उत्तराखंड के पर्यटन स्थल

Uttarakhand Tourist Places – उत्तराखंड राज्य भारत के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है। उत्तर भारत में स्थित उत्तराखंड देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यह एक ऐसी जगह है, जहां न केवल हिमालय की खूबसूरती देखने को मिलती है, बल्कि यहां कई सांस्कृतिक सभ्यता भी देखी जा सकती है। यह जगह हिमालयी क्षेत्र प्रकृति की सुंदरता और देवताओं के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है। दुनिया भर से पर्यटक चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। उत्तराखंड की हर दूसरी जगह देखने लायक है। यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ों और शांत परिदृश्य के बीच एक अनोखे अनुभव और मौज-मस्ती से भरी छुट्टियों के लिए उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
उत्तराखंड टूरिज्म प्लेस
ऋषिकेश, उत्तराखंड

हिमालय की तलहटी में बसा ऋषिकेश उत्तराखंड के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। उत्तराखंड के मुख्य पर्यटन स्थल ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर को छोटा चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। त्रिवेणी घाट पर हर शाम ‘महा आरती’ होती है। ऐसा माना जाता है की यहाँ गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं। जब भी आपको का घूमने समय मिले तो आप अपने पूरी फॅमिली के साथ यहाँ घूमने अवश्य आए।
ऋषिकेश में घूमने की जगह – ऋषिकुंड, गीता भवन, नीलकंठ महादेव मंदिर, राजाजी नेशनल पार्क, भरत मन्दिर, राम झूला, वशिष्ट गुफा, त्रिवेणी घाट, नीर गढ़ झरना, शिवपुरी, कैलाश निकेतन मंदिर, कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग, लक्ष्मण झूला
ऋषिकेश घूमने का सबसे अच्छा समय – मार्च से जून माह के बीच
ऋषिकेश घूमने के लिए कितने दिन लगते है – दो दिन
ऋषिकेश का निकटतम रेलवे स्टेशन – हरिद्वार रेलवे स्टेशन (HW)
ऋषिकेश का निकटतम बस स्टैंड – निजी टेहरी बस स्टैंड और निजी टेहरी बस स्टैंड
ऋषिकेश का निकटतम एयरपोर्ट – देहरादून एयरपोर्ट (DED)
देहरादून, उत्तराखंड

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून एक भारत के प्रमुख हिल स्टेशन में से एक है। गंगा और यमुना नदियों से घिरे होने के कारण देहरादून वैली के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता और यहां की शांति ही पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लाती है। यहाँ लोग बार-बार जाते हैं। एक तरफ घने पेड़ों से सजे ऊंचे पहाड़ तो दूसरी तरफ उतनी ही गहरी खाई को देखकर धड़कते दिल की धड़कने रुक सी जाती है। यहाँ ठण्ड के मौसम की पड़ने वाली बर्फबारी का अलग ही मजा है। हिमालय की वादियों में देवदार के घने पेड़, झरीपन फॉल, गन हिल, भाटा फॉल और नाग देवता का मंदिर देखने लायक है। इसके अलावा देहरादून अपने झरनें, गुफ़ाएं, प्राकृतिक झरनें तथा अनेक सुंदर प्राचीन मंदिरों के लिये भी प्रसिद्ध है।
देहरादून में घूमने की जगह – घंटा घर, खलंगा युद्ध स्मारक, राजाजी नेशनल पार्क, जोनल म्यूजियम, मालदेवता वॉटरफॉल, मालसी डियर पार्क, फन वैली देहरादून, वन अनुसंधान संस्थान देहरादून, तपोवन मंदिर, टपकेश्वर मंदिर देहरादून, सिखर वॉटरफॉल, लच्छीवाला नेचर पार्क, नीम करोली बाबा
देहरादून घूमने का सबसे अच्छा समय – मार्च से जून के बीच
देहरादून घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 2 दिन
देहरादून का निकटतम रेलवे स्टेशन – देहरादून रेलवे स्टेशन (DDN)
देहरादून का निकटतम बस स्टैंड – देहरादून बस स्टैंड
देहरादून का निकटतम एयरपोर्ट – देहरादून एयरपोर्ट (DED)
केदारनाथ, उत्तराखंड

