Vaishno Devi Yatra Guidelines In Hindi
Vaishno Devi Yatra Current Status 2024
बड़ी संख्या में आने के कारण माता वैष्णो देवी यात्रा ट्रैक और श्री माता वैष्णो देवी भवन पर निगरानी और भीड़ प्रबंधन के उद्देश्य से 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कटरा और भवन के बीच पोनी, पिट्ठू और पालकी सेवा शुरू है, हेलीकॉप्टर और बैटरी कार का परिचालन भी शुरू है। इसके साथ साथ प्रदेश के बाकी धार्मिक स्थलों को भी खोल दिया गये है, जिसमें बाबे मंदिर, रघुनाथ मंदिर, शिव खोड़ी सहित बाकी देवी देवताओं के मंदिर भी सम्मलित है।
वैष्णो देवी यात्रा के नियम 2024
प्रत्येक तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RFID) जारी किया गया है।
बिना कार्ड के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा नहीं करने दिया जा रहा है।
भीड़ को रोकने के लिए मंदिर सदस्यों के साथ पुलिस तैनात रहेगी।
मंदिर प्रवेश से पहले द्वार पर लगी हैंड सैनिटाइजर मशीन से हाथ साफ करना जरूरी।
Vaishno Devi Dress Code
वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के नए ड्रेस नियम – श्राइन बोर्ड प्रशासन ने नवरात्रि से वैष्णो माता का दर्शन और आरती के समय मंदिर की गरिमा के अनुसार शालीन वस्त्र पहनना अनिवार्य कर दिया है। कुछ लोगों ने वैष्णो देवी भवन को मौजमस्ती और सैर-सपाटे का का केंद्र बनाये जाने की घटना को देखते हुए श्राइन बोर्ड प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किया हैकि अब छोटे कपड़े निक्कर कैपरी टी-शर्ट आदि अनुचित वस्त्र पहन कर वैष्णो माता का दर्शन करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
जय माता दी
चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है। इस भजन को करते हुए माता वैष्णो देवी की यात्रा करने का अलग ही आनंद है। छोटे बच्चे हो या वृद्ध, गरीब हो या अमीर सभी इस गुणगान को माँ वैष्णो देवी का मंदिर के दर्शन करते समय बोलते हैं। एक बड़ी प्रसिद्ध मान्यता है कि जब आप वैष्णो देवी माता के नाम की आवाज़ सुनते हैं, तभी आप उन के दर्शन करने के लिए कठिन से कठिन यात्रा को भी को पूरा करने में सक्षम होते हैं।
माँ वैष्णों देवी जहाँ शायद हममे से कई सारे लोग या तो जाना चाहते हैं या फिर पहले ही जा चुके हैं या आपके दोस्त या रिश्तेदार वहां से आपके लिए प्रसाद लायें हैं। हम सब ने माता वैष्णों देवी के दर्शन के बारे में अपने जान पहचान वालों से सुना है जैसे की वहां जाने में कितनी कठिनाई होती है, या हेल्थ टेस्ट पर कितने लोगो को जाने से रोक दया जाता है या फिर कभी किसी को गुफा के अन्दर सांस लेने में दिक्कत हुई हो या फिर कन्जेस्टेड महसूस हुआ हो। कोई भी तकलीफ हो, बस एक बार माता के दर्शन करना हम जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते है ।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर
समुद्र तल से करीब 5,200 फीट ऊंचाई पर जम्मू और कश्मीर के कटरा में स्थित माँ वैष्णो देवी का मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। माँ वैष्णो देवी का मंदिर यह एक गुफा मंदिर है जिसके अंदर कुल 4 मंदिर हैं। यहाँ माँ आदिशक्ति के तीन रूप में विराजमान है ये रूप है महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली। माता वैष्णो देवी जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि माता रानी, त्रिकुटा, वैष्णवी- यह सभी माता आदिशक्ति की अभिव्यक्ति है। माँ वैष्णो देवी का मंदिर या भवन कटरा से 13.5 किलोमीटर दूर है और यहां पहुंचने के कई साधन है जिसमें की पोनी, इलेक्ट्रिक कार, पालकी- जिसे चार लोग उठाते हैं और हेलीकॉप्टर की भी सर्विस उपलब्ध है जो कटरा से सांझीछत तक के लिए मिल सकती है।
वैष्णो देवी कटरा कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग से वैष्णो देवी कटरा कैसे पहुँचे?
