UP News : जिला गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बढ़ती जनसंख्या की रहने की और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए नया गोरखपुर प्रोजेक्ट की योजना बनाई है। गोरखपुर जल्द ही एक नए और सुनियोजित शहर के रूप में अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने 6000 एकड़ भूमि में गोरखपुर बसाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। आधुनिक सुविधाओं और सुव्यवस्थित ढांचे से लैस यह शहर गोरखपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इससे गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल को नोएडा जैसे हाईटेक शहर का अनुभव होगा। पूरब और पश्चिम में विकास की खाई भी पाटी जा सकेगी।इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदने और अन्य कार्यों के लिए सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इसके तहत लाखों लोगों का आशियाने का सपना पूरा होगा। न्यू गोरखपुर टाउनशिप छह हजार एकड़ में बसाई जानी है। साथ ही हाईवे सुविधा क्षेत्र और अन्य आवश्यक ढांचागत सुविधाओं के लिए भी अलग-अलग जोन तैयार किए जा रहे हैं। यह प्लान एक महीने के भीतर तैयार होकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
नए गोरखपुर के लिए जोनल प्लान तैयार करने का जिम्मा एक विशेषज्ञ फर्म को सौंपा है। यह फर्म ड्रोन सर्वे की मदद से आवासीय, व्यवसायिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जमीन चिन्हित कर रही है। इन चार गांवों में कुल 6000 एकड़ भूमि अधिग्रहण की योजना है। खास बात यह है कि किसान स्वेच्छा से अपनी जमीन दे रहे हैं, जिससे प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ रही है। पहले चरण में मानीराम, बालापार, रहमतनगर और मेंहदीपुर गांवों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 150 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा लिया जा चुका है। सुविधाओं से भरपूर मॉडल टाउनशिप जोनल प्लान में हर आधुनिक सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है।
आवासीय क्षेत्रः सुनियोजित और हरे-भरे इलाके, व्यवसायिक हबः व्यापार और उद्योग के लिए विशेष क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानः आधुनिक स्कूल और कॉलेज, स्वास्थ्य सुविधाएं अत्याधुनिक अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र। इसके अलावा सड़क, पार्क और सार्वजनिक सुविधाओं का भी व्यापक ध्यान रखा जा रहा है। नया गोरखपुर प्रोजेक्ट की कवायद नवंबर 2022 में शुरू हुई। जिसका उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराना, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के लिए आधुनिक ढांचे का निर्माण करना और गोरखपुर को एक योजनाबद्ध और अत्याधुनिक शहर के रूप में विकसित करना है। इस योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ाने की मंजूरी दी थी।