UP News Update – हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्रेनों के निर्बाध संचालन और नेटवर्क क्षमता बढ़ाने के लिए 15 स्थानों पर नई बाईपास रेल लाइनें बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सर्वे का काम तेज़ी से चल रहा है-
पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्रेनों के निर्बाध संचालन और नेटवर्क क्षमता बढ़ाने के लिए 15 स्थानों पर नई बाईपास रेल लाइनें बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सर्वे का काम तेज़ी से चल रहा है। इनमें गोरखपुर कैंट, देवरिया, कप्तानगंज, सिवान और छपरा आदि स्टेशन शामिल हैं।
गोरखपुर जंक्शन (Gorakhpur Junction) को बाईपास करने वाली 35 किमी लंबी मगहर-सरदारनगर रेल लाइन की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो चुकी है। रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलते ही इस पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिससे रेल यातायात सुगम हो सकेगा।
गोरखपुर जंक्शन बाईपास से बदलेगा ट्रेनों का रूट-
नई बाईपास रेल लाइन सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन (Sahajanwan-Dohrighat new railway line) से होकर गुज़रेगी। इसके पूरा होने पर छपरा-गोंडा रूट की मालगाड़ियां अब गोरखपुर जंक्शन (Gorakhpur Junction) में प्रवेश किए बिना सीधे सरदारनगर से मगहर होते हुए गोंडा तक जा सकेंगी। इससे न केवल ट्रेनों की आवाजाही तेज़ होगी, बल्कि जंक्शन पर भीड़ और संचालन का दबाव भी घटेगा।
सर्वे जारी, नेटवर्क क्षमता में होगी वृद्धि-
जानकारों के अनुसार, बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग (Barabanki-Gonda-Gorakhpur-Chhapra main line) के साथ-साथ कई साइड लाइनों पर भी बाईपास रेलमार्ग बनाए जा रहे हैं। इन बाईपास लाइनों से ट्रेनों की गति, समयपालन और ट्रैक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा। साथ ही, गोरखपुर समेत सभी प्रमुख स्टेशनों पर लोड कम होगा, जिससे नई यात्री ट्रेनों के संचालन की संभावना बढ़ जाएगी।
पूर्वोत्तर रेलवे में प्रस्तावित बाईपास रेल लाइनें-
गोरखपुर जंक्शन मगहर-सरदारनगर बाईपास रेल लाइन 35 किमी
गोरखपुर कैंट बाईपास वाई कनेक्शन-कुसम्ही से उनौला के बीच 12 किमी
कप्तानगंज बाईपास लाइन- लक्ष्मीगंज से घुघली के बीच 08.50 किमी
घुघली बाईपास रेल लाइन वाई कनेक्शन- 02 किमी
सहजनवां-दोहरीघाट नई रेललाइन पर मगहर वाई कनेक्शन लाइन
मनकापुर-मनकापुर-झिलाही-टिकरी वाई कनेक्शन नई रेल लाइन
इंदारा बाईपास लाइन- किड़िहरापुर-रतनपुरा के बीच 16 किमी
औड़िहार बाईपास- सादात से सैदपुर भितरी के बीच 20 किमी
मऊ बाईपास- खुरहट से पिपरीडीह के बीच 15 किमी
वाराणसी जंक्शन बाईपास- सारनाथ से हरदत्तपुर के बीच 32 किमी
डालीगंज बाईपास- बादशाहनगर से महिबुल्लापुर के बीच 06 किमी
लालकुआं बाईपास- हल्दीरोड से पंतनगर के बीच 07 किमी
सीतापुर वाई कनेक्शन- सीतापुर सिटी से बहराइच के बीच 99 किमी
सिवान बाईपास- जिरादेई से अमलोरी के बीच 11.75 किमी
छपरा बाईपास- टेकनिवास से छपरा ग्रामीण के बीच 12 किमी
मालगाड़ियों के लिए होगा प्रमुख उपयोग-
अधिकांश बाईपास रेल लाइनें मालगाड़ियों के लिए समर्पित होंगी। मुख्य रेलमार्गों से होकर यात्री ट्रेनें चलेंगी, जबकि बाईपास मार्गों से भारी मालगाड़ियों का संचालन “रनथ्रू” यानी बिना रुके किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में ब्लॉक के दौरान यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए भी इन बाईपास लाइनों का उपयोग किया जा सकेगा।
यात्रियों और रेलवे दोनों को लाभ-
ये नई रेल लाइनें ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार करेंगी और नेटवर्क पर दबाव कम करेंगी। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और अधिक ट्रेनें चलने की संभावना बढ़ेगी। रेलवे को भी मालगाड़ियों के संचालन में सुगमता होगी, जिससे ईंधन की बचत का लाभ होगा।
