UP News : यूपी कर्मचारियों में आठवें वेतन आयोग को लेकर इंतजार बढ़ता जा रहा है। अब आठवां वेतन आयोग लागू होने में सिर्फ 100 दिन ही बचे हैं, ऐसे में कर्मचारियों का इंतजार बढ़ रहा है। अब हाल ही में नए वेतन आयोग को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सामने आई है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि आठवें वेतन आयोग (eighth pay commission) के समक्ष आई इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
भले ही सरकार की ओर से जनवरी में आठवें वेतन आयोग को लेकर घोषणा कर दी गई थी। किंतु अब तक इस बारे में कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है, जिसे लेकर कर्मचारियों में इंतजार बना हुआ है। अब आठवां वेतन आयोग (8th cpc) लागू होने में सिर्फ 100 दिन का समय बचा है। बताया जा रहा है कि वेतन आयोग की सिफारिश से 1 जनवरी 2026 से लागू कर दी जाएगी। आइए खबर मे जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
बीते वेतन आयोगों में इतना लगा था वक्त
अगर पहले के आयोग को देखें तो इससे पहले जितने भी वेतन आयोग (8th cpc updates) गठित हुए हैं, उनकी सिफारिशें तैयार होने और उन्हें लागू करने में तकरीबन दो-ढाई साल का वक्त लगता था,लेकिन इस बार सरकार के पास एक साल से भी कम समय कचा था।
अब देखा जाए तो महज सौ दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक वेतन आयोग का गठन नहीं हुई है और न ही अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति हुई है। जब आयोग गठित ही नहीं हुआ तो फिर कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक भी नहीं हुई है। ऐसे में आयोग के सदस्य कहीं भ्रमण पर नहीं जा सकेंगे। कर्मचारी संगठनों को इस महीने वेतन आयोग के गठन के आसार है।
शुरू हुई स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) भारत के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया है कि आठवें वेतन आयोग के लिए जरूरतमंद स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन फिर भी अभी तक आयोग के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में यही लग रहा है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें (Recommendations of 8th cpc) लागू होने में देरी हो सकती है, क्योंकि अभी तक जितने भी वेतन आयोग गठित हुए हैं, उनके हिसाब से इस बार सरकार के पास बहुत कम समय है।
सरकार कर सकती है ये काम
अब इतनी कम अवधि में आयोग का गठन और उसकी सिफारिशें लागू होना, संभव नहीं लगता। ऐसे में सरकार फिटमेंट फैक्टर को ‘बेसिक पे’ (Basic Pay) से रिप्लेस कर सकती है। सातवें वेतन आयोग के दौरान जो ‘पे मेट्रिक्स’ तैयार हुआ था, इस बार भी सरकार उसी का यूज कर सकती है, क्योंकि उसमें केवल डेटा ही बदलना होगा।
इतना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
बता दें कि पे मेट्रिक्स, ‘डॉ. एक्राय्ड’ फॉर्मूले (akroyd Formula) के आधार पर निर्धारित किया गया है। अब सिर्फ फिटमेंट फैक्टर पर काम होना बाकी है। बताया जा रहा है कि इस बार फिटमैंट फैक्टर 2.0 हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे कम्रचारियों की न्यूनतम बेसिक सेलरी जो अब 18 हजार रुपये है, वह बढ़कर 36 हजार के आसपास हो जाएगी।
इसके अलावा अगर फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 1.9 रखा गया तो बेसिक सेलरी 18 हजार से बढ़कर 34200 रुपये होगी। हालांकि सरकार की मर्जी से यह य होगा कि वह कितना फिटमेंट फैक्टर रखती है। पे मेट्रिक्स में अब 18 लेवल हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार आठवें वेतन आयोग के जरिए कुछ लेवल को आपस में मर्ज कर सकती है।
जारी किया 35 पदों का ब्यौरा
