अपनों से बिछड़ने का दर्द क्या होता है यह वही लोग समझ पाते हैं जिसने अपनों को खो दिया है। जब कोई अपना हमसे दूर चला जाता है तो रात भर नींद नहीं आती, आंखें बंद करें तो सिर्फ उसी शख्स के सपने आते हैं और आंखें खोले तो उसी इंसान के ख्याल दिमाग में आते हैं। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने परिवार से बिछड़ गए और दोबारा फिर कभी नहीं मिल पाए। ऐसे बहुत ही कम लोग खुशकिस्मत होते हैं जो अपने परिवार से बिछड़ने के बाद दोबारा मिल जाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही खुशकिस्मत इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने परिवार से 10 साल पहले बिछड़ गया था लेकिन अब वह अपने परिवार से अचानक मिल गया। दरअसल, हम आपको जो कहानी बता रहे हैं, यह बलिया की रहने वाली एक महिला की है। जब इस महिला को अचानक ही 10 साल पहले लापता हुआ पति नजर आया तो यह देखते ही वह रो पड़ी और किसी मासूम बच्चे की तरह दुलार करने लगी।
10 साल पहले पति छोड़कर चला गया था घर
दरअसल आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह उत्तर प्रदेश के बलिया से सामने आया है। जनपद बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवकली में रहने वाली महिला सालों से अपने पति का इंतजार कर रही थी। इस दौरान उसने ना जाने कितने देवी-देवताओं से प्रार्थना की होगी। आखिरकार इस महिला की प्रार्थना भगवान ने सुन ली। जब अचानक से ही 10 साल पहले लापता उसका पति मिल गया। पति की भिखारी जैसी हालत थी, जिसे देखकर महिला भावुक होकर उससे लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी। पति से दोबारा मिलने के बाद महिला की आंखों में खुशी के आंसू थे। महिला ने पति को देखते ही दौड़ कर गले लगा लिया और दुलार करने लगी।
ऐसा बताया जा रहा है कि जब महिला को उसका पति मिला, तो उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। महिला का पति किसी को भी पहचान नहीं पा रहा है। लेकिन महिला ने पूरे भरोसे के साथ अपने पति को पहचान लिया। महिला ने कहा कि यही मेरे देवता हैं, जिनका 10 सालों से इंतजार कर रही थी। मिली जानकारी के मुताबिक महिला का नाम जानकी देवी है और उसके पति का नाम मोतीचंद वर्मा है। दोनों की शादी 21 साल पहले हुई थी। उनके तीन बेटे हुए। पत्नी ने बताया कि पति मानसिक रूप से बीमार था और 10 साल पहले घर से अचानक कहीं चला गया था।
जख्मी हालत में सड़क पर मिला पति
जानकी देवी अपने रिश्तेदारों की मदद से सालों से अपने पति को हर जगह तलाश कर रही थी। लेकिन उनका कहीं भी पता नहीं चल पा रहा था। जानकी देवी अपने तीनों बेटों के साथ जैसे-तैसे अपनी जिंदगी जी रही थी। उन्होंने अपने पति की तलाश दूर-दूर तक की। तांत्रिकों का भी सहारा लिया लेकिन कुछ भी फायदा नहीं हुआ। जब अब 10 साल बाद जानकी देवी अपने बेटे का इलाज कराने जिला अस्पताल बलिया जा रही थी तो इसी दौरान उनकी नजर रास्ते में जख्मी रूप से फटे पुराने कपड़े पहने एक व्यक्ति पर पड़ी। इतने साल के बाद भी उन्होंने अपने पति को पहचान लिया, उन्हें देखकर वह भावुक होकर उससे लिपट कर रोने लगी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।