जम्मू का रानीबाग एयरपोर्ट वैष्णो देवी का नजदीकी एयरपोर्ट है। जम्मू से सड़क मार्ग के जरिए वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंचा जा सकता है जिसकी दूरी करीब 50 किलोमीटर है। जम्मू से कटरा के बीच ट्रेन, बस और टैक्सी सर्विस आसानी से मिल जाती है।
वैष्णो देवी कटरा कैसे पहुँचे रेल मार्ग से?
वैष्णोदेवी मंदिर के दो नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू और कटरा हैं। कटरा देशभर के मुख्य शहरों से जम्मू रेल मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है। इसके अलावा वैष्णो देवी का बेस कैंप कटरा भी अब एक रेलवे स्टेशन बन गया है। जम्मू-उधमपुर रेल रूट पर स्थित है श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन के लिये दिल्ली के साथ साथ कई दूसरे शहरों से भी सीधी ट्रेनें आती हैं। आप चाहें तो कटरा तक सीधे ट्रेन से आ सकते हैं औऱ फिर यहां से माता के दरबार तक यात्रा शुरू कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से वैष्णो देवी कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग के ज़रिए भी कटरा आसानी से पहुंचा जा सकता है। देश के विभिन्न हिस्सों से जम्मू सड़क मार्ग के जरिए भी जुड़ा हुआ है और जम्मू होते हुए सड़क मार्ग से कटरा तक पहुंचा जा सकता है। हर साल बहुत से श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से मां के दर्शनों के लिए कटरा पहुंचते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा का सही समय
वैष्णो देवी यात्रा साल भर चलती है। बारिश के दिनों में में तेज बारिश होती है और भूस्खलन की संभावना होती है। वैष्णो देवी भवन में गर्मियों के महीने में तापमान मध्यम रहता है। जबकि सर्दियों के सीजन में इसका तापमान शून्य के नीचे जाता है। पवित्र मंदिर में टेंपरेचर 30 डिग्री सेल्सियस से लेकर -5 डिग्री सेल्सियस हो सकता है। ठंड के मौसम में यहां जाना बहुत मुश्किल हो सकता है क्योंकि दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में माता के भवन में भारी स्नोफॉल (बर्फबारी) होती है इसीलिए श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने साथ गर्म कपड़े लेकर जाएं। अगर वे सर्द मौसम में देवी के दर्शन करने को जाते हैं। अक्टूबर से लेकर मार्च तक के महीने तक आपको वहां गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस हो सकती है। मई से लेकर सितंबर तक यहां मौसम काफी अच्छा रहता है, जब सूती कपड़े भी पहने जा सकते हैं।
माता वैष्णो देवी कटरा में रहने की व्यवस्था
कटरा में आपको रहने के लिए कई सारे साधन मिल जाएंगे जिसमें कि बोर्ड के द्वारा आवास, होटल, धर्मशाला, और सरकार द्वारा बनाए गए आवास शामिल हैं। हालांकि भवन में केवल सांझीछत और अर्धकुमारी श्राइन बोर्ड के ही आवास उपलब्ध है। इसके अलावा निशुल्क आवास के तौर पर बड़े-बड़े हॉल भी में बनाए गए हैं। आप डॉरमेट्री और किराय के रूम में भी रुक सकते हैं। इनके लिए आपको पहले से रिजर्वेशन करना पड़ेगा।
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भक्त निवास
निम्न जगह पर श्राइन बोर्ड के भक्त निवास में रूम ऑनलाइन या भक्त निवास जाकर बुक करा सकते है।
LOCATION COMPLEX
Jammu Vaishnavi Dham
Saraswati Dham
Kalika Dham
Katra Niharika
Shakti Bhawan
Trikuta Bhawan
Ashirwad Bhawan
Spiritual Growth Centre
Adhkuwari Shailputri Bhawan
Sharda Bhawan
