UPSC Aadhaar Card Verification: नमस्कार दोस्तों आपका हमारी वेबसाइट पर स्वागत है , हाल ही में आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के फर्जी सर्टिफिकेट मामले ने यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की परीक्षाओं की शुद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस विवाद के बाद केंद्र सरकार ने यूपीएससी को परीक्षार्थियों का आधार वेरिफिकेशन करने की अनुमति दी है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार की पहचान सही हो और वह फर्जी न हो।
सरकार का बड़ा फैसला
केंद्र सरकार ने 28 अगस्त को यूपीएससी को परीक्षार्थियों के आधार ऑथेंटिकेशन की अनुमति दी। इसके तहत, यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा समेत 14 विभिन्न परीक्षाओं में आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा। यह कदम परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और शुद्धता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
फर्जीवाड़ा रोकने की दिशा में बड़ा कदम
पिछले महीने यूपीएससी ने एक टेंडर जारी किया था, जिसमें आधार ऑथेंटिकेशन, फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी, ई-एडमिट कार्ड्स के क्यूआर कोड स्कैनिंग, और एआई आधारित लाइव सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल के लिए कंपनियों से बोली आमंत्रित की गई थी। इस टेंडर के माध्यम से यूपीएससी उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डिटेल्स का मिलान एवं क्रॉस-चेक करेगी, ताकि परीक्षा के दौरान नकल, फर्जीवाड़ा और गलत तरीके से पेपर देने जैसी हरकतों को रोका जा सके।
कैसे होगा उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन?
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 28 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें यूपीएससी को ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय उम्मीदवारों की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार वेरिफिकेशन की अनुमति दी गई। वेरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान हां/नहीं या ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन फैसिलिटी का उपयोग किया जाएगा। यह वेरिफिकेशन परीक्षा के सभी स्तरों पर लागू होगा, जिससे उम्मीदवारों की पहचान की पूरी तरह से पुष्टि हो सके।
आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर का मामला
पिछले साल पूजा खेडकर नामक एक आईएएस ट्रेनी ने फर्जी सर्टिफिकेट्स का उपयोग कर 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लिया था। इस घटना के बाद यूपीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठे, जिसके चलते सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है। इस वेरिफिकेशन प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना और परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है।
सरकार की नई नीति और टेक्नोलॉजी का उपयोग
सरकार की नई नीति के अनुसार, यूपीएससी अब लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डिटेल्स का मिलान करेगी। इसके अलावा, परीक्षा के दौरान नकल और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एआई आधारित लाइव सीसीटीवी कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
यह कदम न केवल परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि उम्मीदवारों की पहचान की पूरी तरह से पुष्टि करने में भी मदद करेगा। इससे न केवल फर्जी लोगों को परीक्षा में बैठने से रोका जाएगा, बल्कि उम्मीदवारों और उनके परिवारों में भी विश्वास बढ़ेगा।
यूपीएससी की परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुद्धता बनाए रखने के लिए सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण है। आधार वेरिफिकेशन और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से न केवल फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि यूपीएससी की प्रतिष्ठा भी मजबूत होगी। इस पहल से उम्मीदवारों को भी विश्वास मिलेगा कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी है, जिससे देश को योग्य और ईमानदार सिविल सेवक मिल सकें।