केदारनाथ उत्तराखंड के टॉप टूरिस्ट प्लेस है। हिमालय की घाटियों में केदारनाथ स्थित केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक और चार धामों में से एक और पंच केदार में से एक है। यहाँ बहुत ज्यादा ठण्ड और बर्फबारी के कारण यह मंदिर साल में केवल 6 महीने अप्रैल से नवंबर माह तक ही खुलता है। भगवान शिव जी ने केदार क्षेत्र को कैलाश जितना महत्त्व दिया है। मन्दिर के गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ का स्वयंमभू ज्योतिर्लिंग है और बाहर नंदी भगवान विराजमान है। केदारनाथ मंदिर न सिर्फ तीन पहाड़ बल्कि पांच नदियों मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी का संगम भी है। यहां अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। लेकिन इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा। इस स्थान को हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।
केदारनाथ में घूमने की जगह – देवप्रयाग संगम, मां धारी देवी मंदिर, रुद्रप्रयाग संगम, गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर, गौरी कुंड, भुकुंड भैरव मंदिर, ऊखीमठ, सोनप्रयाग, वासुकी ताल झील, त्रियुगी नारायण मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, रुद्र गुफा केदारनाथ
केदारनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय – अप्रैल, मई और जून
केदारनाथ घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 6 दिन
केदारनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन – ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
केदारनाथ का निकटतम बस स्टैंड – गौरीकुंड बस स्टैंड
केदारनाथ का निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
बद्रीनाथ, उत्तराखंड

बद्रीनाथ उत्तराखंड के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है। यहाँ एक मंदिर है जो भगवान विष्णु की मंदिर है। यह तीर्थ स्थल हिंदुओं के चार प्रमुख धामों में से एक है। ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे माता के गर्भ में दोबारा नहीं आना पड़ता। यह मंदिर अलकनन्दा नदी के तट पर बसा हुआ है। यहाँ लोग दुनिया भर से इस मंदिर के दर्शन के लिए आते है। यह पवित्र स्थल भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार नर एवं नारायण की तपोभूमि है। यह जगह आगंतुकों को पूरी तरह से सुंदरता और शांति प्रदान करता है। यह जगह चार धामों में से एकमात्र है जो हिमालय में स्थित है और इसके चारों ओर बर्फीले पहाड़ हैं। यह स्थान हिंदुओं के लिए मुख्य दर्शनीय स्थल में शुमार है।
बद्रीनाथ में घूमने की जगह – नीलकंठ चोटी, वसुधारा फॉल्स, व्यास गुफा, ब्रह्म कपाल, गोरसों बुग्याल, नीति घाटी, टिम्मरसैंण महादेव, अलकापुरी ग्लेशियर, सतोपंथ ट्रेक, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, गोविंदघाट घांघरिया, फूलों की घाटी
बद्रीनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय – जून और सितंबर
बद्रीनाथ घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 2 दिन
बद्रीनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन – ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
बद्रीनाथ का निकटतम बस स्टैंड – बद्रीनाथ बस स्टैंड
बद्रीनाथ का निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
रानीखेत, उत्तराखंड

रानीखेत समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंग्रेजो द्वारा विकसित एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग है। यहाँ की शांत जलवायु और कण−कण में बिखरा प्रकृति का अनुपम सौंदर्य देखकर पर्यटक स्वयं को प्रकृति के निकट पाते है। यहां पर बर्फीले गगनचुंबी पर्वत, दूर−दूर तक फैली घाटियां, चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ के घने जंगल, फूलों से ढंके टेड़े मेढ़े रास्ते, सुंदर वास्तु कला वाले प्राचीन मंदिर व ठंडी मस्त पवन पर्यटकों का मन मोह लेती है। यह जगह शहर के शोर शराबे से दूर, प्रदूषण मुक्त परिवेश का अद्भुत सौंदर्य हमारे मन में बस जाता है।
रानीखेत में घूमने की जगह – झूला देवी मंदिर, दूनागिरी (द्रोणागिरी), चौबटिया बाग, कालिका मंदिर, कुमाऊं रेजीमेंट गोल्फ कोर्स, चौखुटिया, द्वाराहाट, रानीखेत में पैराग्लाइडिंग, स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव मंदिर, सनसेट पॉइंट्स, राम मंदिर
रानीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय – मार्च से जुलाई के बीच
रानीखेत घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 3 दिन
रानीखेत का निकटतम रेलवे स्टेशन – काठगोदाम रेलवे स्टेशन (KGM)
रानीखेत का निकटतम बस स्टैंड – रानीखेत बस स्टैंड
रानीखेत का निकटतम एयरपोर्ट – पंतनगर एयरपोर्ट (PGH)
मसूरी, उत्तराखंड