Sanjichhat Mangla Bhawan
Bhawan Main Bhawan Complex
Vaishnavi & Gouri Bhawan
Manokamana Bhawan
ऊपर के सभी भक्त निवास में 700 रूपये से 2000 रूपये तक AC ,Non – AC रूम उपलब्ध है। अगर एक ही बेड चाहिये तो Non A/C एक बेड का 100 -150 और AC बेड का 200-300 देना होता है।
प्राइवेट होटल
कटरा में लगभग 700 होटल है। किराया 500 रूपये से 50000 रूपये तक है।
वैष्णो देवी के भवन में उपलब्ध सुविधाएं
वैसे तो माँ वैष्णो देवी के मंदिर में कई सारी रुकने के स्थान है लेकिन फिर भी भारी संख्या में श्रद्धालु होने पर शायद आपको कॉरिडोर या जहाँ जगह मिले वहां ही सोना पड़ सकता है। आपको भवन में ब्लैंकेट आराम से किराए पर मिल जाएंगे। यहां कई सारे क्लॉक रूम उपलब्ध है, जहां आप अपना कीमती सामान जमा कर सकते हैं। ध्यान रहे आपको अपना वॉलेट, फोन, कंघी, बेल्ट या कोई भी चमड़े की वस्तु दर्शन के पहले जमा करनी पड़ेगी।
यात्रा पर्ची :-
वैष्णो देवी यात्रा में सबसे महत्त्व पूर्ण चीज यात्रा पर्ची है। वैष्णो देवी यात्रा का प्रारंभ बाणगंगा से होता है। यहाँ चेकपोस्ट बना है। यात्रा पर्ची के बिना आप चेक पोस्ट क्रॉस नहीं कर सकते। यात्रा पर्ची काउंटर कटरा बस स्टैण्ड के पास बना है। यात्रा पर्ची मुफ्त मिलती है।
यात्रा पर्ची काउंटर टाइम :- शुरुवात – सुबह 7 बजे, बन्द – रात 10 बजे
यात्रा पर्ची वैधता :- यात्रा पर्ची निकालने के बाद 6 घंटे के अंदर चेकपोस्ट पार करना होता है ।
वैष्णोदेवी यात्रा पर्ची और रूम की ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें?
सभी ऑनलाइन बुकिंग ज्यादा से ज्यादा 60 दिन पहले या कम से कम 4 दिन पहले कर सकते है। ऑनलाइन बुकिंग सुबह 10 बजे से शुरू होती है।
1) https://www.maavaishnodevi.org वेब साईट ओपन करे।
2) New User Registration पर क्लिक करे और सारी डिटेल्स भर कर
User Name टाइप करे। Password आपके ईमेल आईडी पर भेज दिया जाता है।
3) Login पर क्लिक करे यूजर नेम और पॉसवर्ड टाइप करके लॉगइन करे।
4) यात्रा पर्ची के लिए :- ऊपर के मेनू बार पर Yatra Parchi दिखेगा उस पर क्लिक करे।
रूम बुकिंग के लिए :- Room Bookings पर क्लिक करे।
5) उपलब्धता :- यात्रा की तारीख टाइप करके उपलब्धता चेक करे। अगर उपलब्ध है तो आगे Book Now पर क्लिक करे।
6) अपनी डिटेल्स भरे :- नाम,पिताजी का नाम, स्री या पुरुष, उम्र, पहचान पत्र का नंबर सभी डिटेल्स भरने के बाद Proceed to book पर क्लिक करे।
कटरा से वैष्णो देवी भवन कैसे जाये?
कटरा बस स्टैंड से 2 किलोमीटर दूर पर बाणगंगा से यात्रा का प्रारंभ होता है। कटरा बस स्टैंड से ऑटो से बाणगंगा जाना होता है। बाणगंगा में चेकपोस्ट बना है। यहाँ से यात्रा पर्ची चेक करके ही आगे जाने दिया जाता है। बाणगंगा से भवन की दूरी 13 किलोमीटर है। पहाड़ी चढ़कर जाना होता है। कुछ जगह खड़ी चढ़ाई चढ़कर जाना होता है। भवन तक जाने के लिए अच्छा रास्ता बनाया गया है। पानी, चाय, कॉफ़ी, भोजन की व्यवस्था जगह जगह की गई है। कटरा से भवन जाने के लिए हेलीकॉप्टर, पौनी, घोड़े , पालकी, पैदल जा सकते है।
कटरा से भवन हेलीकॉप्टर यात्रा
हेलीकॉप्टर :- किराया रू.1100 (किराया बदलता रहता है )
हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनी :- पवन हंस और ग्लोबल वेक्ट्रा
कटरा हेलिपैड की दूरी :- कटरा बस स्टैंड से 2 किलोमीटर
ऊपर त्रिकूट पर्वत हेलिपैड (सांझीछत ) से भवन की दूरी :- 2.5 कि.मी.
