उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। निगम ने 550 शटल बसों का संचालन स्थाई और अस्थाई बस स्टेशनों से करने का निर्णय लिया है। ये बसें तीन चरणों में चलेंगी, जिससे यात्रियों को आसानी होगी। विशेष रूप से, पूर्वांचल से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को मिलाने की योजना बनाई गई है, ताकि हर कोई आसानी से पहुंच सके। महिलाओं और बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे उनकी यात्रा और भी आरामदायक हो सके। शहर के बाहर अस्थाई बस स्टेशनों का निर्माण भी किया जाएगा, ताकि मेला स्थल तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। यह कदम निश्चित रूप से तीर्थ यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने आने वाले कुम्भ मेले की तैयारियों को लेकर परिवहन निगम को कई महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। इस संदर्भ में, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने निगम के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर, मासूम अली सरवर ने जानकारी दी कि मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अवसर पर स्नान के लिए कुल 6800 परिवहन बसें और 200 वातानुकूलित बसें संचालित की जाएंगी। इस बार के मेले को तीन चरणों में विभाजित किया गया है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और उनकी यात्रा सुगम हो सके।
इस प्रकार, कुम्भ मेले के आयोजन में हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो। अधिकारियों का मानना है कि इस बार की व्यवस्था पहले से कहीं बेहतर होगी।
परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर ने जानकारी दी है कि कुम्भ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 550 शटल बसें चलाने की योजना बनाई गई है। ये बसें निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क और भारत स्काउट गाइड कॉलेज, बैंक रोड तक और साथ ही लेप्रोसी बस स्टेशन एवं अंधावा बस स्टेशन तक यात्रियों को पहुंचाएंगी।
मुख्य स्नान पर्व के दौरान अधिक भीड़ को देखते हुए, शास्त्री पुल, फाफामऊ पुल और यमुना पुल की ओर यातायात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इस व्यवस्था से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा और ट्रैफिक की समस्या को भी कम किया जा सकेगा।
इस विशेष अवसर पर, शहर के बाहरी इलाके में आठ अस्थायी बस स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इन बस स्टेशनों में झूसी, दुर्जनपुर, सरस्वतीगेट, नेहरू पार्क, बेली कछार, बेला कछार, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू और लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन शामिल हैं।
इन अस्थायी स्टेशनों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से मेले तक पहुंच सकें। अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों पर बसों की व्यवस्था की जाएगी, जिससे यात्रियों को कोई परेशानी न हो। इस तरह की व्यवस्था से मेले के दौरान ट्रैफिक की समस्या को भी कम करने में मदद मिलेगी, जिससे श्रद्धालुओं को एक सुगम यात्रा का अनुभव होगा।
इस पहल से न केवल श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि यह आयोजन की सफलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सभी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का आश्वासन दिया है।