उत्तर प्रदेश में असिस्टेंट मीटर रीडिंग ऐप की शुरुआत से गलत बिजली बिलों की समस्या में कमी आई है। मीटर रीडिंग की निगरानी और लोड बढ़ाने जैसी सुविधाओं से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अब भारी-भरकम और गलत बिजली बिलों से छुटकारा मिलने वाला है। बिजली विभाग ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नई पहल की है, जिसके तहत असिस्टेंट मीटर रीडिंग ऐप लांच किया गया है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य मीटर रीडिंग से जुड़ी गड़बड़ियों और गलत बिल बनाने की शिकायतों को समाप्त करना है।
मीटर रीडिंग में अब नहीं होगी मनमानी
अब तक यह देखा जा रहा था कि कई जगहों पर मीटर रीडर मनमाने तरीके से बिजली बिल बनाते थे। कई उपभोक्ताओं ने इस संबंध में शिकायतें भी की थीं कि या तो बिल ज्यादा आ रहा है, या फिर गलत तरीके से रीडिंग दर्ज की जा रही है। अब इस नई योजना के तहत, हर मीटर रीडर के साथ एक सुपरवाइजर होगा, जो पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेगा। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और उपभोक्ताओं को सही समय पर और सही बिल मिलना सुनिश्चित करना है।
असिस्टेंट मीटर रीडिंग ऐप के फायदे
इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जैसे ही मीटर रीडर रीडिंग लेगा, सुपरवाइजर उस मीटर की पूरी जानकारी ऐप में अपलोड करेगा। यदि किसी मीटर में कोई गड़बड़ी होती है, जैसे कि लोड ज्यादा होना या बिजली चोरी, तो वह तुरंत अधिकारियों तक पहुंच जाएगी। इससे तुरंत समस्या का समाधान हो सकेगा और उपभोक्ता को गलत बिल की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- मीटर रीडिंग की निगरानी: सुपरवाइजर की मौजूदगी में मीटर रीडर से गलतियों की संभावना कम हो जाएगी।
- लोड बढ़ाने की सुविधा: उपभोक्ताओं को लोड बढ़वाने के लिए अब बिजली विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, ऐप के माध्यम से यह काम आसानी से हो जाएगा।
- शिकायतों में कमी: विभाग के अनुसार, इस ऐप के आने से गलत बिलिंग की शिकायतें भी काफी हद तक कम हो गई हैं।
पुराने सिस्टम में क्या थीं समस्याएं?
पुराने सिस्टम में कई तरह की गड़बड़ियां होती थीं, जैसे:
- मीटर रीडर बिल बनाने नहीं आता था।
- रीडर गलत बिलिंग कर देता था।
- उपभोक्ताओं से सेटिंग कर बिल सही कराने की कोशिशें होती थीं।
- उपभोक्ताओं को मीटर खराब होने का डर दिखाया जाता था।
ऐप से हुए बड़े सुधार
बिजली विभाग द्वारा शुरू किया गया यह नया ऐप उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है। गलत बिलिंग से छुटकारा पाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह एक सराहनीय कदम है। उम्मीद है कि इस ऐप के जरिए भविष्य में और भी सुधार देखने को मिलेंगे, जिससे उपभोक्ता और विभाग दोनों को लाभ होगा।