मसूरी उत्तराखंड के टॉप टूरिस्ट प्लेस में से एक है। यह सभी प्रमुख हिल स्टेशनों में से भी एक है। यह हिल स्टेशन यमुनोत्री और गंगोत्री के ग्लेशियरों के प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करता है और आपके लिए गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को यहां पर आने के लिए आकर्षित करती है। ऊंची पहाड़ी चट्टानों से घिरा, केम्प्टी फॉल्स समुद्र तल से लगभग 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह शहर उत्तराखंड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। मसूरी भारत में सबसे अच्छे हनीमून स्थानों में से एक है। यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ों और हरी-भरी घाटियों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य हैं।
मसूरी में घूमने की जगह – मसूरी लेक, केम्पटी फॉल्स, दलाई हिल्स, झरीपानी फॉल्स, गन हिल, ज्वाला देवी मंदिर, बेनोग वाइल्डलाइफ, मसूरी एडवेंचर पार्क, मसूरी क्राइस्ट चर्च, मॉस्सी फॉल्स, व्हाइट वाटर राफ्टिंग, तिब्बती बौद्ध मंदिर, मसूरी का लाल टिब्बा, चार दुकान
मसूरी घूमने का सबसे अच्छा समय – मई, जून, अक्टूबर और नवंबर
मसूरी घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 3 से 4 दिन
मसूरी का निकटतम रेलवे स्टेशन – देहरादून रेलवे स्टेशन (DDN) और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
मसूरी का निकटतम बस स्टैंड – मसूरी बस स्टैंड
मसूरी का निकटतम एयरपोर्ट – जौली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
औली, उत्तराखंड

औली उत्तराखंड का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। औली को भारत का मिनी स्वीटजरलैंड कहा जाता है, क्योंकि यहां की नेचुरल ब्यूटी तथा बर्फ से ढके पहाड़, जंगली फूल, हरी- भरी वनस्पतियां आपके मन को मोह लेती हैं। यह समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहाँ दुनिया की सबसे ऊंची झील है। सर्दियों में जब यह पूरी तरह से जम जाता है, तो झील के चारों ओर बर्फ फैल जाती है इसलिए यह जगह सर्दियों में और भी अधिक खूबसूरत लगता है। औली में बर्फबारी दिसंबर से शुरू हो जाती है और मार्च तक बर्फबारी होती रहती है। इस दौरान औली टूरिस्टों से भर जाता है और यहां की शोभा देखने लायक होती है। यह जगह भारत के सबसे अच्छे हिल स्टेशनों में से एक है। यह शहर हिमालय पर्वतमाला के मनोरम दृश्य के साथ एक बेहतर हनीमून स्पॉट भी है।
औली में घूमने की जगह – छत्रकुंड झील, ट्रैवेलट्रायंगल, जोशीमठ, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, गुरसों बुग्याल, त्रिशूल पीक, चिनाब झील, कुवारी बुग्याल, केबल कार की सवारी, छत्रा कुंड, सोलधार तपोवन, भव्य बद्री, औली में ट्रेकिंग
औली घूमने का सबसे अच्छा समय – दिसंबर और जून के बीच
औली घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 3 दिन
औली का निकटतम रेलवे स्टेशन – हरिद्वार रेलवे स्टेशन (HW)
औली का निकटतम बस स्टैंड – जोशीमठ बस स्टैंड
औली का निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
हरिद्वार, उत्तराखंड

