सोलर पैनल निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वारी इंजीनियरिंग लिमिटेड ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया है कि वह एनल ग्रीन पॉवर डेवलपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। इस अधिग्रहण के लिए कंपनी ने 10 जनवरी को शेयर पर्चेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। वारी इंजीनियरिंग इस डील के तहत 792 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कदम कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
क्या फायदा होगा इस अधिकरण का जानिए
वारी इंजीनियरिंग लिमिटेड द्वारा एनल ग्रीन पॉवर डेवलपमेंट इंडिया का अधिग्रहण कंपनी के लिए एक बड़ा रणनीतिक कदम साबित हो सकता है। इस अधिग्रहण के बाद एनल ग्रीन पॉवर वारी एनर्जी की सब्सिडियरी बन जाएगी। एनल ग्रीन फिलहाल भारत में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिसकी मौजूदा ऑपरेशनल क्षमता 640 MWAC (760 MWDC) है।
इस डील से वारी एनर्जी का पोर्टफोलियो और व्यापक होगा, क्योंकि अब कंपनी के व्यवसाय में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स भी शामिल हो जाएंगे। रेवन्यू बढ़ाने के साथ यह अधिग्रहण ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में वारी की पकड़ को और मजबूत करेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह अधिग्रहण तीन महीने के भीतर पूरा हो जाएगा, बशर्ते नियामकीय मंजूरी समय पर मिल जाए।
क्या दमदार रहा शेयर बाजार में कंपनी का प्रदर्शन जानिए
वारी एनर्जी लिमिटेड ने आईपीओ लिस्टिंग के बाद से ही निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि, हाल के दिनों में इसके शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। शुक्रवार को कंपनी के शेयर में 1.52 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 2561 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। बीते एक महीने में शेयर लगभग 20 प्रतिशत गिर चुका है।
कंपनी का आईपीओ 21 से 23 अक्टूबर 2024 के बीच खुला था, जिसमें प्राइस बैंड 1427 से 1503 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। लिस्टिंग के दिन ही वारी एनर्जी ने 66.30 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ 2500 रुपये पर शुरुआत की थी। कंपनी का 52 वीक हाई 3743 रुपये और 52 वीक लो 2300 रुपये रहा है। वर्तमान में वारी एनर्जी का मार्केट कैप 73,573.23 करोड़ रुपये है। हाल की गिरावट के बावजूद लंबे समय में कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं निवेशकों के लिए उत्साहजनक बनी हुई हैं।