UP News : उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में रेल का कार्य दोहरीकरण अब दूसरे चरण में 85 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है। ऐेसे में दोहरीकरण पूरा होने के बाद क्रॉसिंग की समस्या खत्म होने से यात्रियों को राहत मिलेगी। वहीं ट्रेनों का समय सुधरेगा। वर्तमान में सिंगल लाइन से ट्रेनों के क्रॉसिंग होने पर लेटलतीफी होने से ट्रेनों के संचालन पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही यात्री भी परेशान होते हैं। रेलवे की ओर से ट्रेनों का संचालन नियमित और समय से हो, इसको लेकर दोहरीकरण का कार्य जारी है।फेफना-इंदारा-मऊ-शाहगंज सिंगल लाइन के दोहरीकरण का अंतिम चरण में है। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में काम पूरा होने पर ट्रायल होने के बाद नए साल में ट्रेनों का संचालन शुरू होने की संभावना है। जबकि मऊ-फेफना तक जहां दोहरीकरण कार्य पूरा हो चुका हैं। दोहरीकरण होने से क्रॉसिंग की समस्या खत्म होगी। इसके तहत दोनों जगहों पर ट्रैक बिछाने का काम लगभग किया जा चुका है, सिर्फ विद्युतीकरण व सिग्नल का काम बाकी है।
उम्मीद है कि दिसंबर तक पूरे हो जाने के बाद ट्रायल किया जाएगा। रेलवे के जिम्मेदारों ने बताया कि दिसंबर में आखिरी सप्ताह तक दोनों काम पूरा हो जाने के बाद ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद 2025 में जनवरी से इस रूट पर दोहरीकरण होने के बाद ट्रेनें अपनी पूरी रफ्तार से चलती नजर आएंगी। दूसरे चरण में सिर्फ मऊ जंक्शन से खुरहट के बीच 12.5 किलोमीटर के साथ फरिहा स्टेशन से खोरासन रोड स्टेशन के बीच 19.2 किलोमीटर में काम होना बाकी है।
इन दोनों जगहों पर कार्यदायी संस्था ने 85 फीसदी से ज्यादा काम पूरा कर लिया है। इसके तहत नई रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है, अब सिग्नल और बिजली के तारों को लगाया जा रहा है। 150.28 किमी लंबे फेफना-इंदारा-मऊ शाहगंज सिंगल लाइन के दोहरीकरण का कम 2021 में शुरू हुआ था। 1779 करोड़ के बजट से पहले चरण में मऊ जंक्शन से फेफना तक दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है। शाहगंज.फेफना रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य से जहां और ट्रेनों के चलने का मार्ग प्रशस्त होगा। वहीं यात्रा में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। इससे इस मार्ग के रेलवे स्टेशनों से जुड़े सैकड़ों गांवों के लाखों लोगों में खुशी की लहर है।