हरिद्वार उत्तराखंड राज्य की पहाड़ियों के बीच स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस जगह को हिंदुओं के सभी पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यहां पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं। प्रयागराज, उज्जैन और नासिक के अलावा यहां पर भी कुंभ का मेला आयोजित होता है। हर की पौड़ी, हरिद्वार के पांच मुख्य पवित्र स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव और भगवान विष्णु प्रकट हुए। तब से यह स्थान पवित्र माना जाता है। इसलिए यह जगह मुख्य दर्शनीय स्थलों में से एक है।
हरिद्वार में घूमने की जगह – दक्ष महादेव मंदिर, सप्तऋषि आश्रम, पावन धाम, हर की पौड़ी, कनवा ऋषि आश्रम, स्वामी विवेकानंद पार्क, पारद शिवलिंग, झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व, चंडी देवी मंदिर, भारत माता मंदिर, पतंजलि योग पीठ, चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य, माया देवी मंदिर, भीमगोड़ा कुंड, पिरान कलियर, नील धारा हरिद्वार, मनसा देवी मंदिर
हरिद्वार घूमने का सबसे अच्छा समय – फरवरी से लेकर अक्टूबर
हरिद्वार घूमने के लिए कितने दिन लगते है – दो से तीन
हरिद्वार का निकटतम रेलवे स्टेशन – हरिद्वार रेलवे स्टेशन (HW)
हरिद्वार का निकटतम बस स्टैंड – हरिद्वार बस स्टैंड
हरिद्वार का निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
नैनीताल, उत्तराखंड

नैनीताल उत्तराखंड राज्य में घूमने के लिये सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। इस जगह को प्रसिद्ध हनीमून स्पॉट भी माना जाता है। यहां पर स्थित माता नैना देवी के मंदिर और प्रसिद्ध ताल के कारण इसे नैनीताल कहा जाता है। बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच झीलों से घिरा नैनीताल देश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। नैनीताल बेहद सुंदर और शांत जगह है, जहां लोग सबसे ज्यादा घूमना पसंद करते हैं। हर साल यहां पर्यटकों की भारी भीड़ भी देखने को मिलती है। यहां की बर्फ़ीली पहाड़ियां और हिमालयी सुंदरता जो हम सभी का मन मोह लेती हैं। नैनीताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है।
नैनीताल में घूमने की जगह – नैनीताल झील, टिफिन टॉप, पंगोट और किलबरी पक्षी अभयारण्य, नैना पीक, इको केव गार्डन, पंडित जीबी पंत हाई एल्टीट्यूड जू, गर्नी हाउस, स्नो व्यू पॉइंट, सेंट जॉन चर्च, नैना देवी मंदिर, कैंची धाम
नैनीताल घूमने का सबसे अच्छा समय – मार्च से जून
नैनीताल घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 2 से 3 दिन
नैनीताल का निकटतम रेलवे स्टेशन – काठगोदाम रेलवे स्टेशन (KGM)
नैनीताल का निकटतम बस स्टैंड – नैनीताल बस स्टैंड
नैनीताल का निकटतम एयरपोर्ट – पंतनगर एयरपोर्ट (PGH)
उत्तरकाशी, उत्तराखंड
उत्तरकाशी उत्तराखंड के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। यहां भगवान विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है इसलिए यह घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह शहर अपने अनोखे पर्वत चोंटीयों, पहाड़ी पर्यटक स्थानों, ट्रेकिंग पॉइंट्स, खूबसूरत बुग्याल, ताल, पवित्र नदियों और पौराणिक मंदिरों की वजह से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। भारत की प्रमुख पवित्र नदियां गंगा और यमुना के उद्गम स्थान भी उत्तरकाशी में ही हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यह जगह पर्यटकों के घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह में से एक है।
उत्तरकाशी में घूमने की जगह – गंगोत्री मंदिर, यमुनोत्री मंदिर, नेलांग वैली और जनक ताल ट्रेक, हरसिल वैली और गरतांग गली ट्रेक, महासू देवता मंदिर हनोल, विश्वनाथ मंदिर, डोडीताल ट्रेक, केदारकांठा ट्रेक, नचिकेता ताल
उत्तरकाशी घूमने का सबसे अच्छा समय – मार्च से नवंबर के बीच
उत्तरकाशी घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 3 दिन
उत्तरकाशी का निकटतम रेलवे स्टेशन – ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
उत्तरकाशी का निकटतम बस स्टैंड – उत्तरकाशी बस स्टैंड
उत्तरकाशी का निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (DED)
गंगोत्री धाम, उत्तराखंड

