UP News : उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब विकसित योगी सरकार करने जा रही है. सरकार का यह मंशा है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब विकसित करने का फैसला लिया है.करीब छह साल पहले यमुना प्राधिकरण ने भी फ्रांस के रुंगिस अंतरराष्ट्रीय मंडी की तर्ज पर मंडी विकसित करने की योजना तैयार की थी. लेकिन बाद में इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया गया था. एक्सपोर्ट हब विकसित होने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभावित क्षेत्र से जुड़े 26 जिलों के किसानों को फायदा होगा.
एयरपोर्ट कार्गाे के जरिये उनके फसल उत्पाद वैश्विक बाजार तक पहुंचेंगे. किसानों की आमदनी बढ़ाने व एयरपोर्ट निर्माण से होने वाले लाभ में किसानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए यह योजना तैयार की गई.
वर्तमान में, उत्तर प्रदेश के कृषि निर्यात में मांस, बासमती चावल, फल, सब्जियाँ और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद शामिल हैं. नई पहल में 30,750 क्लस्टर किसान समूहों को विकसित करके और निर्यातकों के लिए एक सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करके इन निर्यातों को और बढ़ावा देने की योजना है. इसके अतिरिक्त, 11 जिलों में कृषि एसईजेड स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक विशिष्ट उत्पादों में विशेषज्ञता रखेगा. उदाहरण के लिए, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर काला नमक चावल, झांसी मूंगफली, ललितपुर उड़द और जौनपुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जैसे क्षेत्रों में सब्जियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
यूपी एग्रीस परियोजना का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में प्रमुख फसलों की उत्पादकता में 30-50% की वृद्धि करना है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में कम से कम 25% की वृद्धि होगी. योजनाओं में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट बाजार बनाना, किसानों को सटीक डेटा प्रदान करने के लिए स्थानीय मौसम केंद्र स्थापित करना और मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी स्थापित करना भी शामिल है.
राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में उत्तर प्रदेश कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण (यूपी एग्रीस) परियोजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य के कृषि उद्योग को बढ़ावा देना और इसके उत्पादों को वैश्विक मंच पर स्थान दिलाना है. जेवर हवाई अड्डे के पास एक निर्यात केंद्र मूंगफली, सब्ज़ियाँ, काला नमक चावल और तिल जैसे उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे राज्य के निर्यात पोर्टफोलियो में वृद्धि होगी.