उत्तर प्रदेश की सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा (आईटीईएस) को औद्योगिक दर्जा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले से इस क्षेत्र की कंपनियों को भूमि आवंटन और बिजली दरों में अन्य उद्योगों के समान प्राथमिकता और छूट मिलेगी।
अब आईटी और आईटीईएस कंपनियों को औद्योगिक श्रेणी के अंतर्गत भूमि आवंटन की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें जमीन प्राप्त करने में आसानी होगी।
न्यूनतम विद्युत भार 150 किलोवाट रखने वाली नई और पहले से चल रही इकाइयों को औद्योगिक दर पर बिजली मिलेगी। इससे उनकी संचालन लागत में कमी आएगी। इस नए वर्गीकरण के जरिए विद्युत की लागत में लगभग 18 प्रतिशत की बचत होगी, जिससे कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
डिजिटलीकरण और डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग के मद्देनजर, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा दिए जाने से यहां तेजी से निवेश आकर्षित होगा, जो राज्य की आर्थिक विकास में सहायक होगा।
उत्तर प्रदेश में आईटी और आईटीईएस को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल निवेश में वृद्धि होगी, बल्कि यह प्रदेश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को भी गति देगा। अब प्रदेश में आईटी सेक्टर की कंपनियां बेहतर सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकेंगी।