UP News : यूपी में प्रगति कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। यहां पर नए नए एक्सप्रेसवे और औद्योगिक गलियारे को बनाया जा रहा है। बता दें कि अब यूपी में एक्सप्रेसवे (Expressway in UP) के किनारे एक नया औद्योगिक गलियारा बनाया जाने वाला है। आइए जानते हैं इस गनियारे के लिए कितनी भूमि का अधिग्रहण होगा।
उत्तर प्रदेश में अब एक और नया औद्योगिक गलियारा बनाने की तैयारी हो रही है। इसकी वजह से राज्य (New Expressway in UP) में रोजगार के नए नए मौके बनने वाले हैं और आम लोगों को भी लाभ होगा। बता दें कि इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
यहां पर बसेगा औद्योगिक गलियारा
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा (Industrial Corridor in UP) को विकसित करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए भूमि खरीदी का काम अपने अंतिम चरण पर चल रहा है। लगभग 95 प्रतिशत भूमि की खरीद को पूरा किया जा चुका है। वहीं बाकी की करीब पांच प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण (Land acquisition) प्रस्तावित रहा है।
संभल तहसील क्षेत्र के चार गांवों की भूमि को इस परियोजना के लिए चिह्नित किया जा रहा था, इनमें से तीन गांवों में किसानों से समझौते होने के बावजूद बैनामा नहीं हो पाएं है। बाकी के भूखंडों के लिए जिला प्रशासन ने अधिग्रहण (Land acquisition For New Industrial Corridor) की प्रक्रिया को शुरू किया जा चुका है।
यहां पर होगी भूमि की खरीदी
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित इस औद्योगिक गलियारे को विकसित करने के लिए यूपीडा द्वारा कुल 239.2454 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित कर लिया गया था। यह भूमि अमावती कुतुबपुर, (Industrial Corridor News) खिरनी मोइनुद्दीनपुर, बसला और सारंगपुर से खरीदी जाने वाली थी। इनमें से बसला गांव में किसानों से संपूर्ण भूमि की खरीद कर ली गई है, हालांकि अन्य तीन गांवों में कुछ हिस्से की खरीद बाकी रही है।
इतने हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण
इस परियोजना के लिए अब तक टोटल 517 बैनामे कराए जा चुके हैं, इनमें 1072 किसानों ने भाग लिया है। इनके माध्यम से 222.200 हेक्टेयर भूमि (Land acquisition) का क्रय किया जा रहा है। इसमें से 17.0454 हेक्टेयर सरकारी भूमि रहेगी, जिसको यूपीडा को अंतरित किया जा रहा है।
किसानों से खरीदी गई भूमि के लिए सरकार को 339.22 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है, इसमें 17 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क (stamp duty) और 34.48 करोड़ रुपये निबंधन शुल्क के रूप में दिये जा रहे हैं।
इतनी लागत से तैयार होगी परियोजना
इस परियोजना पर टोटल 369.68 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। अब तक 94.94 प्रतिशत भूमि की खरीदी किसानों से की जा चुकी है, हालांकि बाकी भूमि का अधिग्रहण (Land acquisition Process) प्रशासनिक प्रक्रिया से किया जाने वाला है। इसके लिए संबंधित तीनों ग्राम सभाओं से प्रस्ताव को प्राप्त किया जा चुका है।
इसको लेकर प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया है कि अधिग्रहण (Industrial Corridor in UP) की जाने वाली भूमि में अमावती कुतुबपुर की 3.981 हेक्टेयर, खिरनी मोइनुद्दीनपुर की 5.5308 हेक्टेयर और सारंगपुर की 1.903 हेक्टेयर भूमि को शामिल किया गया है। इस प्रकार तीनों गांवों में टोटल 11.4148 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