गंगोत्री धाम चार धामों में से एक हैं। यह जगह उत्तराखंड में स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल हैं। ऐसा कहा जाता है की धरती पर मां गंगा का जिस स्थान पर पहला कदम पड़ा वह स्थान गंगोत्री है। गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री से ही हुआ हैं। ऐसा माना जाता है कि स्वर्ग लोक से देवी गंगा धरती का उद्धार करने के लिए यहीं पर उतरी थीं। उन्होंने नदी के रूप में गंगोत्री से बहना शुरू किया। गंगोत्री इसलिए हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और सालों भर यहाँ पर देशी-विदेशी पर्यटक आते रहते हैं। गंगोत्री मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के भागीरथी नदी के तट पर स्थित है।
गंगोत्री धाम में घूमने की जगह – भोजवासा, गंगनानी, गंगोत्री मंदिर, जलमग्न शिवलिंग, हरसिल घाटी, धराली, सूर्या कुंड गंगोत्री धाम, गंगोत्री ग्लेशियर, केदारताल, डोडी ताल झील, ऑडेन कोल, दायरा बुग्याल, गोमुख तपोवन ट्रेक, तपोवन जोशीमठ, जोगिन एडवांस्ड बेस कैंप , गंगोत्री नेशनल पार्क, विश्वनाथ मंदिर गंगोत्री, कालिंदी खल ट्रेक, मनेरी गंगोत्री
गंगोत्री धाम घूमने का सबसे अच्छा समय – अप्रैल से जून और सितम्बर से अक्टूबर के बीच
गंगोत्री धाम घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 2 दिन
गंगोत्री धाम निकटतम रेलवे स्टेशन – ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
गंगोत्री धाम निकटतम बस स्टैंड – गंगोत्री बस स्टॉप
गंगोत्री धाम निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून (DED)
यमुनोत्री धाम, उत्तराखंड

उत्तराखण्ड के चार धामों में प्रथम धाम यमुनोत्री धाम है। हिमालय पर्वत की खूबसूरत श्रृंखलाओं में बसा हुआ यमुनोत्री धाम हिंदुओं के चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। उत्तराखंड में ही विख्यात चारधाम मौजूद हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते है। यहाँ देश-विदेश से लाखों सनातनी देवभूमि का दर्शन कर पुण्य प्राप्त करने उत्तराखण्ड आते हैं। यमुनोत्री से दिखाई देने वाला आकर्षक दृश्य बहुत ही मनमोहक लगता है। यहाँ मां यमुना का मंदिर विशेष आस्था का प्रतीक है।
यमुनोत्री में घूमने की जगह – जानकी चट्टी, हनुमान चट्टी यमुनोत्री, सप्तऋषि कुंड, सूर्यकुंड, खरसाली यमुनोत्री, दिव्यशिला, बरकोट
यमुनोत्री घूमने का सबसे अच्छा समय – मई-जून और सितंबर-नवंबर के बीच
यमुनोत्री घूमने के लिए कितने दिन लगते है – 1 दिन
यमुनोत्री निकटतम रेलवे स्टेशन – ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (RKSH)
यमुनोत्री निकटतम बस स्टैंड – यमुनोत्री बस स्टैंड
यमुनोत्री निकटतम एयरपोर्ट – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून (DED)
उत्तराखंड के अन्य दर्शनीय स्थल
अगर आपके पास अधिक समय है तो इन सब के अलावा भी यहाँ बहुत सी ऐसे जगह है जहां आप घूम सकते है जैसे नेलोंग घाटी, मुक्तेश्वर, सहस्त्रधारा, वन अनुसंधान संस्थान या एफआरआई, टिफिन टॉप, बरकोट, धारचूला, गोपेश्वर, कौसानी, लांसडाउन, नाग टिब्बा, एबट माउंट, चोपटा, अल्मोड़ा आदि उत्तराखंड के अच्छे घूमने लायक जगह है। जब भी आपको अपने परिवार के साथ अपना छुट्टी बिताने का मन हो तो आपके लिए यह के बेस्ट जगह हो सकती है।
उत्तराखंड में शॉपिंग
उत्तराखंड में शॉपिंग के लिये बहुत कुछ हैं। यहां पर आप हाथ से बने स्वेटर, हिमालायं बैग्स, स्कार्फ, श्रग, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, तिब्बत एथनिक वियर, उत्तराखंड की मशहूर दाल भट, मलमल के कपड़े, जैम, अचार, यहां के अंगूर के ताजे बने हुए शराब, ताजा शहद, तांबे के बर्तन, बांस से बनी वस्तुयें, बैग, पर्स, फर्नीचर, सुंदर बांस से बनी टोकरीयां, वाॅल हैंगिंग, शोपीस, अंगोरा और पश्मीना शॉल, लकड़ी की ज्वैलरी बॉक्स, लकड़ी की जानवरों की मूर्तियाँ, गर्म कपड़े, आदि बहुत सी वस्तुओं की खरीददारी कर सकते हैं।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध व्यंजन

