किसानों का कहना है कि रिंग रोड के निर्माण से न केवल उनकी भूमि का मूल्य बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में विकास के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे
मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक फैले लगभग 4 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण में अब तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार से रिंग रोड से प्रभावित किसानों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के नाम पर भूमि रजिस्ट्री का कार्य प्रारंभ कर दिया है। यह कदम इस परियोजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
किसानों का कहना है कि रिंग रोड के निर्माण से न केवल उनकी भूमि का मूल्य बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में विकास के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। जीडीए द्वारा की जा रही भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस परियोजना को प्राथमिकता दे रहा है। अब सभी की निगाहें इस रिंग रोड के शीघ्र निर्माण पर टिकी हुई हैं, जो क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा।
प्रथम दिन एक किसान ने लगभग 100 वर्ग मीटर भूमि की रजिस्ट्री प्राधिकरण के नाम कर दी। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे किसान अपने हिस्से के प्रमाण पत्र और शपथ पत्र के साथ प्राधिकरण के पास आएंगे, रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके बाद, तुरंत ही उनकी बैंक खातों में धनराशि भेज दी जाएगी। यह प्रक्रिया किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें अपनी भूमि के अधिकारों का लाभ मिल सकेगा। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक निर्मित होने वाली रिंग रोड में कुल 84 गाटों में 100 से ज्यादा भूमि मालिकों की 2.697 हेक्टेयर भूमि शामिल है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यह भूमि सभी से सहमति के आधार पर अधिग्रहित की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक भूमि मालिक को 3.50 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। प्राधिकरण ने आश्वासन दिया है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।
प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने जानकारी दी कि “प्रभावित किसानों की सूची और उनकी भूमि का विवरण दिसंबर महीने में ही जारी किया जा चुका है।” उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे तहसील कार्यालय से तथ्यों की जांच कराएं और साथ में हिस्सा प्रमाण पत्र और शपथ पत्र लेकर आएं। इन दस्तावेजों के आधार पर उनकी रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस संदर्भ में, उन्होंने किसानों से सहयोग की अपील की और कहा कि सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आगे बढ़ने से ही यह प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सकेगी।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन के आदेश पर, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने 10 जनवरी से रिंग रोड को निर्मित कराने के लिए मिट्टी गिराने का कार्य आरंभ कर दिया है। यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चल रही है, जिसमें रामगढ़ ताल के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है।
इस रिंग रोड के निर्माण से क्षेत्र में यातायात की सुविधा बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को कई लाभ मिलेंगे। प्राधिकरण इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आवश्यक संसाधनों का उपयोग कर रहा है। यह विकासात्मक कार्य न केवल क्षेत्र की आधारभूत संरचना को मजबूत करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा।
पैडलेगंज से मोहद्दीपुर तक रिंग रोड को निर्मित कराने का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। इस परियोजना के तहत पैडलेगंज के निकट एक नई पुलिया का निर्माण किया गया है, जिसकी ढलाई अभी पकने का इंतजार कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुलिया अगले 15 से 20 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। पुलिया के तैयार होने के पश्चात, रिंग रोड पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा, जिससे क्षेत्र में यातायात की स्थिति में सुधार होगा।
प्राधिकरण के सचिव उदय प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि “मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक 4 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण कार्य मई 2026 तक पूरा हो जाएगा। इस रिंग रोड की चौड़ाई 12 मीटर होगी, जिसमें 2 लेन को निर्मित किया जाएगा।”
इस परियोजना में सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ का प्रावधान भी किया गया है, जो पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक होगा। ताल की दिशा में आकर्षक रेलिंग का निर्माण किया जाएगा, जिससे सुरक्षा के साथ-साथ दृश्य सौंदर्य भी बढ़ेगा। इसके अलावा, इस रिंग रोड पर खूबसूरत लाइटें भी लगाई जाएंगी, जो रात के समय इसे रोशन करेंगी और इसे और भी आकर्षक बनाएंगी। इस रिंग रोड के निर्माण से क्षेत्र में यातायात में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय निवासियों को यात्रा करने में आसानी होगी और विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।