किसान अगर एक एकड़ की जमीन से लाखों की कमाई करना चाहते हैं तो इस फसल को जुलाई, अगस्त या फिर सितंबर में लगा सकते हैं। हर सीजन में अच्छी डिमांड रहती है।
जुलाई में सब्जियों की खेती
जुलाई में किसान कई तरह की सब्जियो की खेती कर सकते हैं। जिनकी जानकारी हम हर दिन लेकर आते हैं। जिसमें आज एक ऐसी फसल की जानकारी लेकर आए हैं जिनकी डिमांड पूरे साल रहती है, और बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है, बस किसान को सही वैरायटी का चयन करना होगा, तथा समय के अनुसार सही विधि से खेती करनी होगी।
दरअसल, यहां पर खीरा की बात की जा रही है तो चलिए आपको बताते हैं खीरा की कौन सी वेराइटी अच्छी होती है, किस विधि से करने पर अच्छा उत्पादन मिलता है।
वैरायटी का चयन
किसान को किसी भी फसल की वैरायटी का चयन अपने आसपास के मंडी की डिमांड के अनुसार करना चाहिए। खीरा की खेती कर रहे हैं तो पहले देखे कि मंडी में देसी खीरा या चायनीज खीरा, किस खीरा की अच्छी कीमत मिलती है। उसकी खेती करें, साथ ही ध्यान रखें अपने क्षेत्र के जलवायु और मिट्टी के अनुसार खीरा की किस्म का चयन करें।
एक्सपर्ट के अनुसार चायनीज खीरा की ज्यादा कीमत मिलती है। इसके अलावा क्लॉज, वीएनआर और ईस्ट वेस्ट वैरायटी के भी खीरा बढ़िया होते है। वही पूसा संयोग, टेस्टी, मालव-243, गरिमा सुपर, पाइनसेट, खीरा-90, ग्रीन लॉंग यह भी अच्छी किस्म है।
खेती का तरीका
- खीरा की खेती किसी भी मौसम में करें मचान विधि से करें, इससे फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है। उत्पादन भी बढ़िया मिलता है।
- इसके अलावा मल्चिंग जरूर लगाए। जिससे खरपतवार की समस्या नहीं आती। मिट्टी में नमी बनी रहती है।
- रोपाई से पहले खेत की मिट्टी को बढ़िया उपजाऊ बनाएं एक एकड़ में 5 से 6 ट्रॉली गोबर की खाद मिलाएं जो की पुरानी होनी चाहिए।
- खीरा खेत में लगाने के लिए डेढ़ से दो मीटर की दूरी पर एक नाली बनाएँ। नाली के दोनों ओर एक-एक मीटर की दूरी पर 3-4 बीज बोएँ। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएँ। जिससे फसल अच्छी होगी।
लागत और मुनाफा
इस तरीके से खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। अगर 20, 35 या ₹40 भी भाव मिल जाता है तो भी तीन से चार लाख मुनाफा एक एकड़ से कमा सकते हैं। बस खेती की शुरुआत से लेकर कटाई तक फसल का पूरा निरीक्षण समय पर करें। खरपतवार निकाले, समय पर सिंचाई करें, अगर कोई समस्या है तो स्प्रे करें।
खीरे की खेती में खर्चे अन्य फसलों की तरह ही बीज, खाद, सिंचाई, मजदूरी आदि में आता है। जिसमें 30 से 50 हजार रुपये प्रति एकड़ लग सकता है।