हेलीकाप्टर टिकट बुकिंग :- श्राइन बोर्ड की वेब साइट पर जाकर बुक कर सकते है। ऊपर यात्रा पर्ची ओर रूम बुकिंग का प्रोसीजर बताया है। उसी समान हेलीकॉप्टर टिकट बुक कर सकते है।
हेलीकॉप्टर से भवन जाते वक्त निम्न तीन चीजे साथ रखे।
टिकट का प्रिंटआउट
पह्चानपत्र (आधारकार्ड )
जिस कार्ड से टिकट का पेमेंट किया डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड
हेलीकॉप्टर के सफर की समस्या
हेलीकॉप्टर से जाने की सबसे बड़ी समस्या है मौसम। कटरा पहाड़ी इलाका होने के कारण मौसम अचानक से बदल जाता है। जब तक मौसम साफ नहीं होता, तब तक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भरता। मौसम साफ होने तक इंतजार करो या टिकट कैंसल करो, दो ही विकल्प बचते है। टिकट कैंसल किया तो वापस कटरा में आना पड़ता है। ऑटो वाला कटरा बस स्टैंड से हेलिपैड जाने का कम से कम 200 किराया लेता है और वापस हेलिपैड से कटरा जाने का 200 अलग लगेगा। पैसे की ओर वक्त की बर्बादी। सांझीछत हेलिपैड से भवन तक की दुरी 2.5 किलोमीटर है। सांझीछत से भवन तक पैदल या घोड़े पर जाना पड़ता है।
वैष्णोदेवी कटरा से भवन तक घोड़े, पिठू और पालकी की सवारी का किराया
कटरा से अर्धकुमारी
घोड़े :- रू. 600-700
पिठू :- रू. 300
पालकी :- रू. 2200
कटरा से भवन
घोड़े :- रू. 1300
पिठू :- रू. 550
पालकी :- रू.3700
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए चढ़ाई
- आप देवी के दर्शन के लिए जाते समय त्रिकुटा पर्वत की सुंदरता भी देख सकते हैं। शुरुआत करने के लिए आप दर्शनी दरवाजा देखने जाएं। आपका अगला स्टॉप बाणगंगा नदी होगा। इस स्थान पर माता रानी ने अपने बालों को धोया था और अपनी प्यास बुझाई थी। अगला पड़ाव अर्धकुमारी नामक स्थान है, जहां माता रानी ने 9 महीने तक भगवान शिव की तपस्या की थी और इसी समय भैरवनाथ ने उन्हें देखा था। इसलिए माता वहां से गुफा में से निकलती हुई भवन तक जा पहुंची।
- दर्शन करने में सबसे बड़ी समस्या है भक्तों की लम्बी लाइन लगना इसलिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप भवन की ओर चले जाए। आपको दर्शन का नंबर मिलने में करीब 15 से 20 घंटे लग सकते हैं।
- श्राइन बोर्ड ने भवन तक जाने के लिए एक नया रास्ता बनाया है, जहां पोनी नहीं जा सकते। यहां बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी (ट्रैकिंग) है, जिसमें आपको करीब ढाई घंटे का समय लग सकता है क्योंकि भवन यहां से 6 किलोमीटर दूर है।
- भवन पहुंचने पर आप आरती के लिए बुकिंग कर दें क्योंकि इस यात्रा का सबसे अनमोल वक्त यही होगा। जब आरती होगी, तब आप इतनी सारी सकारात्मक ऊर्जा से भर जायेंगे कि आपको लगेगा, आप स्वर्ग में हैं।
- आरती के बाद आप भैरव घाटी में जा सकते हैं जो कि एक स्टीप घाटी है। जिसे चढ़ने में आपको कठिनाई हो सकती है और पोनी (एक टट्टू या छोटा घोड़ा है) के साथ जाना तो और भी मुश्किल हो सकता है। यहाँ रोप वे से जाना ज्यादा उचित रहेगा।
माँ वैष्णो देवी की पौराणिक कथा
