UP News : यूपी में इस समय में कई नए प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। अब जल्द ही यूपी में एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए किसानों को 8 गुणा मुआवजा दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे (UP Expressway News) के निर्माण के लिए प्रशासन ने किसानों को सहयोग करने और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।
यूपी में विकास की गति को रफ्तार देने के लिए नए-नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। अब जल्द ही यूपी में एक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) किया जाने वाला है और इसका बंपर फायदा किसानों को होगा। इसके लिए किसानों को 8 गुणा मुआवजा दिया जाएगा। आइए खबर में जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के बारे में।
भूमि खरीद व अर्जन को लेकर बैठक
दरअसल, बता दें कि कलेक्ट्रेट सभागार में बीते शनिवार को प्रवेश नियंत्रित लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट (Link Expressway Project) के अंतर्गत तहसील सदर और अमृतपुर के 43 ग्रामों में भूमि खरीद व अर्जन को लेकर बैठक की गई है। इस बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी और प्रभावित किसानों के प्रतिनिधि भी मौजुद रहे हैं। बता दें कि इस बैठक में भूमि के सर्किल रेट (circle rate of land) को लेकर गहमागहमी रही।
गुतासी का भूमि मूल्य भी है बेहद कम
किसानों ने बैठक से यूपीडा के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई है। उन्होंने ये भी कहा है कि लिंक एक्सप्रेसवे के ज्यादातर अन्य भूमि भी ली जा रही है और प्रभावित क्षेत्र में मूल्य असमानता भी स्पष्ट की गई है। उदाहरण के तौर पर जैसे ही गुतासी का भूमि मूल्य (Land value of Gutasi) बेहद कम है। हथियापुर का सर्किल रेट एक करोड़ बीस लाख और अदिउली का मात्र तकरीबन 21 लाख है। इस विसंगति के चलते कई किसान किसी भी मूल्य पर भूमि बेचने के लिए अभी तैयार नहीं हैं।
सर्किल रेट की विसंगति होनी चाहिए दूर
दरअसल, आपको बता दें कि बैठक में किसान नेताओं ने डिमांड की है कि सर्किल रेट की विसंगति (circle rate discrepancy) को जल्द ही दूर किया जाना चाहिए। खिमसेपुर क्षेत्र के किसानों की ओर से एक्सप्रेसवे को आबादी से दूर ले जाने और आठ गुना मूल्य देने को लेकर डिमांड की है और बैठक में यह क्लियर हो गया है कि भूमि अनावश्यक रूप से नहीं ली जानी चाहिए।
अपर जिलाधिकारी ने किसानों और अधिकारियों को समझाया कि लिंक एक्सप्रेसवे (UP new Link Expressway) को बनाने के लिए किसानों का सहयोग बेहद जरूरी है, और समस्याओं के निराकरण के लिए ज्यादातर प्रयास किए जाने वाले हैं।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		