UPI Service: अगर आपका बैंक खाता है या आप Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 अप्रैल 2025 से बैंक और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म आपके अकाउंट से जुड़े इनएक्टिव मोबाइल नंबरों को सिस्टम से हटाने जा रहे हैं।
यह बदलाव नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए दिशा-निर्देशों के तहत किया जा रहा है। इसका मकसद इनएक्टिव और रीसाइकिल किए गए नंबरों के कारण होने वाली लेन-देन से जुड़ी समस्याओं से बचाव करना है।
31 मार्च तक हटेंगे इनएक्टिव नंबर
NPCI ने सभी बैंकों और UPI ऐप को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 31 मार्च 2025 तक सभी इनएक्टिव मोबाइल नंबरों को अपने सिस्टम से हटा दें
इसका मतलब है कि अगर आपके बैंक खाते या UPI ऐप से जुड़ा कोई मोबाइल नंबर पिछले 90 दिनों से इनएक्टिव है यानी उस नंबर से न तो कोई कॉल की गई है, न ही SMS भेजा गया है और न ही डेटा का इस्तेमाल हुआ है, तो वह नंबर डिलीट कर दिया जाएगा।
इनएक्टिव और रीसाइकिल नंबर
कई बार देखा गया है कि इनएक्टिव नंबर रीसाइकिल होकर किसी अन्य व्यक्ति को अलॉट हो जाते हैं।
ऐसे में जब पुराने यूजर के बैंक और UPI अकाउंट से वह नंबर जुड़ा रहता है, तो नई समस्या खड़ी हो जाती है। इससे न केवल ट्रांजैक्शन फेल होते हैं बल्कि अकाउंट की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगते हैं।
इन्हीं समस्याओं से बचने के लिए NPCI ने यह कड़ा कदम उठाया है।
हर हफ्ते हटाए जाएंगे इनएक्टिव नंबर
NPCI के निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल 2025 के बाद बैंकों और UPI ऐप्स को यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे हर हफ्ते अपने सिस्टम से इनएक्टिव या रीसाइकिल किए गए मोबाइल नंबरों को हटाएं।
यानी यह काम केवल एक बार नहीं होगा, बल्कि हर हफ्ते यह प्रक्रिया चलेगी। जैसे ही किसी नंबर की इनएक्टिविटी 90 दिनों से ज्यादा हो जाएगी, बैंक या UPI ऐप उसे अपने सिस्टम से डिलीट कर देंगे
क्यों जरूरी है मोबाइल नंबर का एक्टिव रहना?
बैंकिंग और UPI ट्रांजैक्शन में मोबाइल नंबर एक अहम भूमिका निभाता है। OTP (वन टाइम पासवर्ड) से लेकर ट्रांजैक्शन अलर्ट तक सभी सूचनाएं आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही आती हैं।
अगर नंबर इनएक्टिव है, तो बैंकिंग सेवाओं में परेशानी आ सकती है। इससे न सिर्फ आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, बल्कि लेन-देन फेल होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
कई लोग रखते हैं एक से ज्यादा नंबर
आजकल कई यूजर्स एक से ज्यादा मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं और उनमें से कुछ नंबर लंबे समय तक उपयोग नहीं किए जाते।
ऐसे में अगर आपके बैंक या UPI अकाउंट से कोई ऐसा नंबर लिंक है जो महीनों से बंद पड़ा है, तो अब उसे हटाने का समय आ गया है।
यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक या ऐप खुद ही वह नंबर सिस्टम से हटा देंगे और उससे जुड़े अकाउंट को बंद कर सकते हैं या उसमें बदलाव कर सकते हैं।
क्या करना चाहिए यूजर्स को?
यदि आप भी बैंक खाता या UPI ऐप इस्तेमाल करते हैं तो आपको इन जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा:
- अपने बैंक खाते और UPI ऐप से जुड़े मोबाइल नंबर की जांच करें।
- यदि कोई भी नंबर 90 दिनों से इनएक्टिव है, तो तुरंत उसे एक्टिव करें।
- संबंधित नंबर को रिचार्ज करें या किसी भी नेटवर्क एक्टिविटी (कॉल, SMS या डेटा उपयोग) के जरिए उसे चालू रखें।
- यदि आपके पास अब वह नंबर नहीं है, तो बैंक या ऐप में जाकर उसे हटवाएं और नया नंबर अपडेट करें।
क्या बंद हो सकता है बैंक खाता या UPI ID?
NPCI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक अकाउंट बंद नहीं होगा, लेकिन यदि उसमें लिंक नंबर इनएक्टिव है तो उस नंबर से जुड़ी आपकी बैंकिंग या UPI सेवाएं रुक सकती हैं।
इसका मतलब है कि आप OTP या ट्रांजैक्शन अलर्ट नहीं पा सकेंगे और आपका UPI या बैंकिंग लेन-देन फेल हो सकता है। इसलिए समय रहते नंबर अपडेट करना ही समझदारी है।
यह बदलाव क्यों जरूरी है? (Why is This Change Necessary?)
दरअसल, कई बार इनएक्टिव नंबर रीसाइकिल होकर नए यूजर्स को मिल जाते हैं और पुराने यूजर का बैंक अकाउंट अब भी उसी नंबर से जुड़ा रहता है।
इससे फर्जीवाड़े और साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है। नए यूजर को पुराने यूजर की बैंकिंग अलर्ट और OTP जैसी महत्वपूर्ण सूचनाएं मिल सकती हैं, जिससे वित्तीय नुकसान हो सकता है।
इसी जोखिम को खत्म करने के लिए NPCI ने यह फैसला लिया है।