प्राचीन काल में भैरवनाथ नाम का एक तांत्रित था। अपनी तंत्र और मंत्र विद्या से महा प्रभावशाली बन गया था। देवी देवता के भक्तो को सताता था। उसके अत्याचार से देवी देवता के उपासक परेशान और दुःखी थे। हंसाली गांव में माता वैष्णो देवी का श्रीधर नाम का परम भक्त रहा करता था। माता की श्रीधर पर विशेष कृपा दृष्टी थी। भैरवनाथ को इस बात की भनक लगी। भैरवनाथ अपने 360 शिष्यों के साथ श्रीधर के घर पहुंच गया और भंडारे का आयोजन करने का दबाव बनाया। उसने सभी गांव वालो को भंडारे में आमंत्रित करने का आदेश दिया। श्रीधर गरीब ब्राम्हण था। वह घबरा गया और चिंता में डूब गया। तभी माता वहाँ प्रगट हुई और श्रीधर को समझाया तुम चिंता मत करो। मै सभी प्रबंध कर दूंगी, तुम सभी गांव वालो को भंडारे में आमंत्रित करो। श्रीधर ने सभी को भंडारे में आमंत्रित किया। सभी गांव वाले भंडारे में उपस्थित हो गए। भैरवनाथ भी अपने शिष्यों के साथ भंडारे में आ गया। माता वैष्णो देवी ने एक कन्या का रूप धारण कर लिया। माता ने अपनी शक्ति से सोने चांदी के बर्तन में अनेक प्रकार के पकवान वहां उपस्थित कर दिये। माता स्वयं ही भोजन परोसने लगी। जब भैरनाथ को माता भोजन परोसने लगी तो उसने सात्विक भोजन खाने से मना कर दिया और मद्य,मांस सेवन करने की बात कहने लगा। कन्या रूपी माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ को समझाने कोशिश की किंतु भैरव अपनी बात पर अड़ा रहा। उसने अपनी शक्ति से माता को पहचान लिया। वैष्णो देवी माता ने भी भैरव की चाल को भाप लिया। जब भैरवनाथ ने उस कन्या को पकड़ना चाहा तो कन्यारूपी वैष्णो देवी वहां से त्रिकूट पर्वत पर चली गई और एक गुफा मे हनुमानजी को रक्षा करने के लिए बाहर खड़ा करके, नौ माह तक गुफा में तपस्या की।
इसी गुफा को आज अर्द्धकुवारी के नाम से जाना जाता है। हनुमानजी को प्यास लगाने पर वैष्णो देवी ने धनुष से बाण चला कर जलधारा का निर्माण किया। इस पवित्र जलधारा को बाणगंगा के नाम से जाना जाता है। जब भैरवनाथ माता को ढूंढते अर्द्धकुवारी गुफा तक पंहुचा तो माता वहाँ से त्रिकूट पर्वत वाली गुफा में जा बैठी। भैरवनाथ भी माता के पीछे पीछे गुफा में पहुंच गया। माता ने उसके शीश पर इतनी जोर से प्रहार किया की उसका शीश 8 किलोमीटर दूर जा गिरा। आज उस स्थान को भैरोनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। माता ने भैरवनाथ का वध जिस स्थान पर किया, उसे भवन कहा जाता है। भैरवनाथ ने प्राण त्यागने से पहले माता से क्षमा याचना की। वैष्णोदेवी माता को उस पर दया आई। माता वैष्णो देवी जानती थी भैरवनाथ की उन पर हमला करने प्रमुख मंशा मोक्ष प्राप्त करने की थी। वैष्णोदेवी ने भैरवनाथ को वरदान दिया, मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएंगे। जब तक कोई भक्त मेरे दर्शन के बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।
कटरा के दर्शनीय स्थल
शिव खोरी (शिव खोड़ी )
शिव खोरी के लिए बस टाइम :- सुबह 10बजे और दोपहर 1 बजे
बस कहा से मिलती है :- कटरा बस स्टैंड
