Maharajganj News: उत्तर प्रदेश में स्थित महराजगंज शहर से ठूठीबारी बॉर्डर तक हाईवे को निर्मित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इस नई योजना के तहत, शहर में कम दुकानों को तोड़ने की आवश्यकता होगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को होने वाले नुकसान में कमी आएगी. शहर के भीतर दोनों ओर 10-10 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिससे यातायात की स्थिति में सुधार होगा और लोगों को आवागमन में आसानी होगी.
इसके साथ ही, शहर के बाहरी हिस्से में बाईपास निर्मित के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है. इस परियोजना के पूरा होने से महराजगंज की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना है और स्थानीय निवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
सड़क की चौड़ाई होने के कारण, शहर में लगभग 800 दुकानों पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा था. वर्तमान में, सड़क की चौड़ाई को कम किए जाने से इन दुकानों को सुरक्षा मिलेगी. इस निर्णय से व्यापारियों में खुशी की लहर है, क्योंकि उन्हें अब अपने व्यवसाय के लिए बेहतर माहौल मिलेगा. व्यापारियों का कहना है कि यह बदलाव उनके लिए एक बड़ी राहत है और इससे उनके व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है.
शहर में सक्सेना चौक से नेपाल बॉर्डर ठूठीबारी तक हाईवे को निर्मित करने की विधि अब आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है. इस परियोजना के तहत सभी आवश्यक भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है. सड़क की चौड़ाई को 16-16 मीटर करने के लिए चिह्नांकन किया गया है, लेकिन इस फैसले ने शहर के व्यापारियों में चिंता और असंतोष पैदा कर दिया है.
व्यापारी वर्ग ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के पास फरियाद की है. उनका कहना है कि सड़क की चौड़ाई कम कर दी गई है, जिससे शहर के अंदर की सड़कों पर भी भारी ट्रैफिक और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं. व्यापारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे उनके व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और ग्राहकों की संख्या में कमी आ सकती है.
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही
व्यापारियों ने सीएम से अनुरोध किया है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके. अब सभी की नजर इस मुद्दे पर है कि सरकार इस स्थिति का कैसे समाधान करती है और क्या व्यापारियों की चिंताओं को ध्यान में रखा जाएगा.
व्यापारियों ने जानकारी दी है कि बाइपास के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है. इस स्थिति में, शहर में सड़क चौड़ी करने की कोई आवश्यकता नहीं रह जाएगी. सक्सेना चौक से आगे बढ़ते हुए, एक व्यापारी ने लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सामने एक चिह्नित स्थान दिखाया, जहां सड़क की चौड़ाई को लेकर चर्चा की जा रही है. उन्होंने बताया कि सड़क की चौड़ाई की माप दूसरी बार की जा चुकी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब शहर को उजड़ने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
यदि सड़क चौड़ी की जाती, तो कालेज रोड पर लगभग दो किलोमीटर का क्षेत्रफल प्रभावित होता. इस प्रकार, व्यापारी वर्ग का मानना है कि यदि बाइपास का निर्माण सही तरीके से किया जाए, तो इससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी. इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है ताकि शहर के विकास के साथ-साथ व्यापारियों और निवासियों के हितों का भी ध्यान रखा जा सके.