क्या आपको पता है उत्तर प्रदेश में नंबर वन बिजली चोर जिला कौन-कौन सा बन गया है। जहां बिजली चोरी और बिजली के बकाया भुगतान को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है।
बिजली चोरी करने में यूपी का ये जिला बना नंबर वन
उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग ने चेकिंग अभियान चलाकर घरों में बिजली चोरी पकड़ी। इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और कनेक्शन वापस जोड़ने का दबाव डालने लगे। विभागीय कर्मचारियों ने सख्ती दिखाते हुए उनकी बात अनसुनी कर दी। प्रयागराज की बात करें तो पुराने शहर में सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं। करेली, कसारी मसारी, कल्याणी देवी उपखंड में लगातार बिजली चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। यहां पर ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन भी पकड़े गए हैं। शहर के कई नामी व्यापारियों के खिलाफ भी बिजली चोरी में मुकदमा दर्ज हुआ है।
अभियान के दौरान अधिकारियों ने पाया कि कई घरों में हीटर और ब्लोअर जैसे उपकरणों का उपयोग हो रहा था, जिससे बिजली की अत्यधिक खपत हो रही थी। अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने सभी अवैध कनेक्शनों को पोल से काट दिया। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों ने चिंता बढ़ाई है। मथुरा, आगरा और प्रयागराज बीते साल 2024 में बिजली चोरी के मामलों में शीर्ष पर रहे। मथुरा में सबसे अधिक 7,560 मामले दर्ज किए गए, जिससे यह शहर बिजली चोरी के मामलों में सबसे आगे है। आगरा में 6,260 मामले सामने आए, जबकि प्रयागराज 5,707 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। नोएडा में बिजली चोरी के 4,449 और कानपुर सिटी में 3,122 मामले दर्ज हुए। बिजली चोरी अब इतना कॉमन हो चुका है। बिजली चोरी के सबूत किसी से छिपे नहीं हैं, खंभों से होकर घरों में जाते तार सभी को दिख रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि बिजली विभाग को ये तार अभी ही क्यों दिखने लगे हैं, पहले क्यों नहीं दिख रहे थे। विद्युत चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर भी लगा रहे है, जिससे चोरी को रोका जा सके। यह आंकड़े बताते हैं कि बड़े औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में भी बिजली चोरी गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके विपरीत, प्रदेश के अन्य महानगरों में बिजली चोरी के मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। वाराणसी में 1,677 और गोरखपुर में 1,227 मामले दर्ज किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि छोटे शहरों में बिजली चोरी का प्रचलन कम है।
जुगाड़ जानकर दंग रह जाएंगे
इस लिहाज से देश का सबसे बड़ा बिजली चोर जिला मथुरा, आगरा और प्रयागराज है। लेकिन आखिर ये उपलब्धि कैसे हासिल की। बिजली चोरों ने कौन-कौन से जुगाड़ लगाए हुए हैं और कैसे बिजली चोरी का संगठित उद्योग चल रहा है, चलिए जानते हैं। सरकार और बिजली विभाग ने इन मामलों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर और नियमित निरीक्षण जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
इसके अलावा आम जनता को बिजली चोरी के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। बिजली चोरी न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आम उपभोक्ताओं पर भी वित्तीय दबाव बढ़ा रही है। नोएडा में बिजली चोरी के 4,449 और कानपुर सिटी में 3,122 मामले दर्ज हुए। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि उत्तर प्रदेश ये सभी जिला देश का नंबर वन बिजली चोर जिला का खिताब क्यों मिला है। छत पर तो बिजली चोरी का पूरा नेटवर्क ही बिछा हुआ था। यह हंगामा उस समय हुआ जब बिजली चोरों के नाम चेक किए जा रहे थे। कर्मचारियों ने नाम पूछे तो मोहल्ले के लोगों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया। इस दौरान कुल 257 उपभोक्ताओं के घरों की चेकिंग की गईए जिसमें चोरी की बिजली से हीटर और ब्लोअर इस्तेमाल करने वाले 68 लोगों को चिह्नित कर उनके घरों में बिजली चोरी के साक्ष्य वीडियो बनाकर जुटाए गए।