New Railway Line in UP : उत्तर प्रदेश में अब जल्द ही नई रेलवे लाइन का विकास किया जाने वाला है। बता दें कि इसके लिए 105 किलोमीटर लंबे ट्रैक के सर्वे को पूरा कर दिया गया है। वहीं भूमि अधिग्रहण (Land acquisition For Railway Line) की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी हासिल कर ली गई है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
यूपी में अब एक और नई रेलवे लाइन को बिछाया जाने वाला है। ये नई रेलवे लाइन 105 किलोमीटर लंबी होगी। वहीं इसके लिए सर्वे कार्य भी पूरा हो गया है। रेलवे लाइन (Railway Line in UP) के बिछाये जाने की वजह से आम लोगों को काफी लाभ होने वाला है और रोजगार के भी नए नए मौके मिलेंगे। आइए जानते हैं इस रेल लाइन के बारे में।
105 किलोमीटर लंबे ट्रैक का सर्वे हुआ पूरा
मथुरा-कासगंज रेलवे लाइन के दोहरीकरण को लेकर लंबे समय से काम किया जा रहा था, अब इसके कार्य में तेजी आई है। इसकी प्रक्रिया में अब तेजी आ गई है। रेलवे (Railway Line) ने 105 किलोमीटर लंबे ट्रैक के सर्वे कार्य को पूरा कर लिया है। इसमें इस बात को पता लगाया जा रहा है कि किन-किन स्थानों पर रेलवे की भूमि पर्याप्त रहने वाली है। वहीं ट्रैक विस्तार या एलीवेटेड लाइन बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत रहने वाली है।
परियोजना के लिए डीपीआर हुई तैयार
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर की ओर से इस परियोजना के लिए डीपीआर (DPR For New Railway Line) को तैयार कर लिया है। वहीं सर्वे में मौजूद पुल, पुलिया, स्टेशन, रेलवे क्रॉसिंग, ओवरब्रिज, अंडरपास और अन्य वस्तुस्थति का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। विशेष तौर से हाथरस, मुरसान और राया के बीच के हिस्से में रेलवे की जमीन (Land acquisition) अपेक्षाकृत कम होने की वजह से भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है।
वहीं डीपीआर में यह भी दर्ज किया जा रहा है कि ट्रैक के दोनों ओर कितनी चौड़ाई की जरूरत रहने वाली है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस बात को तय किया जाएगा कि संकरी जगहों पर एलीवेटेड ट्रैक (elevated track) या डबल लाइन तैयार की जाने वाली है।
ट्रेनों की गति को मिलेगी रफ्तार
इस परियोजना के पूरा हो जाने पर मथुरा-कासगंज रूट पर ट्रेनों की आवाजाही अधिक सुगम होने वाली है और ट्रैफिक ब्लॉक व देरी की समस्या में कमी दर्ज की जा रही है। फिलहाल में इस रूट पर पैसेंजर (Railway Line Latest Update) और कुछ एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलती हैं, इनकी संख्या सिंगल ट्रैक होने की वजह से बढ़ नहीं पा रही हैं, वहीं इन ट्रेनों का गति का औसत भी कम रहा है।
इस रेलवे ट्रेक का होगा दोहरीकरण
कासगंज-मथुरा रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर डीपीआर को तैयार करने में कुछ चुनौतियों को उठाना पड़ रहा था। इसमें हाथरस, मुरसान व राया में जमीन की उपलब्धता अहम रहने वाली है। इसके अलावा दूसरी ओर मेंडू स्टेशन (Mendu station) का महत्व भी बढ़ने की संभावना लगाई जा रही है। इसका कारण मेंडू पर रेलवे की काफी भूमि रही है। इस स्टेशन से ही उत्तर मध्य रेलवे के दिल्ली हावड़ा ट्रैक से कनेक्ट किया जाएगा।
डीपीआर में सामने आई ये बात
डीपीआर में ये सामने आया है कि कहां पर कितनी जगह उपलब्ध होने वाली है। ऐसे में ये जरुरी नहीं कि जमीन अधिग्रहण की जरूरत पड़ने वाली है। वहीं सर्वे में सबकुछ दर्ज किया जा रहा है, इसमें यार्ड (UP New Railway Line) का प्लान बनाया जा रहा है। कितने पुल हैं, कितने बनेंगे आदि सब कुछ दर्ज किया जा रहा है। वहीं जल्द ही डीपीआर का निर्माण होगा। जोकि रेलवे बोर्ड को स्वीकृति देने वाली है।
2009 से अब तक 01 जोड़ी भी दैनिक ट्रेन का संचालन नहीं हुआ है।
वहीं मथुरा-कासगंज रेल खंड (Mathura-Kasganj rail section) पर संचालन होगा, जिसमें 05 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का होता है।
02 जोड़ी त्रैसाप्ताहिक ट्रेन का संचालन इस ट्रैक पर ही होता है।
इस ट्रैक पर 19 जोड़ी साप्ताहिक ट्रेनों का संचालन होता है।
कासगंज से मथुरा छावनी के बीच 11 रेलवे स्टेशन (railway station) को बनाया जाएगा।
वहीं मथुरा कासगंज का रेलवे ट्रैक 105 किलोमीटर का रहने वाला है।