अब तक लागू हुए सातवें वेतन आयोग (seventh pay commission)में ऐसा पहली बार होगा, जब एक साल से कम समय में वेतन आयोग से जुड़े सारे कार्य किए जाएंगे। हालांकि अभी तक आयोग का चैयरमैन, सदस्य की घोषणा नहीं हो सकी है। बता दें कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कुछ समय पहले ही आठवें वेतन आयोग (8th cpc news) के कामकाज के लिए 35 पदों का ब्यौरा जारी किया है। इन पदों को प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरने का प्रोसेस शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इन कार्मिकों की पांच साल की एपीएआर और विजिलेंस क्लीयरेंस आदि को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।
आठवें सीपीसी की संदर्भ शर्तों पर चर्चा
वेतन आयोग के गठन से पहले सरकार ने सभी हितधारकों से ‘टर्म ऑफ रेफ्रेंस’ (Term of reference) के लिए सिफारिशें की मांग की थी। इस बारे में राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम की स्थायी समिति के कर्मचारी पक्ष और अन्य सदस्यों की बैठक में आठवें सीपीसी की संदर्भ शर्तों (Terms of Reference of 8th CPC) को लेकर बातचीत की गई थी। कर्मचारी संगठनों ने कई मांगों को ‘टर्म ऑफ रेफ्रेंस’ का पार्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार के पास अपनी सिफारिशों को भेज दिया था।
महासचिव ने कही ये बात
हालांकि अभी तक सरकार ने ‘टर्म ऑफ रेफ्रेंस’ (Term of reference) का ऐलान नहीं किया है। वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को लेकर यह ऐलान किया था कि आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव के मुताबिक वेतनमान 10 साल में रिवाइज नहीं होना चाहिए, बल्कि पांच साल में होना चाहिए।
कितने वर्षों में लागू होती थी रिपोर्ट
महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और ऐसे में दस साल का वर्तमान संशोधन कर्मचारियों (UP Employees News) और पेंशनभोगियों के लिए सही नहीं है। आयोग के चेयरमैन एवं सदस्य की नियुक्ति कब होगी, अभी इस बारे में कुछ पता नहीं है। इस घोषणा का ‘टर्म आफ रेफरेंस’ के बारे में भी अभी कोई नहीं जानता। जब इन बातों को सही से पता चलते तो इस संबंध में ठोस आधार पर अहम बातें भी कर्मचारियों के समक्ष आ जाएंगी।
पहले कैसे एकत्रित होती थी वेतन आयोग की जानकारी
इस बार सरकार चाहे तो यह एक रिकार्ड बन सकता है। क्योंकि बीते वर्षो में ऐसा कम ही देखने को मिला है, जब आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट को लागू करने में दो साल से कम समय लगा हो। इससे पहले यह होता था कि वेतन आयोग के सदस्य, विभिन्न तरह की जानकारी इक्ट्ठी करने के लिए विदेशों के टूर करते थे।
इस दौरान कई देशों के कर्मचारी संगठनों का वेतनमान (Pay scales of employee organizations) देखा जाता था। हालांकि ऐसे में अध्ययन भ्रमण में बहुत समय लगता था, लेकिन अब सब कुछ डिजिटल हो गया है तो ऐसे में अध्ययन भ्रमण में ज्यादा समय नहीं लगता है।
पहले कितना लगता था समय
बता दें कि किसी भी देश के कर्मचारियों के वेतनमान से संबधिंत जानकारी आनलाइन मिल सकती है। दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था एवं वित्त मंत्रालयों (finance ministries) के नए कदमों का अध्ययन भी अब डिजिटल मोड के जरिए से किया जा सकता है।
ऐसे में इस बार कम समय लग सकता है, क्योंकि दो दशक पहले डॉ। मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान वेतन आयोग के गठन से लेकर उसे लागू करने के प्रोसेस में 18 महीने लगते थे। उससे पहले दो ढाई साल लगते थे और अब सरकार को रिपोर्ट पर सोच-विचार और इसे लागू करने में ही छह महीने या उससे ज्यादा समय लगता रहा है।
संसद के मानसून सत्र में पूछे गए ये सवाल
