वर्तमान समय में भारत की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश की अहम योगदान है, आपको बता दे कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैदरगढ़-बाराबंकी राजमार्ग और लखनऊ-सुल्तानपुर नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए 7.73 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
बुनियादी ढांचे के ऐतिहासिक विकास का दौर
उत्तर प्रदेश को देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सरकार लगातार विकास पर कोशिश कर रही है। इस दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रहा, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। गडकरी ने बताया कि भारत में लॉजिस्टिक लागत पहले 16 थी, जिसे घटाकर 9ः तक लाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए सड़कों के साथ जल, ऊर्जा, परिवहन और संचार क्षेत्रों में भी सुधार किया जा रहा है। यह सड़क मौजूदा तीन की जगह 5.5 मीटर चौड़ी होगी, जिससे वाहनों का आवागमन सुगम और सुरक्षित हो जाएगा। इसके दोनों ओर मजबूत फुटपाथ भी बनाए जाएंगे, जिससे पैदल यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। सड़क का निर्माण कोठी कस्बे से होकर किया जाएगा।
यह मार्ग छतौरा, धौरहरा, मंगलपुर होते हुए गुरुदत्त खेड़ा तक पहुंचेगा। गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र के विदर्भ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश आकर्षित किए जा रहे हैं, योगी सरकार ने इन सभी बुनियादी जरूरतों को मजबूत किया है, जिससे उत्तर प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। गडकरी ने बताया कि प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ, पर्यटन उद्योग के माध्यम से होटल, टैक्सी, रेस्टोरेंट, छोटे व्यवसायों और स्थानीय कारीगरों को इसका सीधा लाभ मिला। इनके माध्यम से देश के प्रमुख शहरों और राज्यों को सीधा जोड़ा जाएगा। इससे आसपास के इलाके में परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी। क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। राज्य राजमार्गों, जिला सड़कों, ग्रामीण सड़कों आदि के विकास के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।
उत्तर प्रदेश में बड़े औद्योगिक निवेश की तैयारी
प्राचीन धार्मिक व पर्यटन स्थलों का विकास होगा, इसके लिए एक करोड़ 10 लाख की परियोजना तैयार की गई है। वर्षों बाद जिला प्रशासन धार्मिक स्थलों के विकास के बारे में सोचा है। कायाकल्प की लाइन में सबसे ऊपर नगर का नागेश्वर नाथ मंदिर, सूरतंगज का भगहर झील व रामनगर के ग्राम ददौरा में लगा विशालकाय रतनपांडे बाबा वृक्ष हैं। सौंदर्यीकरण के साथ ही संरक्षण की योजना बनी है। जिले के एक दर्जन स्थलों पर पौधों को लगाए जाने की भी योजना तैयार की गई है। देवा, महादेवा व भगहर झील आदि के परिसर में पौधें लगाने की कार्ययोजना बनाई गई है। विकास के साथ-साथ हरियाली को भी बढ़ावा देने की योजना है। जिससे पर्यावरण भी सुधर सके। इस महत्वपूर्ण परियोजना के पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी। परिवहन निगम ने इस सड़क पर बस चलाने का प्रस्ताव पहले ही तैयार कर लिया है। बस सेवा होने से त्रिवेददीगंज ब्लॉक क्षेत्र के लोगों को हैदरगढ़ का लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
जिससे त्रिवेदीगंज ब्लॉक के कई गांवों को जोड़ते हुए लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे को हैदरगढ़-बाराबंकी राजमार्ग से जोड़ा जा सकेगा। सड़क निर्माण के बाद करीब 90 गांवों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। अभी तक ,आवागमन में भारी परेशानी होती थी। खासकर बारिश के दिनों में कीचड़ और गड्ढों के कारण वाहन फंस जाते थे, जिससे लोगों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ता था। जूनियर इंजीनियर प्रबोध मिश्र ने बताया कि टेंडर जल्द ही कर निर्माण प्रारंभ होगा। जिले के 24 धार्मिक स्थलों को नए रूप रंग में लाने के लिए अफसर जुट गए है। जिला प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। बताते चले कि जिले के ऐसे तमाम धार्मिक स्थल है जो विकास की बांट जोह रहे थे। गंदगी के अलावा श्रद्धालू तमाम दिक्कतों से झेल रहे थे। श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने विकास करने की योजना बनाई और विकास के लिए जिला योजना में प्रस्ताव तैयार कर दिया ह । इस समय सारे पर्यटन स्थल और प्राचीन धार्मिक स्थल बदहाल पड़े हुए हैं।