Uttar Pradesh News :देश में यूपी सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है। अब योगी सरकार यूपी में एक नई स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में नए शहर को बसाने के लिए सरकार ने 28 गांवों की जमीन खरीदने का फैसला लिया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। आइए खबर में जानते हैं कि यूपी (Uttar Pradesh News) में ये नया शहर कहां बसने वाला है।
यूपी में अब एक नए शहर को बसाने की कवायद काफी तेज हो गई है। अब जल्द ही यूपी में एक नया शहर बसाया जाने वाला है। योगी सरकार (yogi government) अब प्रदेश में नए शहर को बसाने के लिए 28 गांवों की जमीन खरीदने वाली है। अब प्रदेश में 6 हजार एकड़ में नई स्मार्ट सिटी बनने वाली है। ऐसे में आइए खबर में जानते हैं कि ये स्मार्ट सिटी कहां बनाई जाने वाली है।
कौन सा है ये नया शहर
दरअसल, आपको बता दें कि शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए नया ‘गोरखपुर शहर (new Gorakhpur city) बसाने का प्लान सीएम योगी के दिशा-निर्देश पर जल्द साकार की जा सकती है। लोगों को आवास की आवश्यकता पर गौर करते हुए सीएम योगी ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन को नया शहर बसाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। अब इसको लेकर एसआईए ( Security Industrial Association) की रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है।
इतने गावों की जमीनों का होगा अधिग्रहण
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (Gorakhpur Development Authority) के अनुसार तकरीबन 6 हजार एकड़ और 3 हजार करोड़ लागत लगाकर बहुमंजिला और छोटे- बड़े साइज के प्लाट के आधार वाली यहां प्रोजेक्ट आकार लेगी। दिल्ली की कंपनी एग्रीमा ने इस प्लान से होने वाले सामाजिक प्रभावों की रिपोर्ट जीडीए को सौंप दी है।
इस नए प्रोजेक्ट के लिए 28 गांवों की जमीन ली जा रही है। सरकार ने इसके लिए 400 करोड़ जारी कर दिया है। यह प्रोजेक्ट गोरखपुर कुशीनगर रोड पर पूरब दिशा में आकार लेने वाली है, जिसमें सदर और चौरी चौरा तहसील की जमीन ली जा रही है।
सामाजिक प्रभाव के अध्ययन के लिए किया टीम का गठन
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि नया गोरखपुर (new gorakhpur news) बसाने में इसके सामाजिक प्रभाव के अध्ययन के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट के बेस पर इस महा प्रोजेक्ट को गोरखपुर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन मिलकर इस काम को आगे बढ़ाएगा।
दिल्ली की एग्रीमा संस्था ने इस सामाजिक प्रभाव की स्टडी की है और अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है। इसके लिए उसने चार गांव को बेस बनाकर काम किया था। यह रिपोर्ट गोरखपुर विकास प्राधिकरण के पोर्टल पर भी अपलोड भी कर दी गई है।
रोजगार के खुलेंगे नए अवसर
जानकार का कहना है कि रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट (Up New City) का लाभ इसकी लागत से कहीं ज्यादा है। इसके पूरा होने से क्षेत्र में आधुनिक आवासीय और वाणिज्य का संरचनाओं का विकास होने के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुल सकेंगे। इससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
प्रोजेक्ट की देरी से क्या होंगे नुकसान
रिपोर्ट के तहत अगर प्रोजेक्ट (UP New project) को जमीन पर बनाने में देरी की गई तो इससे इसकी लागत में इजाफा हो सकता है, जिसका प्रभाव सरकार के बजट पर पड़ने के साथ ही आम आदमी और नागरिकों पर भी पड़ेगा। बता दें कि इसको रोकना या देरी करना कहीं से भी जनहित में नहीं है। इसका फायदा यह होगा कि इससे क्षेत्र विकास को नया आयाम मिलेगा।
इस टीम ने प्रोजेक्ट के तहत परिवारों को दिए जाने वाले लाभ को भी क्लियर किया है और इस बारे में सुझाव दिया है कि भूमि और पर संपत्तियां, पेड़ों के नुकसान की पुनः स्थापना (Re-establishment of tree loss) के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए और साथ ही आवासीय और कमर्शियल संस्थाओं का कोई नुकसान होता है तो उसका भी लागत मूल्य भुगतान किया जाए।
नए शहर से खेती पर क्या पड़ेगा असर
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (Gorakhpur Development Authority) के मुख्य अभियंता का कहना है कि रिपोर्ट के मुताबिक जमीन अधिग्रहण से आय में होने वाले नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए और ऐसा सुझाव मिला है कि अगर सामुदायिक संसाधनों और सुविधाओं का कोई नुकसान होता है तो उनका भी काम पूरा किया जाएगा।
संस्था की रिपोर्ट में हुआ क्लियर
संस्था ने अपने रिपोर्ट में यह क्लियर किया है कि लागत, लाभ विश्लेषण एक मुश्किल प्रोसेस है। जिसमें आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण सभी पहलुओं पर गौर करना आवश्यक होता है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट में जो भूमि अधिग्रहित (land acquired)की जा रही है, वह मुख्य रूप से कृषि योग्य है, जिस जमीन पर किसान फसल का उत्पादन करता है। खासतौर पर लघु उद्योग और आवासीय उपयोग के लिए यह काम आती है।
बता दें कि नया गोरखपुर के बसाए जाने से इन संरचनाओं को थोड़ा नुकसान होगा, लेकिन भविष्य में इसका लाभ यहां रह रहे निवासियों को कई तरीको से मिलेगा। इससे लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार होगा और उनकी बुनियादी आवश्यकताओं आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन की व्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी।
इन जगहों की जमीन की गई चिह्नित
एक्सपर्ट का कहना है कि इस प्रोजेक्ट (UP New Project) के लिए अभी तक तीन राजस्व ग्राम से तकरीबन 86 हेक्टेअर यानि 210 एकड़ भूमि अर्जित कर ली गई है। और अभी भी किसानों से समझौते का आधार पर भूमि खरीदने का प्रोसेस जारी है। नया गोरखपुर में प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित गुरुकुल टाउनशिप फेज वन आवासीय योजना (Forest Housing Scheme) बसाने का प्लान तैयार कर लिया गया है।
जिसके लेआउट प्लान को पिछले बोर्ड में मंजूरी मिल गई है। यह मनीराम और रहमत नगर क्षेत्र की जमीन पर पेशन किया जाएगा और इस प्रोजेक्ट में कई जगहों की जमीन चिह्नित कर ली गई है। इन जगहों में ग्रुप हाउसिंग, सर्विस अपार्टमेंट, ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, होटल,शॉपिंग मॉल, रिटेल कमर्शियल, शैक्षणिक संस्थान, जलाशय और ग्रीन जोन पार्क, सड़कों की जमीन शामिल है।
