UP News : उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगों को बिजली के दरों में होने वाली बढ़ोतरी से जोर का झटका लग सकता है। हाल ही में बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है। उत्तर प्रदेश पावर कार्पाेरेशन ने वर्ष 2025-26 का एआरआर प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। इसमें करीब 12 हजार 800 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया है। वहीं, उपभोक्ता परिषद ने मसौदे की खिलाफत करने की बात कही है।उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि दाखिल किए गए एआरआर में निगमों पर उपभोक्ताओं का बकाया चल रहे 33122 करोड़ के एवज में बिजली दर में कमी का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। इसी तरह दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल को भी अलग नहीं किया है। उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया कि कार्पाेरेशन की ओर से गुपचुप प्रस्ताव दाखिल करने के मामले में नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल किया जाएगा और आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
घाटा उपभोक्ताओं पर थोप कर निजी घरानों को उपकृत करने के प्रयास को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वहीं पावर कॉर्पाेरेशन ने बिजली निगमों की ओर से 30 नवंबर की शाम वर्ष 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का मसौदा नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है। इसमें करीब 12800 से 13 हजार करोड़ का गैप (घाटा) दिखाया गया है। आयोग ने इस मसौदे को स्वीकृति दी तो प्रदेश में बिजली दरें करीब 15 फीसदी बढ़ सकती हैं।
पिछले वर्ष कार्पाेरेशन ने दाखिल किए गए एआरआर में 11 से 12 हजार करोड़ का गैप (घाटा) बताया था। 13.06 प्रतिशत लाइन हानियां दिखाई थी। कुल लागत लगभग 80 हजार करोड़ से 85 हजार करोड़ के बीच में आंकी थी। इसके पहले वर्ष 2023-24 में लगभग 92 हजार 547 करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल की गई थी। पावर कॉर्पाेरेशन ने बिजली निगमों की ओर से 30 नवंबर की शाम वर्ष 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का मसौदा नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है। इसमें करीब 12800 से 13 हजार करोड़ का गैप (घाटा) दिखाया गया है। आयोग ने इस मसौदे को स्वीकृति दी तो प्रदेश में बिजली दरें करीब 15 फीसदी बढ़ सकती हैं।