देहरादून से लखनऊ दौड रही वंदे भारत अब वेटिंग में है। ट्रेन खाली सीटों के साथ चक्कर खा रही है। इस ट्रेन का संचालन एक सितंबर से शुरू हुआ था। यात्रियों की पसंद के मामले में मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस पिछड़ रही है। लखनऊ और मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस एक ही रूट पर चलकर बरेली से लखनऊ के बीच समान दूरी तय करती हैं। इसके बाद भी 22546 देहरादून-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया 22490 मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस से 15 रुपये ज्यादा है।
सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि दोनों ट्रेनों के कैटरिंग चार्ज में मामूली अंतर है।ट्रेनों का किराया तय करने में किसी प्रकार की गलती नहीं होती। कुछ ट्रेनों के प्रारंभिक और अंतिम स्टेशन के बीच रूट बदले हुए होते हैं। इसलिए उनके किराये में अंतर हो सकता है। वंदे भारत एक्सप्रेस प्रीमियम ट्रेन है। यात्री इसे पसंद कर रहे हैं और रेलवे को अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। किराया ज्यादा होने के बावजूद 22546/45 देहरादून-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार श्रेणी में 25 से 30 अक्तूबर तक औसतन वेटिंग 90 और एग्जीक्यूटिव श्रेणी में 60 के पार पहुंच गई है।
वहीं, किराया कम होने के बावजूद 22490/89 मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस में इन्हीं दिनों में औसतन 190 और 10 सीटें खाली हैं। दोनों ट्रेनों में बेसिक किराये से ज्यादा लग्जरी चार्ज है। देहरादून-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस में बरेली से लखनऊ का बेसिक किराया केवल 537 रुपये है। इसमें रिजर्वेशन चार्ज 40 रुपये, सुपरफास्ट चार्ज 45 रुपये, कैटरिंग चार्ज 257 रुपये और जीएसटी के 31 रुपये शामिल किए जाने के बाद चेयरकार का किराया 910 रुपये तक पहुंच जाता है।
इसी तरह एग्जीक्यूटिव श्रेणी में बेसिक किराया 1109 रुपये है। इसमें रिजर्वेशन के 60, सुपरफास्ट के 75, कैटरिंग 279 और जीएसटी के 62 रुपये शामिल करने के बाद किराया 1585 रुपये पहुंच जाता है। मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस में बरेली से लखनऊ के बीच चेयरकार का किराया 895 रुपये और एग्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 1570 रुपये है। जबकि, देहरादून-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करने पर चेयरकार में 910 और एग्जीक्यूटिव श्रेणी में 1585 रुपये खर्च करने होते हैं। एक माह पहले रेलवे ने 60 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी जारी की तो मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को 56वां जबकि देहरादून-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को 31वां स्थान मिला था।
इस कारण रेलवे इस ट्रेन के विस्तार पर विचार कर रहा है। एक माह में देहरादून-लखनऊ वंदे भारत की ऑक्यूपेंसी 100 फीसदी के पार पहुंच गई है। इसी महीने मेरठ से लखनऊ के लिए शुरू होने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस यात्रियों को रास नहीं आ रही है। इसमें हर दिन केवल 130-150 यात्री ही सफर कर रहे हैं।