UP News : उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेला के आयोजन के लिए नया जिला ‘महाकुंभ मेला’ घोषित किया गया है। यह कदम आयोजन के बेहतर प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन के लिए उठाया गया है। नए जिले में शामिल किए गए गांवों, प्रशासनिक संरचना और शाही स्नानों के बारे में जानें इस लेख में।
उत्तर प्रदेश में आगामी महाकुंभ मेले की तैयारी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए मेला क्षेत्र को एक नया जिला बना दिया गया है, जिसका नाम ‘महाकुंभ मेला’ रखा गया है। राज्य सरकार ने इस नए जिले के गठन की आधिकारिक घोषणा की है, और इसके बाद यूपी में कुल जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय की जानकारी दी और इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। यह निर्णय महाकुंभ मेले के बेहतर आयोजन और प्रशासनिक कार्यों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
महाकुंभ मेला जिले के प्रशासनिक ढांचे की योजना
महाकुंभ मेला जिला अब एक स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई के रूप में कार्य करेगा। इस नए जिले में वही प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी, जो किसी अन्य सामान्य जिले के लिए जरूरी होती हैं। इसका मतलब है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र के लिए एक नया जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस कप्तान (एसएसपी) नियुक्त किए गए हैं।
इसके साथ ही, नए जिले में थाने और पुलिस चौकियां भी स्थापित की जाएंगी ताकि सुरक्षा और व्यवस्था बेहतर तरीके से सुनिश्चित की जा सके। इस नए प्रशासनिक ढांचे का मुख्य उद्देश्य मेले के आयोजन के दौरान होने वाली भारी भीड़ और आयोजनों के प्रबंधन में सहायता प्रदान करना है।
महाकुंभ मेला जिले में कलेक्टर मेलाधिकारी विजय किरन आनंद होंगे, जबकि एसएसपी के रूप में राजेश द्विवेदी की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है। इसके अलावा, महाकुंभ मेला जिले में चार तहसीलों – सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के 67 गांव शामिल किए गए हैं। इन गांवों को इस नए जिले का हिस्सा बना दिया गया है, जिससे महाकुंभ के आयोजन के दौरान इन क्षेत्रों में प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।
महाकुंभ मेले का ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ मेला, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा, एक धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव है। इस दौरान लगभग 100 मिलियन से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में एकत्रित होते हैं। महाकुंभ मेला जिले का गठन इसलिए किया गया है ताकि इस विशाल आयोजन की व्यवस्था और प्रबंधन को और भी प्रभावी बनाया जा सके। महाकुंभ के आयोजन के दौरान विभिन्न शाही स्नान होते हैं, जो पूरे देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र होते हैं। इस महाकुंभ के दौरान कुल छह शाही स्नान होंगे।
इन शाही स्नानों की तारीखें इस प्रकार हैं:
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान।
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान।
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी पर तीसरा शाही स्नान।
- 13 फरवरी: पौष पूर्णिमा पर चौथा शाही स्नान।
- 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा पर पांचवां शाही स्नान।
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि पर छठा शाही स्नान।
महाकुंभ मेला जिले में शामिल गांवों की सूची
महाकुंभ मेला जिले के गठन के साथ ही, कई प्रमुख गांवों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें प्रयागराज सदर तहसील के 25 गांव शामिल हैं। इन गांवों में कुरैशीपुर उपरहार, कीटगंज कछार, मुस्तफाबाद मुनकस्मा कछार, अली पट्टी, बस्की उपरहार, अल्लापुर बस्की कछार, बघाड़ा जहूरुद्दीन, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर उपरहार, और पट्टीचिल्ला उपरहार सहित कई अन्य गांव शामिल हैं। इन गांवों को नए जिले का हिस्सा बनाया गया है, जिससे महाकुंभ के दौरान प्रशासनिक कार्यों को और भी आसानी से संचालित किया जा सके।