Expressway In UP : उत्तर प्रदेश में प्रगति कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। यहां पर नए नए हाईवे और एक्सप्रेसवे को बनाया जा रहा है। बता दें कि अभी तक यूपी में 2 हजार किलोमीटर के एक्सप्रेसवे (Expressway News) बनाये जा चुके हें। ऐसे में यूपी एक्सप्रेस स्टेट बनकर सामने आ रहा है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।
यूपी में फिलहाल 7 संचालित एक्सप्रेसवे हैं। वहीं 5 एक्सप्रेसवे पर निर्माण चल रहा है। इसके अलावा 9 एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। ऐसे में यूपी (Total Area Of Expressway) में टोटल 21 एक्सप्रेसवे बन जाएंगे। इस हिसाब से यूपी में 2000 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जाएगा। इसकी वजह से राज्य में रोजगार के नए नए मौके मिलने वाले हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे ने बनाया रिकॉर्ड
भारत के बुनियादी ढांचे के नक्शे पर उत्तर प्रदेश अब सबसे दमदार हस्ताक्षर बनकर सामने आ रहा है। यहां पर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के राष्ट्र को समर्पण के साथ ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) देश के कुल एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 42 प्रतिशत हिस्सा अकेले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के नाम पर ही हो चुका है। अभी तक यह 38 प्रतिशत तक का था।
गंगा एक्सप्रेसवे का होगा उद्घाटन
सिर्फ इतना ही नहीं, मेरठ से प्रयागराज तक बर रहे गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) (Ganga Expressway) का उद्घाटन हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश में अकेले देश का एक्सेस कंट्रोल्ड नेटवर्क 62 प्रतिशत तक का ही हो जाएगा। इसका मतलब है कि देश में बने हर 10 किलोमीटर एक्सप्रेसवे (Uttar Pradesh Expressway) में से 6 किलोमीटर एक्सप्रेसवे यूपी में ही होने वाले हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कई और एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं, हालांकि कई नए एक्सप्रेसवेज को शासन द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
एक्सप्रेसवे से होगा कनेक्ट
देशभर में जहां टोटल 2900 किमी के ही एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे (Access Controlled Expressway) मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर 1200 किमी से ज्यादा एक्सप्रेसवे अकेले उत्तर प्रदेश में ही स्थित है। यहां पर पूरे देश के कुल एक्सप्रेसवे के नेटवर्क का 38 प्रतिशत तक का हिस्सा है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway) के कनेक्ट होने की वजह से ये आंकड़ा अब बढ़कर 42 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वहीं अब जल्द ही गंगा एक्सप्रेसवे भी इसका हिस्सा रहने वाला है। इसके कनेक्ट होने की वजह से उत्तर प्रदेश (UP News) का कुल शेयर 62 प्रतिशत से ज्यादा होने वाला है।
यूपी की बदलेगी आर्थिक तस्वीर
एक्सपर्ट ने बताया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway Update) का निर्माण न सिर्फ भौगोलिक बाधाओं को पार करने वाला है, बल्कि यह पूर्वांचल की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर को भी बदलने में एक अहम योगदार रहेगा। इसके बनने की वजह से 7200 करोड़ रुपए की लागत (Gorakhpur Link Expressway Cost) आ रही है, इसमें 3400 करोड़ रुपए इसे बनाने में और बाकी की राशि भूमि अधिग्रहण और अन्य मदों में खर्च की जाने वाली है। इसके लिए 22 हजार किसानों से 1100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
टोटल है इतना लंबा एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश देश का पहला और इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर सबसे अधिक एक्सप्रेसवे न सिर्फ बनकर तैयार हो चुके हैं, बल्कि कई निर्माणाधीन और प्रस्तावित एक्सप्रेसवे भी हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway) उत्तर प्रदेश का सातवां एक्सप्रेसवे रहा है।
इसके अतिरिक्त 5 निर्माणाधीन और 9 प्रस्तावित एक्सप्रेसवे हैं। प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी.), बलिया लिंक एक्सप्रेसवे (35 किमी.) और लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Lucknow-Kanpur Greenfield Expressway) (63 किमी.) तेजी से पूर्ण होने वाला है।
लिंक एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण
इसके अलावा, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) को वाया फर्रूखाबाद, गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे तथा जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है।
वहीं उत्तर प्रदेश अकेला राज्य है, जहां पर 2000 किमी से अधिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क की योजना पर काम किया जा रहा है। यूपी में एक्सप्रेसवे (Expressway in UP) न सिर्फ राजधानी या बड़े शहरों तक सीमित हैं, बल्कि बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई जैसे क्षेत्रों को भी कनेक्ट कर रहा है।
भारत के विकास को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश काफी तेजी से रफ्तार भर रहा है। यूपी दृष्टिकोण के साथ एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार भी कर रहा है। इससे न सिर्फ प्रदेश (UP Expressway) को कनेक्ट किया जाएगा, बल्कि पूरे भारत के विकास को गति मिलने वाली है। युपी के ये एक्सप्रेसवे सिर्फ सीमेंट और कंक्रीट से बनी रोड नहीं, बल्कि आर्थिक विकास की धमनियां हैं जोकि उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार (UP News) तक पहुंच को सुलभ बनाने वाले हैं।
नेशनल एक्सप्रेसवे नेटवर्क बनकर आ रहा सामने
उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश को जोड़ने वाला इंजन बनकर सामने आ रहा है। यहां पर बाकी राज्य शुरुआत में हैं, वहीं यूपी नेशनल एक्सप्रेसवे नेटवर्क (UP National Expressway Network) का बेस कैम्प बनकर सामने आ रहे हैं और अब यह सफर रुकने वाला नहीं है। यह एक्सप्रेसवे उम्मीदों, सपनों और नए अवसरों की चमकती सड़क है जोकि उत्तर प्रदेश को “एक्सप्रेस स्टेट ऑफ इंडिया” बना रही है।
फिलहाल यूपी में है ये संचालित एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 341 किमी तक है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 296 किमी तक है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, (Agra-Lucknow Expressway) जिसकी लंबाई 302 किमी तक है।
यमुना एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 165 किमी तक है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 96 किमी तक है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, (Noida-Greater Noida Expressway) जिसकी लंबाई 25 किमी तक है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 91 किमी तक है।
