UP News : उत्तर प्रदेश इस नए कदम से किसानों को अपने फलों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा
सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत फल उत्पादक किसानों की आय को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, वाइन बनाने वाली कंपनियों को जिले में विशेष दुकानों की स्थापना करने की अनुमति दी जाएगी, जहां किसानों द्वारा उत्पादित फलों से तैयार की गई वाइन बेची जाएगी।
इस नए कदम से किसानों को अपने फलों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वाइन के उत्पादन और बिक्री के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस पहल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में न केवल अंग्रेजी और देशी शराब तथा बीयर की बिक्री में वृद्धि हो, बल्कि वाइन की बिक्री को भी बढ़ावा दिया जाए।
आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने हाल ही में एक बयान में कहा कि प्रदेश में वाइन के उत्पादन में वृद्धि से स्थानीय फल उत्पादक किसानों को महत्वपूर्ण लाभ मिलने की संभावना है। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में बढ़ती मांग के कारण वाइन कंपनियाँ किसानों से अधिक मात्रा में फलों की खरीदारी करेंगी, जिससे किसानों की आय में सुधार होगा।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को लोकभवन में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश की आबकारी नीति में एक बड़ा परिवर्तन किया जा रहा है। इस परिवर्तन के तहत, अब ई-लाटरी प्रणाली को लागू किया जाएगा, जो कि दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देगी।
पिछले 6 सालों से, शराब लाइसेंसों का नवीनीकरण किया जाता रहा है, लेकिन अब ई-लाटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा।मंत्री खन्ना ने कहा कि यह बदलाव प्रदेश की आबकारी नीति को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि सभी हितधारकों के लिए लाभकारी साबित होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि साल 2026-27 में लाइसेंस नवीनीकरण का एक विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 58,310 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे नए वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इस वृद्धि का उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करना है।
1 अप्रैल से राज्य में 60 और 90 मिलीलीटर के कांच और सिरोंग पैक में विदेशी शराब की बिक्री शुरू की जाएगी। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि विदेशी शराब की सामान्य श्रेणी में 90 मिलीलीटर के पैक उपलब्ध होंगे, जबकि प्रीमियम श्रेणी में 60 और 90 मिलीलीटर के पैक की बिक्री की जाएगी।
इस बीच, शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पिछले साल की तरह, शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक ही खोली जाएंगी। मंडल स्तर पर वाइन की दुकानों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 50,000 रुपये और जिलों में 30,000 रुपये का शुल्क देना होगा। वित्त मंत्री ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में अनुमत किए गए 11 प्रस्तावों की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि इस प्रक्रिया से शराब की बिक्री को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव, वीना कुमारी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि यदि किसी कार्यक्रम स्थल पर अन्य प्रदेशों में निर्मित शराब का संग्रहण किया जाता है और उसे परोसा जाता है, तो इस मामले में कार्यक्रम का आयोजन करने वाले व्यक्तियों पर एक लाख रुपये तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यह नियम पहले लागू नहीं था, लेकिन अब इसे लागू करके सरकार ने शराब के अवैध व्यापार को रोकने का प्रयास किया है।
शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश ने हाल ही में सरकार द्वारा घोषित नई नीति का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कंपोजिट दुकानों को खोलने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संबंधित नगरीय निकायों के माध्यम से इन दुकानों का आवंटन करने की एक ठोस व्यवस्था बनवाना चाहिए।
इस नीति के लागू होने से न केवल सरकार को लाभ होगा, बल्कि शराब विक्रेताओं के लिए भी यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा। इससे व्यवसाय के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। एसपी सिंह ने कहा कि सही योजना और कार्यान्वयन के जरिए इस नई नीति का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।