UP News : उत्तर प्रदेश देवरिया बाईपास रोड पर महीनों से चल रही जाम की समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। तमाम कोशिशों और सर्विस लाइन के निर्माण के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। जाम के कारण वाहन चालकों को घंटों तक सड़कों पर फंसे रहना पड़ता है। रोजमर्रा के कामों में देरी होने के साथ- साथ मरीजों और आपातकालीन सेवाओं के लिए यह समस्या और भी गंभीर बन चुकी है।
विकास की नई गाथा लिखने की ओर अग्रसर है गोरखपुर
केंद्र की मोदी सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के सर्वाधिक पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाले पूर्वांचल को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने में जी जान से जुटी है। आसपास के दुकानदार और स्थानीय निवासी भी इस समस्या से परेशान हैं। उनका कहना है कि जाम की वजह से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है, और ग्राहक भी कम आ रहे हैं। सर्विस लाइन पर अतिक्रमण बना बाधा सर्विस लाइन के निर्माण के बावजूद उस पर अतिक्रमण देखा जा रहा है, जिससे यातायात सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा। अतिक्रमण के कारण वाहनों के लिए जगह कम हो गई है, जिससे स्थिति और खराब हो रही है। देवरिया बाईपास फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने से शहर में जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। इस सड़क के बनने से देवरिया और कुशीनगर से आने वाले लोग सिक्सलेन फ्लाईओवर ओवर से होकर सीधे नौसढ़ पहुंच सकेंगे। रामगढ़ताल पर नया पुल बनाने सहित सड़क निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन माह में यह 8सड़क बन जाएगी।
पैडलेगंज नौसढ़ सिक्सलेन सड़क से तारामंडल क्षेत्र को जोड़ने वाली देवरिया बाईपास सड़क जंगल सिकरी में गोरखपुर देवरिया हाईवे से जुड़ी है। नौकायन का विस्तार होने पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है। चिड़ियाघर , वाटर स्पोर्ट्स काम्पलेक्स सहित अन्य विकास परियोजनाओं के कारण इस क्षेत्र में कालोनियों का विस्तार हुआ है। पर्यटकों की भीड़ भी बढ़ी है। इसके लिए रेलवे को भुगतान भी किया गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निर्माण के लिए जगह खाली होते ही काम की रफ्तार गति पकड़ लेगी। जून के पहले तक इसका काम पूरा करा लिया जाएगा। करीब 2600 मीटर सड़क बनाने के लिए कार्यदायी संस्था ने काम शुरू करा दिया है। सड़क के दोनों ओर रेलवे की जमीनों पर पेड़ों की कटान जारी है। कटे हुए पेड़ों की जड़ें खोदकर ठीकेदार हटवा रहे हैं। इसके बाद निर्माण की जद में आने भवनों और अन्य निर्माणों को हटाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर के विकास पर विशेष ध्यान
पूर्वांचल के जिलों में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हो या विश्वविद्यालयों का सड़कों का निर्माण हो या पुलों का सबमें तेजी आई है, वाराणसी के बाद गोरखपुर पूर्वांचल का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के सांसद हैं और वह इस प्राचीन शहर के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में लगे हैं, इसी तरह गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह नगर है। असुरन चौराहे से लेकार पिपराइच तक भी सड़क का चौड़ीकरण कराया जाएगा। इस सड़क के बनने से कुशीनगर और देवरिया जनपदों के अलावा बिहार से मेडिकल कालेज आने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। महराजगंज जनपद सहित गुलरिहा, पिपराइच, भटहट सहित अन्य स्थानों पर रहने वाले लोग बिना जाम में फंसे टीपी नगर की ओर आ जा सकेंगे।
लोगों की सुविधा के लिए करीब 399 करोड़ रुपये के बजट से फोरलेन सड़क बनवाई जा रही है। इसके बनने से गोरखपुर विकास प्राधिकरण, सहारा एस्टेट होते हुए सिक्टौर गांव से आगे यातायात सुगम हो जाएगा। इस सड़क पर सहारा एस्टेट के समीप रामगढ़ताल पर नया पुल बनाया जा रहा है। इसका गर्डर ढाल दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि परियोजना के तहत ही पेड़ों की कटाई चल रही है। निर्माण की जद में आने वाले भवनों, बिजली के खंभों और तारों को हटाने के बाद काम को तेज गति से पूरा कराया जाएगा। असुरन से लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज होते हुए भटहट तक फोरलेन सड़क बन चुकी है। गोरखपुर शहर के नागरिकों को जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए चार फाटक से लेकर असुरन चौक तक फोरलेन सड़क का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। इसके लिए पेड़ों की कटाई का काम तेजी से चल रहा है। कौआबाग पुलिस चौकी के आसपास कटे हुए पेड़ों की जड़ों को खोदकर निकाला जा रहा है।