ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने का प्लान हो गया तैयार
जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अधिकारियों ने खास योजना तैयार की है, शहर के ट्रैफिक सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पहले चरण में प्रमुख सड़कों का चयन किया गया है, इसके तहत मुख्य मार्ग में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्थायी उपाय किए जाएंगे।
ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने का प्लान हो गया तैयार
इन सड़कों पर जाम से निजात दिलाने के लिए मुख्य सिफारिशें की गई हैं, इसमें सड़क और ट्रैफिक इंजीनियरिंग को बेहतर बनाया जाएगा, इसके अलावा अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलाया जाएगा, जिसके तहत मुख्य सड़क पर मौजूद सभी अवैध संरचनाओं यानि अतिक्रमण को हटाया जाएगा, करीब एक महीने में नए प्रयोग के तहत सड़कों पर कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। मेरठ शहर को जाम की बीमारी से निजात दिलाने के लिए तमाम उपायों पर काम किया जा रहा है।
रिंग रोड निर्माण के प्रयास के साथ-साथ भैंसाली रोडवेज बस स्टैंड को शहर के बाहर दो स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। अधिग्रहण की यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस रिपोर्ट का एडीएम भूमि अध्याप्ति द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। दावा है कि एक सप्ताह में यह कार्य करके अधिग्रहण की अंतिम घोषणा कर दी जाएगी। साथ ही भूमि मालिकों को दी जाने वाली भुगतान की राशि का अवार्ड भी घोषित कर दिया जाएगा। भुगतान करके भूमि पर कब्जा लेकर एनसीआरटीसी को सौंपा जाएगा। जहां बस अड्डे का निर्माण होगा। महायोजना में इनके लिए भूमि भी चिह्नित की गई थी। यह कसरत शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए की जा रही है, ताकि शहर में रोजाना प्रवेश करने वाली अन्य राज्यों और जनपदों की 400 से ज्यादा बसों को बाहर से ही निकाला जाए।
संयुक्त सर्वे रिपोर्ट का हो रहा परीक्षण
विशेषज्ञों द्वारा तैयार यह अध्ययन रिपोर्ट जल्द ही विकास आयुक्त के सामने प्रस्तुत की जाएगी, इसके बाद इन सिफारिशों को लागू किया जाएगा, इस प्लान के लाग होने के बाद अगर अच्छे परिणाम मिले तो बाद में अन्य प्रमुख सड़कों पर भी इन सिफारिशों को लागू किया जाएगा। दोनों स्थानों पर जिला प्रशासन, तहसील और एनसीआरटीसी की टीम द्वारा संयुक्त माप सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब जिला प्रशासन उसका अंतिम परीक्षण कर रहा है। माना जा रहा है कि लगभग एक सप्ताह में इस कार्य को पूरा करके भूमि मालिकों को भुगतान की जाने वाली राशि का आकलन कर अवार्ड की घोषणा कर दी जाएगी। बस अड्डों के लिए जमीन अधिग्रहण का खर्च रैपिड रेल का निर्माण कर रही एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) द्वारा वहन किया जाएगा।
इस अधिग्रहण के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जिला प्रशासन, तहसील और एनसीआरटीसी की टीम द्वारा संयुक्त माप सर्वे (ज्वाइंट मेजरमेंट सर्वे) किया गया है। दोनों बस अड्डों के लिए चार गांवों की कुल 39,930 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। भूडबराल में 28,082 वर्ग मीटर भूमि में, जबकि मोदीपुरम में 11,848 वर्ग मीटर भूमि में बस अड्डा बनेगा। भूड़बराल बस अड्डे के लिए भूड़बराल गांव के 9 खसरों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, वहीं मोदीपुरम में सिवाया, पल्हैड़ा और दुल्हैड़ा गांवों की कुल 13 खसरों की जमीन ली जाएगी। महानगर की महायोजना वर्ष 2021 में तैयार की गई थी। उसी में शहर के भीतर चलने वाले निजी और रोडवेज बस अड्डों को बाहर स्थानांतरित करने का निर्णय ले लिया गया था। सबसे पहले भैंसाली बस अड्डे को शहर के बाहर करने की तैयारी है। इस अड्डे को दो हिस्सों में बांटकर भूड़बराल और मोदीपुरम में स्थानांतरित किया जाएगा।