संसद के मानसून सत्र में आठवें वेतन आयोग (8th cpc news) को लेकर कई तरह के प्रश्न पुछे गए थे। इन सवालों में आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक अधिसूचना जिस दिन लागू की जाएगी उसकी तिथि, आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों (Chairman and members of the Commission) के चयन की संभावित समय-सीमा और आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेशन करने के लिए कोई विशिष्ट समय-सीमा निर्धारित करना, आदि कई तरह के प्रश्न किए गए हैं।
सरकार ने दिए इन सवालों के जवाब
सरकार ने इन सवालों के जवाब में कोई भी एक तिथि तय नहीं की है। यानी आधिकारिक अधिसूचना कब जारी होगी और कब आयोग के अध्यक्ष एवं दूसरे सदस्यों की नियुक्ति होगी, इस बारे में कोई सटीक सूचना नहीं दी गई है और आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करना, इसके लिए भी कोई विशिष्ट समय-सीमा अभी तक तय नहीं हुई है।
‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ को दिया जा रहा फाइनल रूप
दरअसल, आपको बता दें कि नेशनल काउंसिल की ज्वाइंट कन्सलटेटिव मशीनरी फॉर सेंटर गवर्नमेंट एम्पलाइज ‘जेसीएम’ ने 18 जून को कैबिनेट सचिव को इस मामले के तहत भेजा था। इसमें जेसीएम की ओर से यह मांग की गई है कि आठवें वेतन आयोग के लिए जो ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ (TOR for 8th Pay Commission) तैयार किए गए हैं, उन्हें सर्कुलेट कर दिया जाना चाहिए।
टीओआर को दिया जा रहा आखिरी रूप
ऐसे में डीओपीटी ने जेसीएम को इस बारे में सूचना दी थी कि सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन करने का फैसला लिया है। इसके लिए ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ (TOR of 8th cpc) को आखिरी रूप दिया जा रहा है। डीओपीटी ने टीओआर के लिए जेसीएम से सुझाव भी मांग लिए गए थे।
जेसीएम ने ये सभी सुझाव, डीओपीटी को सौंप दिए थे। टीओआर के लिए सुझाव सौंपे जाने के बाद ही सरकार की ओर से इस मामले में केंद्रीय कर्मचारियों की सर्वोच्च इकाई ‘जेसीएम’ के साथ कोई भी बातचीत नहीं हुई है।
जेसीएम के सचिव ने कही ये बात
जेसीएम के सचिव शिव का कहना है कि इससे कर्मचारियों और पेंशनरों को संशय हो रहा है।, सरकार ने आठवें वेतन आयोग के ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ (Term of reference) में क्या शर्तें उल्लेखित की है और र्मचारियों द्वारा दिए गए सुझावों को कितना अपनाने की सलाह है, इसे लेकर केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर में चिंता बनी हुई हैं।
उनके सामने असमंजस की स्थिती बनी हुई है और इतना ही नहीं, ‘टीओआर’ का दस्तावेज, जेसीएम तक नहीं पहुंचने के चलते कर्मचारियों में सरकार की घोषणा और विश्वसनीयता को लेकर आशंका बनी हुई है। कर्मचारी, आठवें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर अभी सोच-विचार में हैं।
पेंशनर में बढ़ी चिंताए
सेवारत कर्मियों ही नहीं बल्कि पेंशनर भी आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) पर चिंता बनाए हुए हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अभी तक उन्हें यह नहीं मालूम हुआ है कि आठवें वेतन आयोग का पेंशनर को फायदा होगा या नुकसान होगा। इसके साथ ही फाइनेंस बिल के चलते भी पेंशनर में चिंता बनी हुई थी।
आठवें वेतन आयोग में उनकी पेंशन बढ़ेगी या स्थिर रहेगी। इस बारे में शंका बनी हुई है। महंगाई राहत ‘डीआर’ का क्या होगा, ऐसे कई सवाल पेंशनरों में चिंता बनाए हुए हैं। इस वजह से उनमें असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है। ऐसे में सरकार को तुरंत प्रभाव से वेतन आयोग का गठन करना और टर्म ऑफ रेफरेंस को सार्वजनिक कर देना चाहिए।