Uttar Pradesh News : यूपी में शहरों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की खबरें आए दिन सामने आ जाती है। बता दें कि यूपी (UP new City) में एक ऐसा शहर भी है जिसका नाम 21 बार बदला जा चुका है। चलिये जानते हैं कि यूपी के इस शहर के नाम को 21 बार क्यों बदला गया है।
उत्तर प्रदेश में सरकार नए नए एक्सप्रेसवे को बना रही है और नए नए शहर भी बनाये जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश में शहरों के बदलकर नए नाम रखे जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यूपी (UP News) में एक ऐसा शहर भी है जिसका 21 बार नाम बदला जा चुका है। इसके नाम बदलने जाने को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। खबर में जानिये इस बारे में।
फिलहाल भारत में है इतने शहर
बता दें कि भारत में कुल 797 शहर का निर्माण किया जा चुका है। इनमें से 752 शहर (City in UP) राज्यों में मौजूद है। वहीं बाकी शहर केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल है। हालांकि, कुछ लेखों में आपको कुल शहरों की संख्या 780 से लेकर 813 तक भी देखने को मिल सकती है।
इस शहर का 21 बार बदला जा चुका है नाम
भारत में जिस शहर का नाम 21 बार बदला जा चुका है, उस शहर का नाम उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर है। अतीत के पन्नों में इसका नाम लगभग 21 बार बदला जा चुका है। उत्तर प्रदेश (Facts About UP) का ये शहर प्रमुख शहरों में शुमार है। जोकि अपनी संस्कृति, शैली और खान-पान के साथ अतीत की घटनाओं के लिए जाना जाता है।
कानपुर के मूल नाम के बारे में बात करें, तो इसका नाम कान्हपुर था। इस शहर की स्थापना हिंदू सिंह चंदेल द्वारा की गई थी। कानपुर का नाम समय-समय पर शासकों के बदलने, ब्रिटिश प्रभाव (Kanpur Facts) व स्पेलिंग में सुधार की वजह से बार-बार बदला जाता है। यहां मुगलों से लेकर ब्रिटिश का शासन रहा है। इस स्थिति में शहर को बार-बार नाम मिल गए है।
अंतिम बार इस समय बदला था नाम
कानपुर का आखिरी बार नाम 1948 में बदल दिया गया था। ब्रिटिश सत्ता के दौरान कानपुर सत्ता का प्रमुख केंद्र हुआ करते थे। 1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश ने इसे मजबूत औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित कर दी गई थी। उस दौरान इसे कॉनपुर (Cownpore) के नाम से जाना जाता है। हालांकि, 1948 में इसे कानपुर कर दिया गया था।
इन नामों से जाना जाता था कानपुर
ऐसे में अब सवाल आ रहा है कि अतीत में इसे किन-किन नामों से जाता था। आपको बता दें कि कानपुर को पहले कान्हपुर, कन्हैयापुर, कर्णपुर, (UP History) कॉनपोर, कॉनपावर, खानपुर, कान्हापुर, पटकापुर, करनपुर,सीमामऊ व कॉनपउर नाम से जाना जाता था। इसके अतिरिक्त, इसके और भी नाम थे, जिनकी स्पेलिंग में कुछ अक्षरों का अंतर था।
ब्रिटिश अधिकारियों के इसके उच्चारण में परेशानी होती थी। ऐसे में उन्होंने इसका उच्चारण कॉनपोर किया है। इसके बाद में इसका नाम कानपुर रख दिया गया है। आज इसे भारत की लेदर सिटी (Leather City) के नाम से भी जाना जाता है और यहां से देश-दुनिया में चमड़े का निर्यात किया जाता है। गंगा किनारे बसा यह शहर चीनी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में ही स्थित है।
क्रांति की रही अहम भूमिका
1857 की क्रांति में कानपुर की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी। यहां से नाना साहेब और उनके कमांडर इन चीफ तात्या टोपे व सलाहकार अजीमुल्लाह खां ने विद्रोह का नेतृत्व किया था। नाना साहेब (Kanpur History) बाद में नेपाल चले गए थे और तात्या टोपे को बाद में अंग्रेजों ने पकड़कर उनको फांसी दे दी थी।
इसके बाद में कानपुर को ब्रिटिश ने अपने हिसाब से विकसित कर दिया और यहां कपड़ों की मिल से लेकर चमड़ा उत्पाद को बढ़ावा मिला। यही कारणहै कि कानपुर (Kanpur News) को चमड़े का शहर भी कहा जाता है। वर्तमान में यूपी में दो कानपुर हैं, जिनमें एक कानपुर नगर और दूसरा कानपुर देहात शामिल है।