शिव खोरी कटरा से 70 किलोमीटर की दुरी पर है।कटरा से शिव खोरी जाने के लिए बसे चलती है। रणसू गांव तक पक्की सड़क बनी है। आगे चार किलोमीटर का रास्ता पैदल चलकर या घोड़े से तय करना पड़ता है। यह चार किलोमीटर की यात्रा ऊँची पहाड़ियों से घिरे प्राकृतिक दृश्य से भरपूर टेढ़े मेढ़े रास्ते से गुजर कर शिव खोरी गुफा तक पूरी होती है। गुफा का बाहरी भाग बड़ा है। गुफा 150 मीटर लम्बी है। गुफा के अंदर प्रवेश करने का रास्ता बड़ा ही संकीर्ण है। यात्री सरक सरक एक एक कर आगे बढ़ते है। कुछ जगह पर घुटनो के बल भी चलना पड़ता है। गुफा के अंदर प्राकृतिक शिव लिंग बना है। इसकी ऊंचाई लगभग एक मीटर है। शिव लिंग के ऊपर गाय के स्तन जैसे आकृति बनी है। उसमेसे दूधिया रंग का पानी टपक कर शिवलिंग पर गिरता है। गुफा से बाहर निकलने के लिए अलग दूसरा बड़ा रास्ता बनाया गया है। आसानी से बाहर निकला जा सकता है।
बाबा जित्तो मंदिर
बाबा जित्तो का मंदिर शिव खोड़ी रास्ते पर पड़ता है। यह कटरा से 7 किलो मीटर की दूरी पर है। बाबा जित्तो माता वैष्णो देवी के परम भक्त थे। माता वैष्णो देवी कन्या रूप में उनके घर आया करती थी।
नौ देवी मंदिर
कटरा से 8 किलोमीटर की दूरी पर शिव खोड़ी रस्ते पर नौ देवी मंदिर स्थित है। यह एक प्राचीन स्थान है। लगभग 100 सीढ़िया नीचे उतरकर मंदिर की ओर जाना होता है। यहाँ एक छोटी गुफा बनी है। गुफा के भीतर लगभग लेटकर ही प्रवेश करना पड़ता है। गुफा के भीतर नौ देविया पिंड के रूप में विराजमान है। नौ देवियों के नाम इस प्रकार है शैलपुत्र देवी, भर्माचार्यिंनी देवी, चन्द्रघंता देवी, कुष्मंद देवी, स्कंद देवी, कात्यायनी देवी, महाकाली देवी, महा गौरी देवी, सिद्धिदत्री देवी
भूमिका मंदिर
रेल्वे स्टेशन से 700 मीटर की दूरी पर भूमिका मंदिर है। यहाँ माता वैष्णो देवी की मुलाकात पंडित श्रीधर से हुई थी। वैष्णो देवी माता ने इसी स्थान से त्रिकूट पर्वत पर प्रस्थान किया था।
देवा माई मंदिर
कतरा से 4 किलोमीटर जम्मू रोड पर देवा माई मंदिर स्थित है। जब माता वैष्णो देवी कन्या रूप में थी, तब इसी स्थान पर उनका निवास था और अपनी तपस्या इसी स्थान पर पूरी की थी।
बाबा धनसर
बाबा धनसर मंदिर कटरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ छोटी सी गुफा में शिवजी का प्राकृतिक निर्मित शिवलिंग है। जिस पर निरंतर पानी की बुँदे गिरती रहती है। गुफा के उपरसे चट्टानों में से झरनो का पानी गिरता है। देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।
माँ वैष्णो देवी यात्रा से पहले की तैयारियां
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने से पहले अपने आप को शारीरिक रूप से स्ट्रांग बना ले क्योंकि इस यात्रा में आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो ट्रिप के दो-तीन हफ्ते पहले जितना हो सके वाकिंग और रनिंग करें।
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने से पहले आप गर्म कपड़ों की खरीदारी कर ले।
ट्रेन की टिकट और होटल की बुकिंग अगर आप पहले से ही करके रखेंगे तो आपको बहुत सुविधा होगी।
अगर आप फिट नहीं है तो माता के दर्शन करने न जाएं लेकिन फिर भी अगर आप दर्शन करने जाना चाहते हैं तो आप एक म्यूल की सहायता से जा सकते हैं।
अगर आप एक फौजी हैं तो आपके लिए एक स्पेशल एंट्रेंस माता के भवन में बनाया गया है। जिससे आपको 2-3 घंटों में ही माता के दर्शन हो जायेंगे।
अगर आप वहां ठहरना चाहते हैं तो आप को वैष्णो देवी बोर्ड द्वारा मैनेज किए गए आवास में ही रहना पड़ेगा।
