उत्तर प्रदेश को ग्लोबल आईटी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पांच प्रमुख जिलों—गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, और प्रयागराज—को आईटी और आईटीईएस सेक्टर का हब बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
UP News: उत्तर प्रदेश को ग्लोबल आईटी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पांच प्रमुख जिलों—गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, और प्रयागराज—को आईटी और आईटीईएस सेक्टर का हब बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
योगी सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। इस दिशा में आईटी और आईटीईएस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं:
योगी सरकार जल्द ही राज्य स्तरीय आईटी और आईटीईएस सलाहकार समिति का गठन करेगी। यह समिति उद्योग और अकादमिक स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर राज्य में आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने की रणनीतियां तैयार करेगी। इसके अलावा, सरकार आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने पर भी विचार कर रही है, जिससे आईटी इकाइयों को औद्योगिक टैरिफ पर बिजली उपलब्ध हो सके।
एआई और ड्रोन उद्योग से जुड़े निवेशकों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
गल्फ कॉर्पोरेशन्स काउंसिल के निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करने की योजना। राज्य में प्रौद्योगिकी सम्मेलनों के आयोजन से यूपी के आईटी हब शहरों की ब्रांडिंग पर भी जोर दिया जाएगा।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को आईटी और आईटीईएस सेक्टर में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।