काफुली उत्तराखंड का काफी मशहूर डिश है, जिसे पालक और मेथी के साथ तैयार किया जाता है। आलू के गुटके उत्तराखंड के प्रसिद्ध व्यंजनों में से भी एक है। मूंग दाल के बड़े हैं, जो अदरक, हींग और मसालों के साथ मिलकर बनाए जाते हैं। बाड़ी को आमतौर पर सब्जियों के साथ खाया जाता है और यह उत्तराखंड के भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उत्तराखंड जाने का उचित समय
उत्तराखंड में घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल और अक्टूबर और नवंबर के बीच माना जाता है। इन महीनों में यहां का मौसम अद्भुत रहता है. सर्दियों के दौरान बर्फबारी होती है। स्कीइंग के रोमांच और विंटर वंडरलैंड के लिए सर्दियों में उत्तराखंड जरूर जाना चाहिए।
गर्मियों में उत्तराखंड (मार्च-जून)
उत्तराखंड में मानसून (जुलाई-सितंबर)
शीतकाल में उत्तराखंड (अक्टूबर-फरवरी)
उत्तराखंड कैसे जाएँ?
उत्तराखंड की यात्रा के लिए फ्लाइट, ट्रेन और बस तीनों ही सेवा उपलब्ध है। उत्तराखंड में कई एयरपोर्ट, बहुत सारे रेलवे स्टेशन और अच्छी तरह से बनाए रखी गई सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग हैं जो आपको आपके वांछित गंतव्य तक ले जाते हैं और वह भी बिना किसी परेशानी के। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप देश के किस कोने में रहते हैं। उत्तराखंड भारत के लगभग हर राज्य और हर शहर से जुड़ा हुआ है।
उत्तराखंड फ्लाइट से कैसे पहुँचे?

उत्तराखण्ड में दो एयरपोर्ट हैं। पहला देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट और दूसरा नैनीताल में पंतनगर एयरपोर्ट हैं। देहरादून एयरपोर्ट से देश के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें संचालित की जाती हैं जबकि पंतनगर एयरपोर्ट से सीमित उड़ानें ही हैं। देहरादून एयरपोर्ट से उत्तराखण्ड की दूरी लगभग 180 किलोमीटर हैं जबकि पंतनगर एयरपोर्ट से उतराखण्ड की दूरी 261 किलोमीटर हैं।
ट्रेन से उत्तराखंड कैसे पहुंचे?
उत्तराखंड के कुछ महत्वपूर्ण जंक्शन हैं। जैसे – हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, नैनीताल, कोटद्वार, काठगोदाम, पौड़ी और ऊधम सिंह नगर रेलवे स्टेशन हैं। ये सभी रेलवे स्टेशन देश के अन्य शहरों जैसे दिल्ली, वाराणसी और लखनऊ से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। तो आप किसी भी स्टेशन का चुनाव अपनी सुविधानुसार कर सकते है। उत्तराखंड की सेवा करने वाली प्रमुख ट्रेनें देहरादून एक्सप्रेस, जन शताब्दी एक्सप्रेस, नंदा देवी एक्सप्रेस और दून एक्सप्रेस हैं।
सड़क मार्ग से उत्तराखंड कैसे पहुंचे?

उत्तराखंड भारत के प्रमुख शहरों से सडक मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए सड़क मार्ग से भी उत्तराखण्ड आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। गौरी कुंड निकटतम गाड़ी योग्य क्षेत्र है। चमोली, श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी, ऋषिकेश, देहरादून, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरकाशी और के साथ आसपास के क्षेत्र को जोड़ने वाली अंतरराज्यीय बस सेवाएं हैं।