UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रेलवे अधिकारियों के मुताबिक एलिवेटेड रेलवे ट्रैक दो वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और अन्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। अनवरगंज-मंधना रूट की कुछ ट्रेनों को रिशेड्यूल किया जा सकता है। शहर के विकास के अहम प्रोजेक्ट में शामिल अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को लेकर सोमवार को कानपुर में रेलवे व प्रशासन के अफसरों ने बैठक की. इसमें पूरे प्रोजेक्ट को जल्द ही विस्तार देने के संबंध में चर्चा हुई।
तीन साल में होगा तैयार, करोडो़ खर्च
कानपुर में अनवरगंज.मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इससे दोनों स्टेशनों के बीच पड़ने वाली क्रॉसिंगों से रोज गुजरने वाले 40 लाख लोगों को जाम से निजात मिलेगी। रेलवे बोर्ड की ओर से उत्तर पूर्वी रेलवे के जनरल मैनेजर के पास इस संबंध में पत्र भेजा गया है। ट्रैक के निर्माण कार्य में करोड़ रुपये खर्च होंगे। तय हुआ कि अब इस प्रोजेक्ट के तहत रावतपुर व कल्याणपुर स्टेशन को खत्म कर दिया जाएगा. इन स्टेशनों के स्थान पर भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई के नाम से नया स्टेशन बनेगा।
दिन भर में कई बार जाम
अनवरगंज-मंधना रूट पर 40 से अधिक सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों के अलावा छह से ज्यादा मालगाड़ियां संचालित हो रही हैं। ट्रेनों के आने से दो मिनट पहले क्रॉसिंग बंद होती है और जाने के दो मिनट बाद ही खुलती है। इससे 18 रेलवे क्रॉसिंगों पर दिन भर में कई बार जाम लगता है। रावतपुर औऱ कल्याणपुर स्टेशन को हटाए जाने के बाद नया स्टेशन भारतीय दलहन अनुसंधान के पास बनाने का प्रस्ताव है. इसके पीछे मंशा यह है कि रावतपुर और कल्याणपुर की लाखों की आबादी को आसानी से रेलवे स्टेशन की सुविधा मिल सके. बता दें कि अभी रावतपुर और कल्याणपुर स्टेशन में रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. इन दोनों ही स्टेशनों से कई बड़ी ट्रेनें भी गुजरती हैं. नए स्टेशन का नाम पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव है।
रेल यातायात का संचालन बंद
इसी तरह केस्को के अफसरों को इस पूरे ट्रैक के समानांतर बिछी हाई टेंशन लाइन को भी डाइवर्ट करना होगा. नीरज श्रीवास्तव ने कहा कानपुर के कमिश्नर अमित गुप्ता ने उक्त सभी विभागों से इस रेलवे ट्रैक में किए जाने वाले कार्यों की रिपोर्ट मांगी है. इसे लगभग तीन से चार माह में तैयार करा लिया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा. जैसे ही वहां से अनुमति मिलती है, वैसे ही इस एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा. अफसरों ने बताया जैसे ही इस एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा तो करीब दो साल तक इस ट्रैक पर रेल यातायात का संचालन बंद रहेगा. ट्रेनें दूसरे रूटों से जाएंगी. समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस अहम प्रोजेक्ट की लागत करीब 950 करोड़ है. इसके निर्माण के लिए कुल दो सालों का लक्ष्य रखा गया है.