UP Railway Station : उत्तर प्रदेश में कई रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की तैयारी चल रही है। सरकार ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कुछ स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है। कौन-कौन से स्टेशन इस लिस्ट में शामिल हैं और उनके नए नाम क्या होंगे? क्या यह बदलाव यात्रियों पर कोई असर डालेगा? अगर आप भी जानना चाहते हैं पूरा अपडेट, तो नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार कई शहरों और रेलवे स्टेशनों का नाम बदले जाने को लेकर सुर्खियां रही हैं। दिलचस्प बात ये है कि भारतीय रेलवे नहीं, बल्कि सीधे तौर पर राज्य सरकार को ही राज्य में संबंधित रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का अधिकार रहता है।
इन सात स्टेशनों के बदले जाएंगे नाम
गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के सात स्टेशनों के नाम बदलने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नियम है कि नाम बदलने की प्रक्रिया के लिए किसी राज्य के स्टेशन प्रशासन को गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। आमतौर पर किसी भी स्टेशन का नाम तीन भाषाओं में लिखा जाता है, हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा।
स्टेशनों का नाम बदलने का ये है नियम
किसी भी रेलवे स्टेशन के नाम को बदलना राज्य के अधीन है। ऐसे मामलों में राज्य सरकार केंद्र गृह मंत्रालय और नोडल मंत्रालय को अनुरोध भेजती है, जो रेल मंत्रालय के हस्तक्षेत्र में अपनी मंजूरी देता है।
हाल के दोनों में कई स्टेशन के नाम बदले गए हैं जिनमें मुगलसराय स्टेशन अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाता है। दरअसल, जनसंघ लीडर पंडित दीनदयाल उपाध्याय का पार्थिव शरीर 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय जंक्शन पर ही मिला था।
नई सूची के मुताबिक फुरसतगंज का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम रखा जाएगा। कासिमपुर हाल्ट का नाम जायस सिटी, जायस सिटी का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम रखा जाएगा। बानी का नाम बदलकर स्वामी परमहंस, मिसरौली का नाम मां कालिकन धाम और निहालगढ़ का नाम महाराजा बिजली पासी होना है। सूत्रों ने बताया है कि आजादी के बाद से देश भर में 100 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का नाम बदला जा चुका है।