UP News : घर खरीदने वालों को योगी सरकार का बड़ा तोहफा. दरअसल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश बिल्डिंग बायलॉज 2025 को मंजूरी दे दी है. इस नए नियम से अब दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के शहरों में भी…. आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ी पूरी डिटेल-
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश बिल्डिंग बायलॉज 2025 को मंजूरी दे दी है. इस नए नियम से अब दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के शहरों में भी बिल्डर फ्लोर बनाना और बेचना संभव हो पाएगा. यह नियम मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदने को आसान बनाएगा. इसके अलावा, इससे रियल एस्टेट सेक्टर (real estate sector) को भी बढ़ावा मिलेगा. यह निर्णय उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो उत्तर प्रदेश में अपना घर खरीदना चाहते हैं.
मल्टी यूनिट की नई परिभाषा-
यूपी बिल्डिंग बायलॉज में मल्टी-यूनिट की एक नई परिभाषा जोड़ी गई है, जिसे आम भाषा में बिल्डर फ्लोर कहा जाता है. इसके तहत, अब 150 वर्ग मीटर या उससे बड़े रेजिडेंशियल प्लॉट पर चार मंजिल जिसे जरूरी स्टिल्ट पार्किंग के साथ का निर्माण किया जा सकेगा. (up government building bylaw)
यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2010 के प्रावधान लागू-
– हर फ्लोर को एक अलग यूनिट के तौर पर बेचा जा सकेगा. पहले इस तरह के निर्माण और बिक्री की साफ अनुमति नहीं थी.
– इस बड़े बदलाव का सबसे अहम पहलू यह है कि ऐसे सभी मल्टी-यूनिट भवनों पर यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2010 के प्रावधान लागू होंगे.
‘बिल्डर फ्लोर’ (मल्टी-यूनिट) के लिए नए नियम-
मानक – प्रावधान
न्यूनतम प्लॉट साइज – 150 वर्ग मीटर
अधिकतम मंजिल – 4 मंजिल
अधिकतम ऊंचाई – 17.5 मीटर (अनिवार्य स्टिल्ट सहित)
पार्किंग – स्टिल्ट फ्लोर पर पार्किंग अनिवार्य
लागू कानून – उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट, 2010
जमीन में होगी आनुपातिक हिस्सेदारी-
नए बायलॉज के तहत हर फ्लोर के मालिक को जमीन में आनुपातिक हिस्सेदारी मिलेगी और कॉमन एरिया (common area) के रखरखाव के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) बनाना जरूरी होगा.
विवाद की आंशाका कम-
इस नियम से खरीदारों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे और भविष्य में किसी भी तरह के विवाद की आशंका कम होगी.
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सड़कों पर पार्किंग (parking) की दिक्कत न बढ़े. इस कारण भी सभी मल्टी यूनिट भवनों के लिए स्टिल्ट फ्लोर (stilt floor) पर पार्किंग बनाने जरूरी कर दिया है.
हर फ्लोर की अलग रजिस्ट्री-
नए उत्तर प्रदेश बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार, मल्टी-यूनिट इमारतों की अधिकतम ऊंचाई स्टिल्ट सहित 17.5 मीटर तक हो सकती है. इस नियम से शहरों में आवास की मांग को पूरा करने में सहायता मिलेगी. लोग अब पूरी कोठी खरीदने के बजाय अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार एक फ्लोर खरीद सकते हैं. उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट, 2010 के लागू होने से, हर फ्लोर को एक अलग संपत्ति के रूप में बेचा और खरीदा जा सकेगा, जिसकी अपनी अलग रजिस्ट्री होगी. यह व्यवस्था लोगों के लिए घर खरीदना आसान बनाएगी.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
सवाल: ‘मल्टी-यूनिट’ या ‘बिल्डर फ्लोर’ क्या है?
जवाब: नए नियमों के तहत, यह एक आवासीय भवन है जिसमें चार मंजिल तक हर फ्लोर पर एक या एक से अधिक स्वतंत्र आवासीय इकाइयां होती हैं, जिन्हें अलग-अलग बेचा जा सकता है.
सवाल: बिल्डर फ्लोर बनाने के लिए न्यूनतम प्लॉट साइज क्या है?
जवाब: ‘मल्टी-यूनिट’ बनाने के लिए प्लॉट का न्यूनतम आकार 150 वर्ग मीटर होना चाहिए.
सवाल: क्या अब हर फ्लोर की अलग रजिस्ट्री हो सकेगी?
जवाब: हां, उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट, 2010 के लागू होने से हर फ्लोर को एक अलग संपत्ति के रूप में खरीदा और बेचा जा सकेगा, और उसकी अलग रजिस्ट्री होगी.
सवाल: पार्किंग का क्या नियम है?
जवाब: सभी ‘मल्टी-यूनिट’ भवनों में स्टिल्ट फ्लोर पर पार्किंग बनाना अनिवार्य है, ताकि वाहनों को सड़क पर खड़ा न करना पड़े.
सवाल: अधिकतम कितनी ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति है?
जवाब: ‘मल्टी-यूनिट’ भवन की अधिकतम ऊंचाई स्टिल्ट फ्लोर को मिलाकर 17.5 मीटर तक हो सकती है.