श्राइन बोर्ड के भोजनालयों का खाना ताजा और काफी सस्ता है।
आप निहारिका भवन, कटरा बस स्टैंड के पास या पार्वती भवन, माता के भवन के पास से आवास बुक करा सकते हैं।
माता वैष्णो देवी के दर्शन में समस्याएं और उपाय
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आप जिस गुफा में जाएंगे, वह बहुत ही कन्जेस्टेड हो सकती है। आपको आगे पीछे से धक्के लगेंगे लेकिन गलतियां ना करें और आराम से चले। आपको माता के दर्शन करने में पूरा 1 दिन लग जाएगा। जब आप करीब आधे रास्ते तक पहुंचेंगे, तब आपको बैटरी चलित बघ्घियां भी मिल जाएंगी।
माता वैष्णो देवी के दर्शन को आए इतने सारे तीर्थयात्री के कारण वहां लॉकर फैसिलिटी उपलब्ध कराई गई है लेकिन हो सकता है कि कभी कभार सबके लिए यह उपलब्ध न हो पाए।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर जाने के लिए बने ट्रैक पर आपको कई सारी डिस्पेंसरी और केमिस्ट की शॉप मिल सकती है और इसके अलावा दर्शनार्थीयों के लिए डॉक्टर और मेडिकल-एड भी चौबीसों घंटे उपलब्ध है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन को हजारों श्रद्धालु आते हैं। कुछ त्योहारों पर जैसे कि नवरात्रि के समय भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाती है इसलिए दर्शन के समय बहुत लंबी कतारें होती है और आपको इस समय मुख्य मंदिर में पहुंचने में कई घंटे लग जाते हैं।
माँ वैष्णो देवी का मंदिर पहुंचने के बाद सबसे पहले चेकप्वाइंट पर निशुल्क भंडारा होता है। जहां श्रद्धालुओं को गर्म और ताजा खाना परोसा जाता है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन को आए श्रद्धालुओं को रेंट पर या निशुल्क आवास भी उपलब्ध कराया जाता है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए टिप्स
भवन के अंदर कम्बल की सुविधा उपलब्ध है जिसको कि आप किराए पर ले सकते हैं।
आपको अपना लगेज क्लॉक रूम में जमा करना पड़ेगा।
जम्मू से कटरा के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट की बसें रोजाना उपलब्ध है।
जेकेएसआरटीसी की बसें भी जम्मू रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध हैं।
अपनी यात्रा स्लिप लेना ना भूलें क्योंकि इसके ना होने पर आपको बाणगंगा गेट के आगे नहीं जाने दिया जाएगा।
भवन तक जाने के लिए बहुत सारे खान पान के स्थान बनाये गए हैं।
बैटरी ऑपरेटेड ऑटोस भी आपको यहां मिल जाएंगे जिससे कि वृद्ध , विकलांग अथवा मरीजों को माता के दर्शन करने में आसानी होगी और इसकी कीमत ₹300 प्रति व्यक्ति है। लेकिन यह ऑटो शाम को नहीं चलते हैं।
धोखेबाज लोगो से सावधान रहे, अगर कोई आपसे कहता है कि मेरा वॉलेट खो गया है तो ऐसे लोगों पर ध्यान न दें और कोई अगर आपका पीछा ना छोड़े तो उसे साफ पुलिस स्टेशन का रास्ता दिखा दे।
कटरा जम्मू कश्मीर से 50 किलोमीटर स्थित है और बस का किराया ₹70 से ₹90 प्रति व्यक्ति है।
अगर आपके आर्मी में कनेक्शन है तो आप स्पेशल पास बनवा कर माता वैष्णो देवी के दर्शन कर सकते हैं इससे आप जनरल लाइन से निकलकर माता के दर्शन बहुत जल्दी करने में समर्थ होंगे।
भवन में प्रसाद उपलब्ध है इसलिए कटरा से प्रसाद खरीद कर ना ले जायें।