UP News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। अब कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था बना दी गई है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Govt) लगातार हर वर्ग के लिए कार्य कर रही है और कुछ ना कुछ पुराने नियमों में बदलाव किया जा रहा है। एक बार फिर से योगी सरकार ने नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए पारदर्शी, सुरक्षित और जवाबदेह व्यवस्था बनाई जा रही है। कर्मचारियों के लिए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित कर दिया जाएगा।
लाखों युवाओं के लिए लिया गया फैसला
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (UP Govt) की ओर से लाखों युवाओं के भविष्य को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कर्मचारियों को उनका पूरा हक मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा। इस निर्णय के माध्यम से योगी सरकार ने सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम किया है। युवाओं को भविष्य में बेहतर अवसर भी मिलेंगे और रोजगार का एक नया मॉडल स्थापित होगा।
आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड के गठन को दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश में संविदा कर्मचारियों (outsource employees) के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसी के अंतर्गत कंपनीज एक्ट 2013 के सेक्शन 8 के अनुसार उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड (Uttar Pradesh Outsource Service Corporation Limited) का गठन करने की मंजूरी दी गई है।
इसके लिए एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी (Public company) को रखा जाएगा। इस कंपनी को नों प्रॉफिटेबल संस्था के रूप में संचालित किया जाएगा। इस कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन सीधे विभाग की बजाय निगम जेम पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इससे निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।
3 साल के लिए किया जाएगा चयन
उत्तर प्रदेश में अब आउटसोर्स कर्मचारी (outsource employees Rules UP) का चयन 3 साल के लिए किया जाएगा। कर्मचारियों की सैलरी 16000 से 20000 रुपये प्रति माह निर्धारित की जा सकती है। प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी है।
नहीं मिल रहा था पूरा मानदेय
उत्तर प्रदेश में बहुत सारे विभागों में आउटसोर्स पर एजेंसियों के माध्यम से कार्मिक सेवाएं कर्मचारी (employees Salary) प्रदान कर रहे हैं। बार-बार शिकायतें आ रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार की ओर से स्वीकृत किया गया मानदेय कर्मचारी को पूरा नहीं मिल रहा है। कई बार तो ईपीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाओं का अंशदान भी कंपनियां नहीं कर रही थी। इन अनियमितताओं को खत्म करने के लिए निगम को गठित करना जरूरी था।
कैसे काम करेगी व्यवस्था
नई व्यवस्था के तहत आउटसोर्स के कर्मचारियों से महीने में 26 दिन सेवा ली जा सकेगी। अब कर्मचारियों का चयन सीधा विभाग नहीं करेगा। जेम पोर्टल के माध्यम से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और कर्मचारियों को 16000 से 20000 रुपये प्रति महीना निर्धारित किया जाएगा। 3 साल के लिए कर्मचारी अपनी सेवाएं दे सकेंगे और कर्मचारियों की सैलरी (employees Salary Hike) भी महीने में 1 से 5 तारीख तक खाते में आ जाएगी।
ईपीएफ और ईएसआई का अनुदान कर्मचारियों के खाते में डाइवर्ट होगा। यह राशि सर्विस प्रोवाइडर के पास पहले जा रही थी। अनियमितता मिलने पर सेवा को तुरंत खत्म भी किया जा सकता है। अब आउटसोर्स के लिए चयन प्रक्रिया में परीक्षा और साक्षात्कार भी लिया जा सकेगा, इससे गुणवत्ता बेहतर होगी और योग्य कर्मचारी मिल सकेंगे।
आरक्षण का भी किया गया है प्रावधान
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री की ओर से जानकारी दी गई है कि नई व्यवस्था में संवैधानिक प्रावधानों का ध्यान रखा गया है और एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक, महिलाओं आदि को नियमों के अनुसार आरक्षण (outsourcing reservation) दिया जाएगा।
संविदा कर्मचारियों में महिलाओं को मैटरनिटी लीव का भी अधिकार दिया जाएगा। कर्मचारियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। इस दौरान कर्मचारियों की मृत्यु होने पर ₹15000 अंतिम संस्कार के रूप में सहायता दी जाएगी।
