पर भारी वाहनों का जाम लगा रहता है। शहरों और गंगापार से बरेली, बदायूं, हरदोई, शाहजहांपुर और उत्तराखंड जाने वाले लोगों को जाम में फंसने से काफी परेशानी होती है।